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  1. Flight Accident Insurance क्यों जरूरी, क्या हैं इसके फायदे और कितना भरना पड़ सकता है प्रीमियम?

पर्सनल फाइनेंस

Flight Accident Insurance क्यों जरूरी, क्या हैं इसके फायदे और कितना भरना पड़ सकता है प्रीमियम?

Namita Shukla

5 min read | अपडेटेड June 16, 2025, 13:10 IST

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सारांश

Flight Accident Insurance को लेकर इन दिनों काफी चर्चा हो रही है। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट जिस तरह से दुर्घटनाग्रस्त हुई, उसके बाद से इसको लेकर चर्चा और ज्यादा बढ़ गई है। चलिए समझते हैं कि क्यों Flight Accident Insurance इतना जरूरी होता है।

फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस

फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस क्यों होता है जरूरी?

अहमदाबाद में 12 जून 2025 को एक एयर इंडिया की फ्लाइट दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 250 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी। अहमदाबाद से लंदन जा रही यह फ्लाइट टेकऑफ के बाद कुछ ही मिनटों में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसमें सवार लोगों में बस एक शख्स की जान बच पाई थी। इस दुर्घटना के बाद से फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस को लेकर बहस एक बार फिर से तेज हो गई है। अहमदाबाद एयर इंडिया त्रासदी ने एक बात तो करोड़ों लोगों को समझा दी कि जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है। चलिए आपको समझाते हैं कि फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस क्यों जरूरी होता है, इसके फायदे क्या हैं और इसके लिए आपको कितना प्रीमियम भरना पड़ सकता है।

ट्रैवल इंश्योरेंस में क्या होता है फ्लाइट एक्सीडेंट कवरेज?

फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस बीमा का एक खास रूप है जो खासतौर से एयर ट्रैवल दुर्घटनाओं के लिए कवरेज देता है। फ्लाइट एक्सीडेंट कम होते हैं, लेकिन जब होते हैं, तो यह काफी ज्यादा विनाशकारी हो सकते हैं। फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस ऐसे में पैसेंजर्स की फाइनेंशियल सेफ्टी के लिए काफी अहम हो जाता है।

फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस का महत्व

यहां जो सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है, वह यह है कि क्या फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस जरूरी है? इसका जवाब हर एक पैसेंजर के लिए अलग हो सकता है, लेकिन अगर आप फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिहाज से सोचेंगे, तो यह आपके लिए काफी उपयोगी साबित हो सकता है। चलिए पहले समझते हैं कि फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस का महत्व क्या है-

1- मन की शांति: जब आप हवा में हजारों फीट ऊपर ट्रैवल कर रहे होते हैं, तो किसी भी अप्रत्याशित घटना को लेकर अगर आपके पास कवरेज होता है, तो ऐसे में आपको कुछ हद तक मन की शांति मिल सकती है। आपके बाद आप पर आश्रित परिवार का क्या होगा? यह सवाल आपको परेशान कर सकता है, लेकिन इस कवरेज से आपको कुछ हद तक मन की शांति जरूर मिलेगी।
2- एडिशनल प्रोटेक्शनः हालांकि एयरलाइनें दुर्घटनाओं के लिए कुछ मुआवजा देती हैं, लेकिन उनका कवरेज लिमिटेड हो सकता है। फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस एडिशनल फा्इनेंशियल सिक्योरिटी दे सकता है, जो उन खर्चों को कवर करता है जो एयरलाइनें मुआवजे के रूप में नहीं दे सकती हैं, जैसे मेडिकल ट्रीटमेंट, पुनर्वास, या विकलांगता के कारण आय का नुकसान।
3- नाममात्र प्रीमियमः फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस आमतौर पर किफायती होता है, जिसमें प्रीमियम आपके बैंकबैलेंस को नहीं तोड़ता है। संभावित लाभों और सुरक्षा के लिए यह एक छोटी सी कीमत है। प्रतिदिन 10 रुपये से लेकर 500 रुपये के प्रीमियम के साथ आप फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस ले सकते हैं। आप कितनी दूरी का ट्रैवल कर रहे हैं, आपकी डेस्टीनेशन क्या है और इंश्योरेंस कवर के हिसाब से आपको प्रीमियम भरना होता है।
4- मौजूदा कवरेज: फ्लाइट क्रैश इंश्योरेंस खरीदने से पहले, जांच लें कि क्या आपके पास पहले से ही अपने लाइफ या हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों के जरिए समान कवरेज है। ओवरलैपिंग कवरेज से बचना और आपके पास पहले से मौजूद किसी चीज के लिए भुगतान करना अहम है।
फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस के फायदे

