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  1. Retirement Planning Basics: आज कैसे शुरू करें कल की तैयारी? रिटायरमेंट प्लानिंग की जरूरत, विकल्प, हर जरूरी बात यहां

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Retirement Planning Basics: आज कैसे शुरू करें कल की तैयारी? रिटायरमेंट प्लानिंग की जरूरत, विकल्प, हर जरूरी बात यहां

Shatakshi Asthana

5 min read | अपडेटेड June 09, 2025, 15:15 IST

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सारांश

Retirement Planning Basics For Beginners: जब आमदनी का एक तय और नियमित जरिया ना रह गया हो, ऐसे वक्त के लिए एक कॉर्पस तैयार होना बेहद जरूरी होता है। भविष्य में एक उम्र के बाद वित्तीय स्वतंत्रता मिलती है समय पर प्लानिंग शुरू कर देने से। इसके लिए ना सिर्फ पैसों की बचत जरूरी है बल्कि सही जगह निवेश भी। यहां समझने की कोशिश करते हैं कि रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग कैसे शुरू करनी चाहिए और इसके लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

एक उम्र के बाद वित्तीय स्वतंत्रता के लिए जरूरी है समय रहते रिटायरमेंट के बाद की तैयारी शुरू कर देना। (तस्वीर: Shutterstock)

एक उम्र के बाद वित्तीय स्वतंत्रता के लिए जरूरी है समय रहते रिटायरमेंट के बाद की तैयारी शुरू कर देना। (तस्वीर: Shutterstock)

Retirement Planning Basics: भारत में ज्यादातर सरकारी नौकरियों में रिटायरमेंट के बाद पेंशन का प्रावधान होता है जबकि प्राइवेट सेक्टर में पेंशन EPS (Employees’ Pension Scheme) जैसे तरीकों से ही सुनिश्चित की जा सकती है। हालांकि, कई बार यह काफी नहीं होता। खासकर तत्कालीन आर्थिक स्थिति, महंगाई दर और लाइफस्टाइल के साथ अक्सर पेंशन की राशि मेल नहीं खाती।

इसलिए यह जरूरी है कि रिटायरमेंट के बाद बड़े खर्चों से लेकर आरामदायक स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग को मेंटेन करने के लिए समय रहते तैयारी शुरू कर दी जाए। खासकर युवाओं के लिए रिटायरमेंट की फाइनेंशियल प्लानिंग का ध्यान रखना जरूरी है क्योंकि अकसर घूमने-फिरने या दूसरे शौक पूरे करने के उत्साह में भविष्य की चिंता खो जाती है।

रिटायरमेंट प्लानिंग से पहले किन बातों का रखें ध्यान?

- कितना वक्त बाकी? जिन लोगों के रिटायरमेंट में लंबा वक्त बचा हो, वे अभी से छोड़ी-छोड़ी राशि जोड़कर अनुशासनात्मक बचत की आदत डाल सकते हैं। वे अपने लाइफस्टाइल को भी इस तरह ढाल सकते हैं कि भविष्य के लिए चिंता ना करनी हो। वहीं, जिन लोगों की नौकरी पूरी होने में ज्यादा वक्त नहीं हो, उन्हें कम समय में ज्यादा बचत पर फोकस करने की जरूरत होगी।
- अभी क्या स्टेटस? अपने लाइफस्टाइल, मौजूदा खर्चों को समझना जरूरी है। खासकर करियर के शुरुआत में बचत और कुछ शौक पूरे करने के बीच बैलेंस बनाना भी आना चाहिए।
- भविष्य की जरूरतें क्या? एक परिवार आगे चलकर कितना बड़ा हो सकता है, बच्चों की पढ़ाई या शादी जैसे संभावित खर्चे तो होते ही हैं, साथ ही अचानक किसी स्वास्थ्य संबंधी हालात के चलते फंड्स की जरूरत पड़ सकती है। इसी तरह बड़े ट्रैवल या किसी और तरह के अप्रत्याशित खर्च की तैयारी भी रखना जरूरी है।

कैसे करें रिटायरमेंट प्लानिंग?

जब तय आमदनी का जरिया ना रह गया हो ऐसे भविष्य के लिए अपने खर्चे और जरूरतें पूरी करने के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू करना जरूरी है। यहां समझें इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें-

