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Gold Monetisation Scheme: आज से बंद गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम, शॉर्ट टर्म डिपॉजिट चालू रहेंगे

Upstox

2 min read | अपडेटेड March 26, 2025, 09:13 IST

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सारांश

Gold Monetisation Scheme: बाजार की स्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने स्वर्ण मौद्रीकरण योजना को बंद करने का फैसला किया है। इसके तहत शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट अभी चालू रहेंगे जबकि मीडियम और लॉन्ग-टर्म डिपॉजिट बंद कर दिए गए हैं। यह योजना 2015 में घरों और संस्थानों में पड़े सोने के बेहतर इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने और सोने के आयात को कम करने के इरादे से लाई गई थी।

Gold Monetisation Scheme के तहत नवंबर, 2024 तक सरकार लगभग 31,164 किलोग्राम सोना जुटा चुकी थी।

Gold Monetisation Scheme के तहत नवंबर, 2024 तक सरकार लगभग 31,164 किलोग्राम सोना जुटा चुकी थी।

Gold Monetisation Scheme: सोने के आयात पर देश की निर्भरता को कम करने और घरों-संस्थानों में पड़े सोने का बेहतर इस्तेमाल करने के इरादे से लाई गई गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम (Gold Monetisation Scheme, GMS) को बंद करने का फैसला किया गया है।

वित्त मंत्रालय का कहना है कि सरकार ने बेहतर होती बाजार स्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है।

हालांकि, मंत्रालय ने बताया है कि इस स्कीम के तीन हिस्सों में से एक, शॉर्ट टर्म डिपॉजिट यानी एक से तीन साल वाली अपनी अल्पकालिक स्वर्ण जमा योजनाओं को बैंक जारी रख सकते हैं।

सरकार ने स्वर्ण मौद्रीकरण योजना का ऐलान 15 सितंबर, 2015 को किया था और इसके तहत नवंबर, 2024 तक लगभग 31,164 किलोग्राम सोना जुटाया जा चुका था। GMS के तीन हिस्से हैं- अल्पकालिक बैंक जमा यानी शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (एक-तीन साल), मध्यम अवधि सरकारी जमा यानी मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (पांच-सात सल) और दीर्घकालिक सरकारी जमा यानी लॉन्ग-टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (12-15 वर्ष)।

मंत्रालय ने बताया है कि स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के प्रदर्शन की पड़ताल और बाजार की उभरती स्थितियों के आधार पर 26 मार्च, 2025 से GMS के मध्यम अवधि और दीर्घकालिक सरकारी जमा (मीडियम और लॉन्ग टर्म) वाले हिस्सों को बंद करने का फैसला किया गया है।

हालांकि, GMS के तहत बैंकों द्वारा पेश की जाने वाली अल्पकालिक बैंक जमा (STBD) की सुविधा बैंकों के अपने विवेक पर जारी रहेगी।

बैंक वाणिज्यिक व्यवहार्यता का आकलन कर STBD को जारी रखने का फैसला कर सकते हैं। इस संबंध में रिजर्व बैंक के विस्तृत दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा।

मंत्रालय ने कहा कि GMS के मध्यम-अवधि वाले घटक के तहत कोई भी सोना जमा 26 मार्च, 2025 से स्वीकार नहीं किया जाएगा लेकिन इस घटक के तहत मौजूदा जमा GMS के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुरूप अवधि पूरी होने तक जारी रहेगा।

नवंबर, 2024 तक जमा कुल 31,164 किलोग्राम सोने में से अल्पकालिक स्वर्ण जमा 7,509 किलोग्राम, मध्यम अवधि स्वर्ण जमा (9,728 किलोग्राम) और दीर्घकालिक स्वर्ण जमा (13,926 किलोग्राम) था। जीएमएस में लगभग 5,693 जमाकर्ताओं ने भाग लिया।

सोने की कीमतें एक जनवरी, 2024 को 63,920 रुपये प्रति 10 ग्राम से 26,530 रुपये यानी 41.5 प्रतिशत बढ़कर 90,450 रुपये प्रति 10 ग्राम (25 मार्च 2025 तक) हो गई हैं।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।