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3 min read | अपडेटेड August 12, 2025, 11:58 IST
सारांश
e-Shram पोर्टल पर अभी तक करीब 31 करोड़ असंगठित श्रमिक अपना नाम रजिस्टर कर चुके हैं। e-Shram पर रजिस्टर्ड इन गिग वर्कर्स को कई सारे लाभ मिलते हैं। चलिए एक नजर डालते हैं कि सरकार इन गिग वर्कर्स के लिए क्या कुछ कर रही है।
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श्रम और रोजगार मंत्रालय ने आधार से जुड़े असंगठित श्रमिकों का एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस (National Database of Unorganised Workers, NDUW) बनाने के लिए 26 अगस्त 2021 को ई-श्रम पोर्टल (eshram.gov.in) लॉन्च किया था। ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को स्व-घोषणा के आधार पर एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) देकर उनको रजिस्टर करना और उनका सपोर्ट करना है। 5 अगस्त 2025 तक, 30.98 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक पहले ही ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। असंगठित श्रमिकों के लिए विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने हेतु ई-श्रम को वन-स्टॉप-सॉल्यूशन के रूप में विकसित करने के बजट घोषणा 2024-25 के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 21 अक्टूबर 2024 को ई-श्रम- ‘वन-स्टॉप-सॉल्यूशन’ की शुरुआत की थी।
ई-श्रम- ‘वन-स्टॉप-सॉल्यूशन’ विभिन्न सामाजिक सुरक्षा/कल्याणकारी योजनाओं को एक ही पोर्टल पर एकीकृत करता है। यह ई-श्रम पर रजिस्टर्ड असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच प्रदान करने और ई-श्रम के जरिए अब तक मिले लाभों को देखने में सक्षम बनाता है। अब तक, प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएमएसवीएनिधि), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (एनएफबीएस), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) सहित ई-श्रम कार्डधारकों को सामाजिक सुरक्षा, बीमा या कौशल विकास कार्यक्रमों तक लाभ और पहुंच प्रदान करने के लिए विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों की चौदह (14) योजनाओं को पहले से ही ई-श्रम के साथ एकीकृत/मैप किया गया है- प्रधान मंत्री आवास योजना - ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), आयुष्मान भारत - प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई), प्रधान मंत्री आवास योजना - शहरी (पीएमएवाई-यू), प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई), प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान), वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई)।
उपरोक्त योजनाओं के अलावा, ई-श्रम को प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम), राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस), स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच), नए युग के शासन के लिए एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन (उमंग), डिजिटल लॉकर (डिजिलॉकर), माईस्कीम और ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लेटफॉर्म (ओजीडी) के साथ भी मैप किया गया है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 29 जनवरी 2025 को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए माइक्रोसाइट लॉन्च कीं ताकि उन्हें अपनी समर्पित ई-श्रम माइक्रोसाइट के साथ सशक्त बनाया जा सके और उनकी विशिष्ट स्थानीय आवश्यकताओं और चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान किया जा सके।
ये माइक्रोसाइटें प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप ई-श्रम सेवाओं को तैयार करने, श्रमिक रजिस्ट्रेशन, डेटा अपडेट, वेरिफिकेशन को सरल बनाने और राज्य-विशिष्ट विश्लेषण प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई हैं। मंत्रालय ने ई-श्रम पर प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स को शामिल करने के लिए 12 दिसंबर 2024 को प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर मॉड्यूल लॉन्च किया है। यह पहल इन एग्रीगेटर्स को ई-श्रम इकोसिस्टम में एकीकृत करती है, प्लेटफॉर्म-आधारित गिग वर्कर्स की औपचारिक मान्यता और सामाजिक सुरक्षा/कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच सुनिश्चित करती है, जिससे समावेशी और न्यायसंगत श्रम कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को बल मिलता है।
अब तक प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर मॉड्यूल पर 12 प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स को शामिल किया जा चुका है, जिनमें जोमैटो, ब्लिंकिट, अर्बन कंपनी, उबर, ओला, अमेजन, स्विगी, रैपिडो, जेप्टो, ईकॉम एक्सप्रेस और अंकल डिलीवरी शामिल हैं। 5 अगस्त 2025 तक के डेटा के हिसाब से सबसे ज्यादा रजिस्टर्ड श्रमिक महाराष्ट्र से हैं, जहां 80,332 गिग वर्कर्स ने गिग पोर्टल पर खुद को रजिस्टर किया है। इसके बाद 32,274 गिग वर्कर्स के साथ पश्चिम बंगाल दूसरे नंबर पर और 26,690 गिग वर्कर्स के साथ आंध्र प्रदेश तीसरे नंबर पर है।
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