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3 min read | अपडेटेड October 29, 2025, 09:11 IST
सारांश
सोने की कीमतों में मंगलवार को भारी गिरावट आई, जो तीन हफ्ते का निचला स्तर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस से नीचे गिर गया। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, व्यापार समझौते की उम्मीद और मुनाफावसूली के कारण यह बिकवाली तेज हुई है।

जानें सोने-चांदी का ताजा भाव
एमसीएक्स पर आज सोने-चांदी की कीमतों में हल्की तेजी देखी गई। गोल्ड 0.29% बढ़कर ₹1,19,988 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा, जबकि सिल्वर 0.68% की तेजी के साथ ₹1,45,320 प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रही थी। दोनों कीमती धातुओं में यह उछाल अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नरमी के बाद आई रिकवरी को दिखाता है।
सोने और चांदी में निवेश करने वालों के लिए एक बड़ी खबर है। दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में सुनामी जैसी गिरावट देखने को मिली। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव कम होने की खबरों ने निवेशकों का रुख बदल दिया, जिसका सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ा। सोना एक ही दिन में 4,100 रुपये सस्ता हो गया, वहीं चांदी की कीमतों में भी 6,000 रुपये से ज्यादा की भारी गिरावट दर्ज की गई।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, दिल्ली के बाजार में सोने की कीमतें 4,100 रुपये गिरकर 1,21,800 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गईं। आपको बता दें कि सोमवार को सोना 1,25,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ था। यह गिरावट सिर्फ 24 कैरेट सोने तक सीमित नहीं रही। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने के दाम भी 4,100 रुपये गिरकर 1,21,200 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर आ गए, जो पहले 1,25,300 रुपये पर थे।
सोने की राह पर चलते हुए चांदी ने भी निवेशकों को बड़ा झटका दिया। मंगलवार को चांदी की कीमतों में 6,250 रुपये की भारी गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के बाद चांदी का भाव 1,45,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) रह गया। संघ के अनुसार, सोमवार को चांदी 1,51,250 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
बाजार के जानकारों का कहना है कि इस बड़ी गिरावट के पीछे कई अंतरराष्ट्रीय कारण हैं। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने बताया कि सोने में गिरावट का मुख्य कारण 'सुरक्षित निवेश' की मांग में कमी आना है। जब दुनिया में आर्थिक या राजनीतिक तनाव होता है, तो लोग सोने में पैसा लगाते हैं, लेकिन अभी अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते को लेकर अच्छी खबरें आ रही हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी समकक्ष शी चिनफिंग समझौते के मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, ट्रंप ने जापान के साथ भी व्यापार समझौते पर भरोसा जताया है। इन सकारात्मक संकेतों से निवेशकों ने सोने से पैसा निकालना शुरू कर दिया, जिससे बिकवाली तेज हो गई और कीमतें तीन सप्ताह के निचले स्तर पर आ गईं। इसे 'तकनीकी बिक्री' या मुनाफावसूली भी कहा जा रहा है, क्योंकि इस साल सोने की कीमत 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुकी थी।
यह गिरावट सिर्फ भारतीय बाजार में नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी देखी गई। हाजिर सोना 94.36 डॉलर (2.37 प्रतिशत) गिरकर 3,887.03 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। इससे पहले ही यह 4,000 डॉलर के अहम स्तर से नीचे आ गया था। वहीं, हाजिर चांदी भी 2.85 प्रतिशत टूटकर 45.56 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी।
अब निवेशकों की नजर बुधवार को होने वाली अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक पर है, जहां केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत अंक की कटौती की व्यापक उम्मीद है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने में अभी और गिरावट आ सकती है और कीमतें 5 से 10 प्रतिशत तक सुधर सकती हैं, क्योंकि बड़े कारोबारी मुनाफावसूली जारी रखेंगे।
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