फ्लाइट क्रैश इंश्योरेंस आम तौर पर उड़ान के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं से जुड़े कई तरह के खर्चों के लिए कवरेज देता है। इन खर्चों में दुर्घटना के दौरान लगी चोटों के कारण होने वाले मेडिकल बिल, स्थायी या अस्थायी विकलांगता की भरपाई के लिए विकलांगता बेनिफिट्स और पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर लाभार्थियों को दिए जाने वाले आकस्मिक मृत्यु लाभ शामिल हो सकते हैं। इन लाभों के अलावा, कुछ पॉलिसी दुर्घटना या अन्य विमानन-संबंधी दुर्घटनाओं के बाद आपातकालीन निकासी लागतों को भी कवर कर सकती हैं। यह कवरेज सुनिश्चित करता है कि बीमित व्यक्ति को तुरंत चिकित्सा सुविधा मिले और अगर जरूरी हो तो उसे उपयुक्त मेडिकल सुविधा में ले जाया जाए। यह ध्यान रखना जरूरी है कि फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस आम तौर पर एक पूरक पॉलिसी है और इसे इंटरनेशनल ट्रैवल इंश्योरेंस के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए, जो यात्रा से संबंधित विभिन्न जोखिमों, जैसे यात्रा रद्द करना, सामान खो जाना या उड़ान से संबंधित नहीं होने वाली चिकित्सा आपात स्थितियों के लिए व्यापक कवरेज देता है।

फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस पर विचार करते समय, पैसेंजर्स को कवरेज लिमिट, बहिष्करण (exclusions) और क्लेम प्रोसेस समेत पॉलिसी नियमों और शर्तों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करनी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें जो कवरेज मिला है, वह उनके हिसाब से कितना सही है।

फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस पर असर डालते वाले फैक्टर्स

फ्लाइट एक्सीडेंट इंश्योरेंस को प्रभावित करने वाले कुछ फैक्टर्स अहम होते हैं, जिनकी आपको जानकारी होनी चाहिए-

कवरेज लिमिट: पॉलिसियां अलग-अलग बेनिफिट्स अमाउंट दे सकती हैं, और पैसेंजर्स अक्सर ऐसा कवरेज चुन सकते हैं जो उनकी फाइनेंशियल जरूरतों और चिंताओं के साथ मैच करता हो।
पॉलिसी की शर्तें: कवरेज का दायरा अलग-अलग हो सकता है, कुछ पॉलिसियां केवल विशिष्ट प्रकार की उड़ानों या घटनाओं को कवर करती हैं। पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शर्तों को समझना जरूरी है।
प्रीमियम कॉस्ट: प्रीमियम की कैलकुलेशन आम तौर पर पैसेंजर्स की उम्र, मेडिकल कंडीशन और चुने गए कवरेज अमाउंट के आधार पर की जाती है। आम तौर पर, प्रीमियम कुल ट्रैवल कॉस्ट का 4 - 10% होता है।
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लेखकों के बारे में

Namita Shukla
Namita Shukla is a seasoned journalist with over 15 years of experience in Hindi media. She has worked with some of the most reputed news organizations, including Navbharat Times, Dainik Jagran, Aaj Tak, and Hindustan Times Hindi. Throughout her career, Namita has reported on a wide range of beats such as national affairs, sports, business, and entertainment, bringing clarity and depth to her reporting. In addition to her journalistic work, she is a certified fact-checker by both Google and Meta, underscoring her commitment to accuracy and ethical journalism in the digital age.

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