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  1. अमेरिका कर रहा था लंबे समय से यह मांग, चीन ने आखिरकार किया ऐलान, WTO भी हो गया खुश

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अमेरिका कर रहा था लंबे समय से यह मांग, चीन ने आखिरकार किया ऐलान, WTO भी हो गया खुश

Upstox

2 min read | अपडेटेड September 24, 2025, 15:40 IST

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सारांश

वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में इस दर्जे के फायदों में आयात के लिए अपने मार्केट खोलने के लिए कम कार्रवाई आदि शामिल है। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन ग्लोबल ट्रेड वार्ताओं के लिए एक प्लैटफॉर्म देता है और समझौतों को लागू करता है लेकिन इसकी प्रभावशीलता कम हो गई है जिससे सुधारों की मांग बढ़ रही है।

चीन-अमेरिका

अमेरिका लंबे समय से यह मांग कर रहा था, चीन ने आखिरकार ऐलान कर दिया।

चीन ने कहा है कि वह अब World Trade Organization (WTO) यानी कि विश्व व्यापार संगठन के समझौतों में विकासशील देशों को दी जाने वाली खास सुविधा की मांग नहीं करेगा। यह एक ऐसा बदलाव है जिसकी मांग अमेरिका लंबे समय से कर रहा था। वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि यह कदम ऐसे समय में ग्लोबल ट्रेडिंग सिस्टम को बढ़ावा देने की कोशिश है, जब यह टैरिफ वॉर और अलग-अलग देशों द्वारा आयात को प्रतिबंधित करने के संरक्षणवादी कदमों से खतरे में है। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका का नाम नहीं लिया और न ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस साल चीन सहित कई अन्य देशों पर टैरिफ लगाए जाने का उल्लेख किया। अमेरिका लंबे समय से यह तर्क देता रहा है कि चीन को विकासशील देश का दर्जा छोड़ देना चाहिए क्योंकि वह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में इस दर्जे के फायदों में आयात के लिए अपने मार्केट खोलने के लिए कम कार्रवाई आदि शामिल है। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन ग्लोबल ट्रेड वार्ताओं के लिए एक प्लैटफॉर्म देता है और समझौतों को लागू करता है लेकिन इसकी प्रभावशीलता कम हो गई है जिससे सुधारों की मांग बढ़ रही है। डब्ल्यूटीओ की महानिदेशक नगोजी ओकोंजो-इवेला ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर चीन के इस कदम को ‘डब्ल्यूटीओ सुधार के लिए एक बड़ी खबर’ करार दिया और देश के नेताओं की सराहना की तथा उन्हें धन्यवाद दिया।

उन्होंने लिखा, ‘यह कई सालों की कड़ी मेहनत का परिणाम है।’ चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक में चीन द्वारा आयोजित विकास मंच को संबोधित करते हुए भी इस बदलाव की घोषणा की थी। वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि चीन एक मध्यम आय वाला देश है और यह विकासशील दुनिया का हिस्सा बना हुआ है। हालांकि, यह तेजी से अन्य देशों के लिए ऋण और तकनीकी सहायता का स्रोत बन गया है जो सड़क, रेलवे, बांध और अन्य प्रमुख परियोजनाओं का निर्माण करना चाहते हैं। इन्हे अक्सर चीनी राज्य के स्वामित्व वाली प्रमुख कंपनियों द्वारा किया जाता है।

भाषा इनपुट के साथ
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