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  1. EV यूजर्स के लिए काम की खबर! इस राज्य में सोलर पीरियड में गाड़ी चार्ज कर बचा सकते हैं काफी पैसा, क्या है नया नियम?

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EV यूजर्स के लिए काम की खबर! इस राज्य में सोलर पीरियड में गाड़ी चार्ज कर बचा सकते हैं काफी पैसा, क्या है नया नियम?

Upstox

3 min read | अपडेटेड May 07, 2025, 13:51 IST

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सारांश

केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (KSERC) ने ईवी चार्जिंग स्टेशनों के लिए नए टाइम ऑफ डे (ToD) बिलिंग नियम का ऐलान कर दिया है। इस नियम के बाद से आप किस समय अपनी गाड़ी की बैटरी चार्ज कर रहे हैं, उसके मायने बहुत अहम हो जाएंगे।

इलेक्ट्रिक व्हीकल

केरला में दिन में ईवी चार्ज करने पर कर सकते हैं बंपर बचत

केरल में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) इस्तेमाल करने वालों के लिए यह खबर बहुत अहम है। अब उन्हें अपनी गाड़ी चार्ज करने के लिए घड़ी की सुई पर भी नजर गड़ाए रखनी होगी। केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (KSERC) ने ईवी चार्जिंग स्टेशनों के लिए नए टाइम ऑफ डे (ToD) बिलिंग नियम का ऐलान कर दिया है। इस नियम के बाद से आप किस समय अपनी गाड़ी की बैटरी चार्ज कर रहे हैं, उसके मायने बहुत अहम हो जाएंगे। मतलब दिन में किस समय पर आप अपनी गाड़ी चार्ज कर रहे हैं, उस टाइम को लेकर आपको ज्यादा या कम बिल भरना होगा।

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पहले ईवी चार्जिंग के लिए तीन जोन सिस्टम था, जिसे अब 2-जोन सिस्टम में बदल दिया गया है। सोलर पीरियड यानी कि सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे के बीच सोलर पीरियड काउंट किया जाएगा और शाम 4 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 9 बजे तक के समय को नॉन-सोलर पीरियड के तौर पर माना जाएगा। अगर आप अपनी ईवी को सोलर पीरियड में चार्ज करेंगे, तो ऐसे में आपको स्टैंडर्ड रेट से 30% कम चार्ज देना होगा। इसको उदाहरण से समझें तो अगर आप 100 रुपये की चार्जिंग कर रहे हैं, तो आपको महज 70 रुपये ही देने होंगे, वहीं अगर आप अपनी ईवी को नॉन-सोलर पीरियड के समय पर चार्ज करेंगे, तो ऐसे में आपको स्टैंडर्ड रेट से 30% ज्यादा का भुगतान करना होगा। मतलब की अगर आप 100 रुपये की चार्जिंग कर रहे हैं, तो ऐसे में आपको 130 रुपये की पेमेंट करनी होगी।

क्यों किया गया यह बदलाव

यह फैसला केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है और इसके प्रमुख उद्देश्य- ईवी मालिकों को सोलर-पीरियड के दौरान चार्ज करने के लिए प्रेरित करना, पीक ऑवर्स के दौरान ग्रिड पर लोड कम करना सौर ऊर्जा उत्पादन के उपयोग में सुधार करना है, जबकि घरेलू चार्जर अप्रभावित रहेंगे, राजमार्गों और शहरों में सार्वजनिक ईवी चार्जर अब इन संशोधित टैरिफ के तहत काम करेंगे। चार्जिंग स्टेशनों पर प्रभाव ऑन-ग्रिड कैप्टिव सोलर प्लांट का उपयोग करने वाले चार्जिंग स्टेशनों पर वित्तीय दबाव पड़ सकता है, अगर वे सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे के बीच अधिकतम सौर ऊर्जा का उपभोग करने में फेल रहते हैं और रात के समय खपत पर बहुत अधिक निर्भर रहते हैं, क्योंकि नॉन-सोलर पीरियड के दौरान स्टोर्ड सोलर एनर्जी का केवल 53% ही वापस जमा किया जाता है।

ईवी यूजर्स के लिए क्या फायदा और नुकसान?

ईवी यूजर्स की बात करें तो उनके लिए यह फैसला फायदा और नुकसान दोनों लेकर आ रहा है। ईवी यूजर्स दिन के समय में यानी कि सोलर-पीरियड में बैटरी चार्ज करके काफी पैसा बचा सकते हैं, खासकर वह लोग जिन्हें लंबी दूरी तय करनी होती है या गाड़ी डेली यूज करनी होती है। वहीं अगर इमरजेंसी में रात में गाड़ी चार्ज करानी पड़े, तो उनकी पॉकेट पर पहले से ज्यादा भार पड़ेगा।

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Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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