- कितनी बचत मुमकिन? सबसे पहले अपनी मौजूदा आमदनी में से अभी के जरूरी खर्चों को अलग करें। शॉर्ट की जरूरतों को मापने के साथ ही यह तय किया जा सकता है कि भविष्य के लिए कितनी सेविंग्स करने का स्कोप है। इसके लिए रिटायरमेंट अकाउंट में अपने योगदान को बढ़ाया भी जा सकता है। इससे नियोक्ता भी आपके बराबर अमाउंट जमा करेंगे जिससे आखिर में ज्यादा फायदा हो सकता है।
- जल्द करें शुरुआत रिटायरमेंट की तैयारी के लिए जितना जल्दी हो सके सेविंग्स शुरू कर देनी चाहिए। उस हिसाब से लाइफस्टाइल ढालने के अलावा, जितना लंबा वक्त सेविंग्स को मिलता है, इंटरेस्ट कंपाउंड होने से उतना ही फायदा मिलता है। इसके साथ ही टैक्स की बचत भी होती है।
- बीमा है जरूरी हिस्सा बढ़ती उम्र के साथ स्वास्थ्य संबंधी नई-नई परेशानियां खड़ी होने की संभावना रहती है। इनमें से कुछ के बारे में पहले से पता होता है तो कुछ अचानक ही दस्तक दे जाती हैं। इसलिए जरूरी है कि अपने रिटायरमेंट प्लान में विस्तृत हेल्थकेयर पॉलिसी जरूर शामिल करें।
- टेक्नॉलजी का फायदा उठाएं हर महीने तय सेविंग्स के लिए ऑटोमेटेड डिडक्शन चालू कर दें। इससे बिना-सोचे समझे होने वाले गैर-जरूरी खर्चों को कंट्रोल किया जा सकेगा। इसके अलावा अपने खर्चों को ट्रैक कर बजट में से सेविंग्स के लिए अतिरिक्त स्कोप भी ढूंढा जा सकेगा।
- डायवर्सिफिकेशन कम करे जोखिम आज बाजार में रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए कई सारी योजनाएं और विकल्प मौजूद हैं। यह समझना जरूरी है कि आपके फाइनेंशियल गोल्स के हिसाब से कौन सा विकल्प सबसे बेहतर है। यह भी रिसर्च की जानी चाहिए कि कौन से विकल्प में जोखिम कम और रिटर्न ज्यादा है। जोखिम कम करने के लिए स्टॉक, मेटल, मनी मार्केट या रियल एस्टेट मे मिला-जुलाकर निवेश किया जा सकता है।

रिटायरमेंट प्लानिंग में काम आ सकते हैं ये विकल्प

- नेशनल पेंशन सिस्टम NPS (National Pension System) रिटायरमेंट प्लानिंग का सबसे आसान टूल है। 18-70 साल के लोग इसमें निवेश कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें ₹2 लाख तक टैक्स की छूट भी है। इसमें निवेशकों के पैसे अलग-अलग इक्विटी इन्वेस्टमेंट, कॉर्पोरेट और सरकारी बॉन्ड्स में लगाए जाते हैं। इससे जोखिम और रिटर्न के बीच बैलेंस रहता है।
- पब्लिक प्रॉविडेंट फंड रिटायरमेंट सेविंग्स ऑप्शन्स के सबसे प्रचलित तरीकों में से एक है PPF (Public Provident Fund) जिसपर पुरानी कर व्यवस्था में टैक्स से छूट भी मिलती है। इसमें निवेश की न्यूनतम सीमा भी महज ₹500 होती है और हर वित्त वर्ष में अधिकतम ₹1.5 लाख का निवेश करना जरूरी होता है। इसे 15 साल बाद निकाला जा सकता है या 5 और साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।
- ऐन्युटी प्लान म्यूचुअल फंड्स में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan, SIP) या कोई और इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स इंस्ट्रुमेंट में ज्यादा रिटर्न की संभावना रहती है। हालांकि, इनमें ज्यादा जोखिम भी रहता है। सोच-समझकर निवेश करने से भविष्य के लिए अच्छा कॉर्पस तैयार हो सकता है। इनमें निवेश के पहले पूरी जानकारी करना जरूरी है।
- इंडेक्स फंड्स लॉन्ग टर्म में अच्छे रिटर्न्स के लिए इंडेक्स फंड्स का ऑप्शन भी होता है। जैसे Nifty Next 50 ने 1996 से 19% ऐन्युअलाइज्ड रिटर्न्स दिए हैं। इनमें SIP करना अच्छा विकल्प माना जाता है।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। यहां दी गई किसी भी जानकारी को Upstox की ओर से निवेश या खर्च की सलाह नहीं माना जाना चाहिए। अपने वित्तीय मामलों से जुड़ा कोई भी फैसला करने के पहले खुद पूरी रिसर्च कर लें और प्रफेशनल्स की राय जरूर लें।
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लेखकों के बारे में

Shatakshi Asthana
Shatakshi Asthana बिजनेस, एन्वायरन्मेंट और साइंस जर्नलिस्ट हैं। इंटरनैशनल अफेयर्स में भी रुचि रखती हैं। मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से लाइफ साइंसेज और दिल्ली के IIMC से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद अब वह जिंदगी के हर पहलू को इन्हीं नजरियों से देखती हैं।