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4 min read | अपडेटेड December 30, 2025, 09:24 IST
सारांश
सोमवार को सोने और चांदी की कीमतों में कल दोपहर अचानक से जोरदार गिरावट दर्ज की गई। मुनाफावसूली और चीन के निर्यात प्रतिबंधों के साथ-साथ रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म होने की उम्मीदों ने कीमतों को नीचे धकेल दिया। चांदी ने जहां 2.5 लाख का ऐतिहासिक स्तर छुआ, वहीं कुछ ही घंटों में इसमें 10 फीसदी की बड़ी गिरावट आई।

सोने और चांदी की रिटेल मार्केट में क्या है कीमत?
Gold Price 30 Dec: मंगलवार को बुलियन बाजार में मजबूती देखने को मिली। सोना 10 ग्राम के भाव में 726 रुपये की तेजी के साथ 1,35,668 रुपये पर कारोबार करता नजर आया, जिससे इसमें करीब 0.54 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। वहीं चांदी में जबरदस्त उछाल देखने को मिला और यह 8,541 रुपये की छलांग लगाकर 2,32,970 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई, जो 3.81 फीसदी की मजबूती को दर्शाता है।
सोमवार 29 दिसंबर को दोपहर में करीब 12 बजे के आसपास भारतीय सर्राफा बाजार में एक बेहद चौंकाने वाला घटनाक्रम देखने को मिला। पिछले कई दिनों से लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहे सोने और चांदी के दामों में अचानक एक बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट की मुख्य वजह निवेशकों द्वारा की गई भारी मुनाफावसूली को माना जा रहा है। बाजार में लंबे समय से जारी तेजी के बाद जैसे ही कीमतों ने एक खास स्तर को पार किया, बड़े निवेशकों ने अपना मुनाफा बुक करना शुरू कर दिया। इसके अलावा चीन द्वारा चांदी के निर्यात पर लगाए जाने वाले नए प्रतिबंधों और वैश्विक स्तर पर कम होते भू-राजनीतिक तनाव ने भी इस गिरावट में आग में घी डालने का काम किया।
सोमवार के कारोबारी सेशन में सोने के फरवरी कॉन्ट्रैक्ट में करीब 3 फीसदी की गिरावट आई। दिन की शुरुआत में सोना 1,40,444 रुपये प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई पर था, लेकिन शाम होते-होते यह गिरकर 1,36,171 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया। यानी कुछ ही घंटों में सोने की कीमतों में 4,273 रुपये की बड़ी कमी देखी गई। चांदी की बात करें तो वहां स्थिति और भी ज्यादा हैरान करने वाली रही। एमसीएक्स पर चांदी पहली बार 2.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के ऐतिहासिक आंकड़े को पार कर गई और 2,54,174 रुपये के स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, इस रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचते ही बिकवाली का ऐसा दौर शुरू हुआ कि चांदी 10 फीसदी से भी ज्यादा टूटकर 2,25,500 रुपये के निचले स्तर पर आ गई।
रिटेल मार्केट की बात करें तो दिल्ली में 24 कैरेट गोल्ड की कीमत प्रति 10 ग्राम 1,41,360 रुपये के आसपास है। वहीं 22 कैरेट लगभग 1,29,590 रुपये में मिल रहा है। इस साल सोने की कीमतों में 70 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है, जो 1979 के बाद से पहली बार ऐसा हुआ है, जब सोना एक साल में इतना रिटर्न दिया हो।
चांदी की कीमतों में इस बड़ी उठापटक के पीछे चीन की नई नीतियां एक बड़ा कारण बताई जा रही हैं। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चांदी उत्पादक देश चीन 1 जनवरी से चांदी के निर्यात पर कड़े प्रतिबंध लगाने जा रहा है। इसके लिए एक सरकारी लाइसेंसिंग व्यवस्था लागू की जा रही है। हालांकि चीन खुद चांदी का बहुत बड़ा उपभोक्ता है, लेकिन उसके इस फैसले से दुनिया भर में चांदी की सप्लाई को लेकर चिंता बढ़ गई है। इसी बीच दिग्गज कारोबारी एलन मस्क ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चांदी की कीमतों में इस तरह का उछाल अच्छा नहीं है, क्योंकि कई औद्योगिक प्रक्रियाओं में चांदी की बहुत अधिक जरूरत होती है।
कीमतों में आई इस गिरावट के पीछे अंतरराष्ट्रीय राजनीति के बदलते समीकरण भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध खत्म करने के लिए एक समझौते पर बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात के बाद कहा कि दोनों देश समझौते के बहुत करीब हैं। युद्ध खत्म होने की इस खबर से सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने और चांदी की मांग में कमी आई है। इसके साथ ही अमेरिका के सीएमई ग्रुप ने चांदी के वायदा कारोबार के लिए मार्जिन की सीमा 20 हजार डॉलर से बढ़ाकर 25 हजार डॉलर कर दी है। इस फैसले के चलते ट्रेडर्स के लिए चांदी में दांव लगाना महंगा हो गया है, जिससे बाजार में बिकवाली का दबाव और बढ़ गया।
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