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DRDO Scramjet Engine Test: 1000 सेकंड तक हाइपरसॉनिक टेक्नॉलजी का टेस्ट, नेक्स्ट-जेन मिसाइल की ओर कदम

Upstox

3 min read | अपडेटेड April 26, 2025, 15:14 IST

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सारांश

DRDO Scramjet Engine Test: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने अडवांस्ड हाइपरसॉनिक मिसाइल टेक्नॉलजी हासिल करने की ओर एक कदम और बढ़ाया है। DRDO की लैब ने स्क्रैमजेट इंजन कंबशन टेस्ट पूरा कर लिया है जिसके बाद इसके उड़ान योग्य कंबशन टेस्ट का रास्ता तैयार हो गया है।

हाइपरसॉनिक टेक्नॉलजी टेस्ट भविष्य में आत्मनिर्भरता के साथ रक्षा क्षमता को और मजबूत करने की ओर कदम। (तस्वीर: PIB)

हाइपरसॉनिक टेक्नॉलजी टेस्ट भविष्य में आत्मनिर्भरता के साथ रक्षा क्षमता को और मजबूत करने की ओर कदम। (तस्वीर: PIB)

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation, DRDO) ने हाइपरसॉनिक हथियारों की टेक्नॉलजी के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता हासिल की है।

DRDO की रक्षा अनुसंधान और विकास लैब (Defence Research & Development Laboratory , DRDL) ने स्क्रैमजेट इंजन (Supersonic Combustion Ramjet या SCRamjet Engine) को बेहतर बनाने के लिए 1000 सेकंड तक टेस्ट किया जिसकी सफलता से देश के अंदर रक्षा उपकरणों के विकास में आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम और बढ़ता नजर आ रहा है।

भारत के अलावा रूस, चीन और अमेरिका जैसे देश हाइपरसॉनिक हथियार डिवेलप और अडवांस करने के लिए रिसर्च कर रहे हैं और इसमें स्क्रैमजेट इंजन केंद्रीय भूमिका निभाते हैं।

हैदराबाद की DRDL ने ऐक्टिव कूल्ड स्क्रैमजेट सबस्केल कम्बस्टर का लंबे ड्यूरेशन का टेस्ट किया। इसके पहले इसी साल जनवरी में पहले चरण के दौरान 120 सेकंड के लिए टेस्ट किया गया था।

25 अप्रैल को किए गए टेस्ट के सफल होने के साथ उम्मीद की जा रही है कि ग्राउंड टेस्ट के बाद अब उड़ान से जुड़े तकनीकी पहलुओं को समझने के लिए कम्बस्टर टेस्टिंग के लिए तैयार है।

हाइपरसॉनिक क्रूज मिसाइलें ऐसे हथियार होते हैं जो आवाज की रफ्तार से 5 गुना ज्यादा तेजी के साथ दौड़ लगाते हैं। ये लंबे वक्त तक ऑपरेट करने की क्षमता रखते हैं और इनमें एयर ब्रीदिंग इंजन का इस्तेमाल किया जाता है।

सुपरसॉनिक कंबशन क्षमता वाले एयर ब्रीदिंग प्रपल्शन इंजन सिस्टम लंबी वक्त की क्रूज कंडीशन्स के लिए अहम भूमिका निभाते हैं।

यह परीक्षण लंबी अवधि के स्क्रैमजेट कम्बस्टर के डिजाइन के साथ-साथ टेस्टिंग फसिलिटी को भी मान्यता देताा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह DRDO की प्रयोगशालाओं द्वारा रक्षा उद्योग व शिक्षा जगत के साथ मिलकर किए गए एकीकृत प्रयास का नतीजा है और यह देश के हाइपरसॉनिक क्रूज मिसाइल विकास कार्यक्रम के लिए एक सशक्त आधार तैयार करता है।

केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इस सफल टेस्ट के लिए DRDO को बधाई दी है। उन्होंने इस सफलता को राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण हाइपरसोनिक हथियार प्रौद्योगिकियों को साकार करने में सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब बताया।

रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने महानिदेशक (मिसाइल और सामरिक प्रणाली) श्री यू राजा बाबू, रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला के निदेशक डॉ. जीए श्रीनिवास मूर्ति व उनकी पूरी टीम को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए 1,000 सेकंड से अधिक समय तक सुपरसोनिक दहन का सफल परीक्षण करने के लिए बधाई दी।

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