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4 min read | अपडेटेड June 10, 2025, 08:34 IST
सारांश
Shubhanshu Shukla Mission Launch Date-Time: विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में कदम रखने वाले दूसरे भारतीय ग्रुप कैप्टल शुभांशु शुक्ला का Axiom Mission 4 लॉन्च को तैयार है। शुभांशु अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर कदम रखने वाले पहले भारतीय होंगे। लखनऊ के शुभांशु शुक्ला भारत के 'गगनयान' मिशन के लिए चुने गए हैं और उनका पहला मिशन 'गगनयान' पर उनके काम आएगा।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला Axiom Mission 4 के पायलट होंगे, जिसकी कमांडर हैं वेटरन ऐस्ट्रोनॉट पेगी विटसन। (तस्वीर: SpaceX)
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला भारत के पहले इंसानों को स्पेस में ले जाने वाले मिशन गगनयान (Gaganyaan) के लिए चुने गए 4 ऐस्ट्रोनॉट्स में से एक हैं। उन्होंने गगनयान मिशन के लिए रूस के मॉस्को, स्टार सिक्टी में स्थित युरू गगरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में एक साल तक जीतोड़ ट्रेनिंग भी की है।
पिछले साल मार्च में ही ग्रुप कैप्टन बने शुभांशु शुक्ला के पास 2000 घंटों से ज्यादा का फ्लाइट एक्सपीरियंस है जिसमें उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar, Hawk, Dornier और An-32 जैसे एयरक्राफ्ट उड़ाए हैं।
शुभांशु का कहना है कि वह विंग कमांडर राकेश शर्मा की स्पेस विजिट की कहानियां सुनकर बड़े हुए हैं जिनसे वह बेहद प्रभावित रहे हैं। उनका कहना है कि वह जिस सफर पर हैं, वह काफी लंबा रहा है और उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि यह सफर ऐसा मोड़ लेगा। वह अपने आप को खुशकिस्मत बताते हैं कि उन्हें पहले उड़ान भरने का मौका मिला जो उनकी ड्रीम जॉब थी और आज यहां पहुंचे हैं।
शुभांशु ने इस मिशन के लिए उत्साह जताते हुए कहा कि ऐसी चीजों पर क्या प्रतिक्रिया हो, यह समझना बहुत मुश्किल है। भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे शुभांशु शुक्ला इस मिशन पर पायलट के तौर पर शामिल हैं। इस मिशन की कमांडर वेटरन NASA ऐस्ट्रोनॉट पेगी विटसन हैं जो ISS की पहली महिला कमांडर रही हैं। विटसन का कहना है कि ड्रैगन कैप्सूल में शुभांशु का पायलट के तौर पर होना शानदार है क्योंकि वह स्पेसक्राफ्ट टेक्नॉलजी के मामले में ऑपरेशनल सैवी और बहुत ही स्मार्ट हैं।
उनके साथी ऐस्ट्रोनॉट्स उनकी समझदारी देखकर कहते हैं कि ऐसा लगता है शुभांशु 130 साल के हैं। वह बेहद फोकस्ड हैं। शुभांशु को भी उम्मीद है कि वह इस मिशन पर अपने साथियों के साथ बाद में भी दोस्त बने रहेंगे। शुभांशु का कहना है कि उनका सपना भारत में आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करने का है। अगर उनकी कहानी से सिर्फ एक जीवन भी बदला, तो यह उनके लिए बहुत बड़ी सफलता होगी।
Axiom Mission 4 का हिस्सा बवकर शुभांशु को स्पेसफ्लाइट, ग्रैविटी, लॉन्च प्रोटोकॉल, इमर्जेंसी की तैयारी जैसी बारीकियां फर्स्ट हैंड सीखने को मिलेंगी। यह एक्सपीडिशन 14 दिन का होगा और इस दौरान माइक्रोग्रैविटी रिसर्च, टेक्नॉलजी डेमॉन्स्ट्रेशन, एजुकेशनल प्रोग्राम्स और मीडिया इवेंट्स पर फोकस किया जाएगा।
इस मिशन के बारे में पहले केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया था कि इस मिशन पर जाने वाले एक्सपेरिमेंट्स से एक ISS पर खाने वाली माइक्रोऐल्गे पर माइक्रो ग्रैविटी और स्पेस रेडिएशन के असर को स्टडी करेगा। इसके अलावा ISS पर सायनोबैक्टीरिया जैसे स्पाइरुलिना और साइनेकोकस की ग्रोथ को माइक्रोग्रैविटी में स्टडी किया जाएगा।
Ax-4 क्रू के Dragon स्पेसक्राफ्ट के अंदर SpaceX के Falcon 9 रॉकेट से फ्लोरिडा स्थित स्पेस स्टेशन से उड़ान भरेगा। यह मिशन भारतीय समय के अनुसार 11 जून को शाम 5:52 पर लॉन्च होगा। पहले इसे मंगलवार 10 जून को लॉन्च होना था लेकिन मौसम से जुड़े कारणों से इसे पोस्टपोन कर दिया गया।
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