return to news
  1. शख्स ने 2022 में खरीदी थी ₹1.78 करोड़ की कार, मर्सिडीज को लौटाने पड़ रहे पूरे पैसे और ₹5 लाख का जुर्माना भी, क्या है पूरा मामला?

ट्रेंडिंग न्यूज़

शख्स ने 2022 में खरीदी थी ₹1.78 करोड़ की कार, मर्सिडीज को लौटाने पड़ रहे पूरे पैसे और ₹5 लाख का जुर्माना भी, क्या है पूरा मामला?

Upstox

3 min read | अपडेटेड September 19, 2025, 13:43 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग एक शिकायत पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि खरीदी गई इलेक्ट्रिक कार को चार बार वर्कशॉप भेजा गया और अक्टूबर 2023 में मरम्मत के लिए सौंपे जाने के बाद भी कार कंपनी के कब्जे में रही।

कंज्यूमर कोर्ट

दिल्ली में एक शख्स को कैसे 2022 में खरीदी मर्सिडीज के पूरे पैसे मिले वापस

सोचिए जरा 2022 में आपने जो गाड़ी खरीदी हो, उसके लिए आपको कंपनी पूरे पैसे भी वापस करे और साथ ही अलग से पांच लाख रुपये भी दे। सुनकर अटपटा सा लग रहा है ना, लेकिन दिल्ली में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। एक शख्स ने 2022 में 1.78 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत की एक मर्सिडीज इलेक्ट्रिक कार खरीदी, लेकिन उस कार ने उसे काफी परेशान किया। जिसके चलते उसने कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। दिल्ली की एक कंज्यूमर कोर्ट ने इसके बाद मर्सिडीज-बेंज को एक इलेक्ट्रिक कार की 1.78 करोड़ रुपये से अधिक की खरीद कीमत वापस करने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं 5 लाख रुपये का अलग से जुर्माना भी लगाया है। कंज्यूमर कमीशन ने साथ ही मैनुफैक्चरिंग कमियों को ठीक न करके मानसिक पीड़ा पहुंचाने के लिए एक शिकायतकर्ता को पांच लाख रुपये देने का भी निर्देश दिया।

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग एक शिकायत पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि खरीदी गई इलेक्ट्रिक कार को चार बार वर्कशॉप भेजा गया और अक्टूबर 2023 में मरम्मत के लिए सौंपे जाने के बाद भी कार कंपनी के कब्जे में रही। पुणे स्थित मर्सिडीज-बेंज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसके अधिकृत फ्रेंचाइजी पार्टनर ग्लोबल स्टार ऑटो एलएलपी, ओखला, के खिलाफ शिकायत में कहा गया कि कानूनी नोटिस का कोई जवाब नहीं मिला और विरोधी पक्ष सेवा में कमी के लिए उत्तरदायी हैं। आयोग की अध्यक्ष न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल और न्यायिक सदस्य पिंकी ने 12 सितंबर के अपने आदेश में कहा, 'विरोधी पक्षों की स्वीकारोक्ति के आधार पर, यह साफ है कि विचाराधीन कार को खरीद की तारीख (2 नवंबर, 2022) से एक साल के छोटे पीरियड के अंदर कई बार मरम्मत के लिए भेजा गया था।'

आयोग ने कहा, 'इससे यह स्थापित होता है कि विचाराधीन गाड़ी में खराबी मैनुफैक्चरिंग कमियों के कारण उत्पन्न हुई थी।' आयोग ने कहा कि 'दोषपूर्ण कार' को बदलना निर्माता (मर्सिडीज-बेंज) का कर्तव्य था, लेकिन उसने इसे नहीं बदला, न ही कंपनी ने निर्माण संबंधी दोषों को दूर किया।' आयोग ने कहा कि कार अभी भी ओखला वर्कशॉप में है और वाहन का मॉडल बंद कर दिया गया है। आयोग ने कहा कि इन परिस्थितियों में शिकायतकर्ता को उक्त वाहन की पूरी खरीद कीमत वापस करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है। इसके बाद आयोग ने निर्माता को लगभग 1.78 करोड़ रुपये की पूरी खरीद राशि वापस करने का निर्देश दिया, जिसमें एक्स-शोरूम कीमत, इंश्योरेंस प्राइस, टीसीएस, इंश्योरेंस, रोड टैक्स, अन्य वैधानिक शुल्क और लोन पर इंटरेस्ट शामिल है। इसके अलावा शिकायतकर्ता को मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए 5 लाख रुपये और मुकदमे की लागत के लिए 50,000 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करने को भी कहा गया।

भाषा इनपुट के साथ
ELSS
2025 के लिए पाएं बेस्ट टैक्स बचाने वाले फंड्स एक्सप्लोर करें ELSS
promotion image

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

अगला लेख