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  1. ग्लोबल अर्थव्यवस्था संकट में, भारत की स्थिति अमेरिकी टैरिफ से कितनी बिगड़ी? WEF रिपोर्ट में जानें

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ग्लोबल अर्थव्यवस्था संकट में, भारत की स्थिति अमेरिकी टैरिफ से कितनी बिगड़ी? WEF रिपोर्ट में जानें

Upstox

2 min read | अपडेटेड September 24, 2025, 09:18 IST

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सारांश

डब्ल्यूईएफ की लेटेस्ट ‘मुख्य अर्थशास्त्रियों का परिदृश्य’ रिपोर्ट कहती है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 2025 में इसकी वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान जताया है।

वर्ल्ड इकॉनमी फोरम

ग्लोबल अर्थव्यवस्था किन वजहों से संकट में है?

World Economic Forum (WEF) यानी कि विश्व आर्थिक मंच ने मंगलवार को कहा कि ग्लोबल अर्थव्यवस्था कमजोर वृद्धि और सिस्टमैटिक रुकावटों के दौर में प्रवेश कर रही है और साल 2026 तक यह प्रवृत्ति और भी गहरी हो सकती है। डब्ल्यूईएफ की लेटेस्ट ‘मुख्य अर्थशास्त्रियों का परिदृश्य’ रिपोर्ट कहती है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 2025 में इसकी वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका द्वारा हाल ही में भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लगाने से देश की मैनुफैक्चरिंग महत्वाकांक्षाओं पर असर पड़ सकता है, जिसका असर पूरे दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय परिदृश्य पर पड़ेगा।

अगले साल कैसी रहेगी ग्लोबल अर्थव्यवस्था?

रिपोर्ट में शामिल 72% मुख्य अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगले साल ग्लोबल अर्थव्यवस्था और कमजोर होगी। इसकी प्रमुख वजहें बढ़ते व्यापार व्यवधान, नीतिगत अनिश्चितता और तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी बताई गई हैं। डब्ल्यूईएफ ने कहा कि पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका, दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र जैसे उभरते बाजार ग्लोबल वृद्धि के मुख्य इंजन बने रहेंगे। इससे उलट अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती बनी रहने की आशंका है। यूरोप में 40% और अमेरिका में 52% अर्थशास्त्री कमजोर या बेहद कमजोर वृद्धि की आशंका जता रहे हैं।

चीन को लेकर क्या है नजरिया?

चीन को लेकर मुख्य अर्थशास्त्रियों का नजरिया मिला-जुला है। करीब 56% विशेषज्ञ चीन में मध्यम वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन मुद्रास्फीति में गिरावट का दबाव बने रहने की आशंका है। दक्षिण एशिया के बारे में रिपोर्ट कहती है कि मौजूदा हालात में वृद्धि की उम्मीदें कुछ नरम पड़ी हैं। अप्रैल में 33% अर्थशास्त्री मजबूत वृद्धि की संभावना देख रहे थे, लेकिन अब यह आंकड़ा घटकर 31% रह गया है। इसके उलट, मध्यम वृद्धि की उम्मीद करने वालों का हिस्सा 55% से बढ़कर 66% हो गया है।

अगस्त में बढ़ी भारत में रिटेल महंगाई

भारत में रिटेल महंगाई जुलाई में घटकर 1.55% पर आ गई थी, जो 2017 के बाद सबसे निचला स्तर है। हालांकि, अगस्त के अंत में यह बढ़कर 2.07% हो गई। डब्ल्यूईएफ की प्रबंध निदेशक सादिया जाहिदी ने कहा, ‘व्यापार, प्रौद्योगिकी, संसाधन और संस्थानों में व्यवधान नए आर्थिक परिवेश का निर्माण कर रहे हैं। नेताओं को आज की अशांति को आने वाले कल की मजबूती में बदलने के लिए तत्काल और मिलकर कदम उठाने होंगे।’

भाषा इनपुट के साथ
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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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