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Digital Personal Data Protection Rules 2025: सरकार ने किया अधिसूचित, आपके लिए क्यों इतना अहम?

Upstox

2 min read | अपडेटेड November 14, 2025, 16:38 IST

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सारांश

Digital Personal Data Protection Rules 2025: सरकार ने बहुप्रतीक्षित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (Digital Personal Data Protection, DPDP) नियम 2025 शुक्रवार को जारी कर दिए। इन्हें 12 से 18 महीने में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियम

सरकार ने अधिसूचित किया डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियम

सरकार ने बहुप्रतीक्षित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (Digital Personal Data Protection, DPDP) नियम 2025 शुक्रवार को जारी कर दिए। इन्हें 12 से 18 महीने में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इन नियमों का मकसद नागरिकों को अपने डेटा पर कंट्रोल देना, दुरुपयोग की जांच करने की अनुमति देना और ऑनलाइन प्लैटफॉर्मों में उनकी गोपनीयता की रक्षा करना है। नियमों के कुछ हिस्सों को तुरंत लागू किया जाएगा, जबकि सहमति प्रबंधकों के पंजीकरण और दायित्वों, ‘डेटा फिड्यूशरी’ द्वारा लोगों को उनके डेटा की प्रोसेसिंग के लिए नोटिस और व्यक्तिगत डेटा की प्रोसेसिंग से जुड़े कुछ अन्य प्रमुख मानदंडों जैसे प्रावधानों को 12-18 महीने के पीरियड में लागू किया जाएगा। इन नियमों से नागरिकों को फर्जी कॉल और किसी भी डिजिटल माध्यम से उनके व्यक्तिगत डेटा, वीडियो और आवाज तक अनधिकृत पहुंच से बचने में मदद मिलने की उम्मीद है। अधिसूचना में कहा गया, ‘डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2023 (2023 का 22) की धारा 40 की उप-धारा (1) और (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार इसके द्वारा निम्नलिखित नियम बनाती है ... इन नियमों को डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियम, 2025 कहा जा सकता है।’

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कितना लगेगा जुर्माना?

नियमों में डेटा संरक्षण बोर्ड की स्थापना के लिए एक मैकेनिज्म निर्धारित किया गया है जो डीपीडीपी अधिनियम 2023 में सूचीबद्ध उल्लंघन की प्रकृति के आधार पर जुर्माना लगाएगा। डीपीडीपी अधिनियम 2023 में ‘डेटा फिड्यूशरी’ पर प्रत्येक उल्लंघन के लिए 250 रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। हालांकि, छोटे व्यवसायों की सुरक्षा के लिए इसमें एक श्रेणीबद्ध दंड प्रणाली भी रखी गई है। ‘डेटा फिड्यूशरी’ वह निकाय (व्यक्ति, कंपनी, कंपनी, राज्य आदि) है जो किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत डेटा की प्रोसेसिंग का उद्देश्य और साधन निर्धारित करता है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 8 साल बाद हुआ लागू

ये नियम सुप्रीम कोर्ट द्वारा 24 अगस्त 2017 को दिए गए उस फैसले के आठ साल बाद लागू हुए, जिसमें कहा गया था कि निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और इस पर संविधान में निहित मौलिक अधिकारों से संबंधित प्रतिबंध निर्दिष्ट हैं।

भाषा इनपुट के साथ
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Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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