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Adani Group करेगा Jaiprakash Associates का अधिग्रहण, क्यों नहीं चली Vedanta की बड़ी बोली?

Upstox

2 min read | अपडेटेड November 19, 2025, 18:00 IST

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सारांश

Jaiprakash Associates कभी भारत की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक थी, लेकिन अब उस पर करीब ₹55000 करोड़ का कर्ज है। पिछले साल जून में इसके खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की गई थी, जो अब देश के सबसे बड़े दिवालिया मामलों में से एक है।

adani group

Jaiprakash Associates को टेकओवर करने के लिए वोटिंग में अदाणी ग्रुप को सबसे ज्यादा 89% वोट मिले।

अदाणी ग्रुप (Adani Group) को कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स (Jaiprakash Associates) को टेकओवर करने के लिए लेनदारों से मंजूरी मिल गई है। यह मंजूरी इसलिए मिली क्योंकि अदाणी का ₹14,535 करोड़ वाला प्रस्ताव बाकी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा अपफ्रंट पेमेंट (यानी शुरुआत में ही मिलने वाला भुगतान) दे रहा था। क्रेडिटर्स की कमेटी (Committee of Creditors) ने तीन कंपनियों के प्रस्तावों पर वोटिंग की- अदाणी ग्रुप, वेदांता लिमिटेड, और डालमिया सीमेंट (भारत)।

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Adani Group ने Vedanta को कैसे पछाड़ा?

वोटिंग में अदाणी ग्रुप को सबसे ज्यादा 89% वोट मिले। इसके बाद डालमिया सीमेंट और वेदांता को कम वोट मिले। इसका मतलब है कि लेनदार अदाणी ग्रुप का प्लान ज्यादा मजबूत और फायदेमंद मान रहे हैं। इस प्रोसेस को नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) ने लीड किया, जिसके पास अकेले कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) के लगभग 86% वोटिंग शेयर का कंट्रोल है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक लेनदारों ने अदाणी ग्रुप वेदांता के अधिक बड़ी रकम वाले प्रस्ताव से भी बेहतर माना, क्योंकि अदाणी का ऑफर ज्यादा upfront payment देता है, जिसे बैंक और अन्य स्टेकहोल्डर ज्यादा पसंद कर रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि वेदांता का ऑफर रकम के हिसाब से बड़ा था, करीब ₹17,000 करोड़, लेकिन इसकी भुगतान अवधि 5 साल की थी। वहीं अदाणी ने भुगतान की समयसीमा केवल 1.5 से 2 साल रखी, जिससे लेनदारों ने अदाणी को तरजीह दी।

Jaiprakash Associates पर ₹55000 करोड़ का कर्ज

बता दें कि जयप्रकाश एसोसिएट्स कभी भारत की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक थी, लेकिन अब उस पर करीब ₹55000 करोड़ का कर्ज है। पिछले साल जून में इसके खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की गई थी, जो अब देश के सबसे बड़े दिवालिया मामलों में से एक है।

अब आगे क्या?

अब जब लेनदारों ने अदाणी के पक्ष में वोट कर दिया है, तो Committee of Creditors (CoC) अंतिम निर्णय लेकर इसे NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) को भेजेगी। इस प्रक्रिया में सबसे बड़ा दावा NARCL (National Asset Reconstruction Company Ltd) का है, जिसने SBI सहित बैंकों के बड़े हिस्से का कर्ज खरीदा था। वेदांता ने कहा है कि वे CoC के फैसले का सम्मान करते हैं।

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Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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