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2 min read | अपडेटेड December 11, 2024, 15:28 IST
सारांश
इनकम टैक्स ऐक्ट के Section 234F के मुताबिक अगर विलंबित टैक्स रिटर्न फाइल की डेडलाइन मिस हो जाती है तो करदाताओं को पेनाल्टी देनी पड़ेगी।
विलंबित आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख है नजदीक
अगर आप आयकर रिटर्न फाइल नहीं कर सके हैं तो अभी भी देर नहीं हुई है। आखिरी तारीख के बाद भी विलंबित ITR फाइल किया जा सकता है। इसके लिए तय आखिरी तारीख 31 दिसंबर भी आने वाली है, इसलिए समय पर फाइल करने का ध्यान जरूर रखें। यहां आपके बताते हैं कि विलंबित ITR क्या होता है।
विलंबित ITR टैक्स फाइलिंग की आखिरी तारीख (31 जुलाई) से लेकर साल की आखिरी तारीख (31 दिसंबर) के बीच फाइल किया जाता है।
31 जुलाई के बाद यूं तो ITR फाइल किया जा सकता है लेकिन इस पर ₹5,000 पेनाल्टी देनी होती है। जिन लोगों की सालाना आमदनी ₹5 लाख से कम है, उन्हें ₹1000 देना होता है।
इनकम टैक्स ऐक्ट के Section 234F के मुताबिक अगर विलंबित टैक्स रिटर्न फाइल की डेडलाइन मिस हो जाती है तो करदाताओं को पेनाल्टी देनी पड़ेगी। यहां देखें, नियम-
-टैक्स रिटर्न अगर 31 दिसंबर के बाद और 31 मार्च के पहले फाइल किया जाता है तो पेनाल्टी ₹10,000 पड़ेगी। ₹5 लाख से कम सालाना आय वालों के लिए यह राशि ₹1000 है।
-बचे हुए टैक्स के ऊपर Section 234A के तहत ब्याज भी लगेगा।
-टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी से करदाताओं की बिजनेस या कैपिटल लॉस को कैरी फॉरवर्ड करने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
31 दिसंबर की डेडलाइन मिस होने पर आयकर विभाग में अर्जी दाखिल करें। अगर विभाग को वजह सही लगती है तो ₹10,000 की पेनाल्टी और 1% ब्याज के साथ ITR फाइल करने का मौका मिल सकता है। हालांकि, अगर टैक्स रिटर्न फाइल नहीं होता है तो आयकर कानून के सेक्शन 276 CC के तहत सजा हो सकती है।
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