return to news
  1. Year-Ender 2025: गोल्ड का 'गोल्डन ईयर' बना 2025, तय किया 80 हजार से 1.35 लाख तक का सफर, यहां देखें तेजी की पूरी टाइमलाइन

बिजनेस न्यूज़

Year-Ender 2025: गोल्ड का 'गोल्डन ईयर' बना 2025, तय किया 80 हजार से 1.35 लाख तक का सफर, यहां देखें तेजी की पूरी टाइमलाइन

विकास तिवारी

5 min read | अपडेटेड December 16, 2025, 15:21 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

साल 2025 सोने के निवेशकों के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है। एमसीएक्स पर सोने ने 1.35 लाख रुपये का साइकोलॉजिकल लेवल पार कर लिया। 15 दिसंबर 2025 को इसने 1,35,496 रुपये का ऑल-टाइम हाई बनाया। अब यहां सवाल ये है कि आखिर इतनी तेजी आई क्यों? चलिए परत-दर-परत समझते हैं।

Gold Price History 2025

सोने और चांदी की कीमतों में ऐतिहासिक तेजी देखने को मिल रही है।

Year-Ender 2025: साल 2025 को अगर हम 'सोने का साल' कहें तो बिल्कुल गलत नहीं होगा। शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के बीच जिस एसेट क्लास ने निवेशकों को सबसे ज्यादा सुरक्षा और मोटा मुनाफा दिया है, उसमें से एक सोना भी है। साल की शुरुआत से लेकर दिसंबर के इस हफ्ते तक, सोने की कीमतों ने एकतरफा तेजी दिखाई है। एमसीएक्स (MCX) पर सोने का भाव जिस तरह से बढ़ा है, उसने पिछले सारे अनुमानों को ध्वस्त कर दिया है। 15 दिसंबर 2025 की तारीख इतिहास में दर्ज हो गई है, जब सोने ने 1,35,496 रुपये प्रति 10 ग्राम का अब तक का सबसे हाई लेवल (All-Time High) छू लिया। आइए, विस्तार से समझते हैं कि 2025 में सोने का सफर कैसा रहा और इसने निवेशकों को कितना रिटर्न दिया।
Open FREE Demat Account within minutes!
Join now

2025 की शुरुआत और तेजी का दौर

साल 2025 की शुरुआत में सोने का भाव आज के मुकाबले काफी नीचे था। 2024 के अंत तक सोना 75,000 से 80,000 रुपये की रेंज में था। लेकिन 2025 की पहली तिमाही से ही इसमें हलचल शुरू हो गई। जैसे-जैसे अमेरिका में मंदी की आहट और फेडरल रिजर्व (Fed) द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ी, सोने ने रफ्तार पकड़नी शुरू की। साल के मध्य तक आते-आते सोना 1 लाख रुपये के साइकोलॉजिकल लेवल को पार करने की दिशा में बढ़ गया था। वैश्विक स्तर पर डॉलर की कमजोरी ने इसमें आग में घी का काम किया और घरेलू बाजार में कीमतें आसमान छूने लगीं।

क्यों आई इतनी बड़ी तेजी?

इस साल सोने में आई रिकॉर्ड तोड़ तेजी के पीछे सिर्फ एक कारण नहीं था। पहला बड़ा कारण केंद्रीय बैंकों की खरीदारी रही। दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों ने 2025 में भारी मात्रा में सोना खरीदा। दूसरा कारण भू-राजनीतिक तनाव रहा, जिसने निवेशकों को शेयर बाजार से पैसा निकालकर सोने में लगाने पर मजबूर किया। तीसरा और सबसे ताजा कारण करेंसी मार्केट की हलचल है। रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक ऑफ जापान द्वारा 11 महीनों में पहली बार ब्याज दरें बढ़ाने की तैयारी से 'येन' मजबूत हुआ और डॉलर कमजोर। कमजोर डॉलर ने सोने को ग्लोबल मार्केट में 4,315 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंचा दिया, जिसका सीधा असर भारत में कीमतों पर दिखा।

निवेशकों को मिला कितना रिटर्न?

अगर हम रिटर्न की बात करें तो 2025 में सोने ने इक्विटी और एफडी जैसे पारंपरिक निवेशों को पीछे छोड़ दिया है। साल की शुरुआत से अब तक सोने ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। जहां 16 दिसंबर को हाजिर बाजार में सोना 4,315 डॉलर प्रति औंस पर है, वहीं एमसीएक्स पर यह 1,34,180 रुपये पर ट्रेड कर रहा है। एक हफ्ते में ही इसमें 2.53 फीसदी की तेजी आई है। अगर कोई निवेशक साल की शुरुआत में निवेश करता, तो आज उसे पोर्टफोलियो में 50 फीसदी से ज्यादा का उछाल (शुरुआती भाव के आधार पर) देखने को मिलता।

यहां पढ़ें पूरी टाइमलाइन

जनवरी से मार्च: 90 हजार के तरफ पहला कदम

साल 2025 की शुरुआत में सोना 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की रेंज में था। जनवरी और फरवरी में बाजार थोड़ा स्थिर रहा, लेकिन मार्च का महीना आते ही पहली बड़ी हलचल हुई। मार्च में वैश्विक तनाव और अमेरिका में मंदी की सुगबुगाहट के चलते सोने ने पहली बार लंबी छलांग लगाई। मार्च के अंत तक एमसीएक्स पर सोने ने 90,000 रुपये का स्तर पार कर लिया। यह वह समय था जब निवेशकों को यकीन होने लगा कि यह साल सोने के लिए बहुत बड़ा होने वाला है।

जुलाई: जब पहली बार 1 लाख के पार हुआ सोना

मार्च के बाद अप्रैल और मई में कीमतें 90-95 हजार के बीच झूलती रहीं। लेकिन जुलाई का महीना सोने के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। यह वही महीना था जब सोने ने 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का मनोवैज्ञानिक स्तर (Psychological Level) तोड़ दिया। बजट के आसपास और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के पहले संकेत मिलते ही जुलाई में सोने ने एमसीएक्स पर 1,00,000 रुपये का ऑल-टाइम हाई बनाया। यह बाजार के लिए एक बहुत बड़ी घटना थी।

अक्टूबर: त्योहारी सीजन में 1.15 लाख का रिकॉर्ड

जुलाई की तेजी के बाद बाजार थोड़ा सुस्त हुआ, लेकिन गिरावट नहीं आई। इसके बाद आया अक्टूबर का महीना, जो भारत में त्योहारों का महीना होता है। दिवाली और धनतेरस की मांग ने कीमतों में आग में घी का काम किया। अक्टूबर में भारी खरीदारी के चलते सोने ने अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ा और 1,15,000 रुपये से 1,20,000 रुपये की रेंज में नया हाई बना दिया। शादियों के सीजन की डिमांड ने इस तेजी को और हवा दी।

दिसंबर: 1.35 लाख का ऐतिहासिक शिखर

साल का अंत सबसे धमाकेदार दिख रहा। आरबीआई और अन्य केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती शुरू कर दी थी। इसका असली असर दिसंबर में दिखा। 15 दिसंबर 2025 को सोने ने अब तक के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। इस दिन एमसीएक्स पर सोने ने 1,35,496 रुपये का ऑल-टाइम हाई बनाया। यह तेजी इतनी जबरदस्त थी कि एक ही हफ्ते में भाव कई हजार रुपये बढ़ गए।

मार्केट में हलचल?
स्मार्ट टूल्स के साथ आगे बढ़ें
promotion image

लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

अगला लेख