पर्सनल फाइनेंस
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3 min read | अपडेटेड November 07, 2025, 15:02 IST
सारांश
35 साल के व्यक्ति को 60 की उम्र में रिटायर होने पर आज के 1 लाख रुपये के बराबर खर्च के लिए कितने रुपये की जरूरत पड़ेगी आज डीटेल में समझने वाले हैं। साथ में ये भी कि अगर आप इसे SIP के जरिए पूरा करना चाहते हैं तो कितने की मंथली SIP करनी होगी।

% महंगाई दर के हिसाब से रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए क्या करनी चाहिए?
आज के समय में अगर आपका मंथली खर्च 1 लाख रुपये है, तो क्या आपने सोचा है कि रिटायरमेंट के वक्त आपको इतने ही खर्चे के लिए कितने पैसों की जरूरत होगी? ज्यादातर लोग रिटायरमेंट प्लानिंग करते वक्त महंगाई को जोड़ना भूल जाते हैं, जो उनकी सबसे बड़ी गलती साबित होती है। अगर हम मान लें कि आपकी उम्र 35 साल है और आप 60 साल की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं, तो आपके पास तैयारी के लिए 25 साल हैं। आइए समझते हैं कि 6 प्रतिशत की महंगाई दर के हिसाब से आपको कितने बड़े फंड की जरूरत पड़ेगी।
रिटायरमेंट प्लानिंग का पहला कदम यह जानना है कि भविष्य में आपको कितने पैसों की जरूरत होगी। अगर हम 6 प्रतिशत की औसत महंगाई दर मानकर चलें, तो आज का 1 लाख रुपया 25 साल बाद (जब 35 साल का व्यक्ति 60 का होगा) अपनी कीमत खो देगा। कैलकुलेशन के मुताबिक, 6 प्रतिशत महंगाई दर से आज के 1 लाख रुपये की कीमत 25 साल बाद बढ़कर 4,29,187 रुपये (यानी करीब 4.3 लाख रुपये) हो जाएगी। इसका सीधा मतलब यह है कि 60 साल की उम्र में आपको हर महीने 4.3 लाख रुपये की जरूरत होगी, सिर्फ उतना खर्च चलाने के लिए जितना आप आज 1 लाख रुपये में चला रहे हैं। सालाना हिसाब से यह रकम 51.6 लाख रुपये बैठती है।
अब सवाल यह है कि रिटायरमेंट के बाद हर महीने 4.3 लाख रुपये (या 51.6 लाख रुपये सालाना) पाने के लिए आपके पास कुल कितना पैसा जमा होना चाहिए। इसके लिए "4 परसेंट विड्रॉल रूल" (4 Percent Withdrawal Rule) काफी मददगार है, जो ट्रिनिटी स्टडी पर आधारित है।
यह नियम कहता है कि अगर आप अपने कुल रिटायरमेंट फंड (कॉर्पस) का 4 प्रतिशत हिस्सा हर साल निकालते हैं और उसे महंगाई के हिसाब से बढ़ाते रहते हैं, तो भी आपका पैसा कम से कम 30 साल तक चलेगा।
इस 4 प्रतिशत नियम के हिसाब से, 51.6 लाख रुपये सालाना खर्च के लिए आपको 12.9 करोड़ रुपये (51.6 लाख / 0.04) के बड़े कॉर्पस यानी फंड की जरूरत होगी।
12.9 करोड़ रुपये का लक्ष्य सुनने में बहुत बड़ा लग सकता है, लेकिन अगर सही समय पर प्लानिंग शुरू की जाए, तो इसे हासिल किया जा सकता है। अगर आप 35 की उम्र से निवेश शुरू करते हैं और यह मानते हैं कि आपको इक्विटी म्यूचुअल फंड एसआईपी (SIP) में लंबी अवधि में सालाना 12 प्रतिशत का औसत रिटर्न मिल सकता है, तो भी आपको एक बड़ी रकम निवेश करनी होगी। 25 साल में 12.9 करोड़ रुपये जमा करने के लिए, आपको हर महीने करीब 68,000 रुपये की एसआईपी शुरू करनी होगी।
रिटायरमेंट प्लानिंग में सबसे जरूरी चीज 'जल्दी शुरुआत करना' है, जिसे कंपाउंडिंग की ताकत कहते हैं। अगर आप यही प्लानिंग 30 साल की उम्र में शुरू करते (यानी 30 साल का समय होता), तो महंगाई के हिसाब से आपको 60 की उम्र में 5.74 लाख रुपये महीने की जरूरत होती। इसके लिए 17.2 करोड़ का फंड लगता, लेकिन यह सिर्फ 39,000 रुपये की मासिक एसआईपी से हासिल हो जाता।
वहीं, अगर आप 40 साल की उम्र में (20 साल का समय) शुरू करते, तो आपको 9.6 करोड़ के फंड की जरूरत होती, लेकिन इसके लिए हर महीने 96,000 रुपये की एसआईपी करनी पड़ती। यह दिखाता है कि 5 साल की देरी भी एसआईपी की रकम को कितना बढ़ा देती है।
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