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  1. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के रिटर्न पर कब लगता है टैक्स? बिना जानें कहीं आपने तो नहीं कर दी ये गलती

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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के रिटर्न पर कब लगता है टैक्स? बिना जानें कहीं आपने तो नहीं कर दी ये गलती

Upstox

4 min read | अपडेटेड November 03, 2025, 13:06 IST

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सारांश

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के रिटर्न पर टैक्स के अलग-अलग नियम हैं। इसके 2.5% ब्याज पर हमेशा टैक्स लगता है। लेकिन 8 साल की मैच्योरिटी पर मिलने वाला मुनाफा (कैपिटल गेन) पूरी तरह टैक्स फ्री होता है।

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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर टैक्स का नियम क्या है?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) सोने में निवेश करने का एक बहुत ही शानदार और सुरक्षित तरीका बन गया है। सरकार की इस स्कीम में लोगों को न सिर्फ सोने की कीमत बढ़ने का फायदा मिलता है, बल्कि सालाना 2.5% का फिक्स ब्याज भी मिलता है। हाल ही में SGB की कुछ पुरानी सिरीज ने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है। लेकिन, इस शानदार रिटर्न के साथ टैक्स के कुछ नियम भी जुड़े हैं। ज्यादातर लोग इन नियमों को समझे बिना एक बड़ी गलती कर देते हैं, जिससे उन्हें अपने मुनाफे पर बेवजह टैक्स देना पड़ जाता है।

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ब्याज पर हमेशा लगता है टैक्स

SGB में निवेश का एक बड़ा फायदा यह है कि इसमें आपको आपके निवेश (इश्यू प्राइस) पर 2.5% का सालाना ब्याज मिलता है। यह ब्याज हर 6 महीने में सीधे आपके बैंक अकाउंट में जमा हो जाता है। लेकिन, आपको यह जानना सबसे जरूरी है कि यह ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल होता है। इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, SGB से मिला ब्याज आपकी 'अन्य स्रोतों से आय' (Income from Other Sources) में गिना जाता है। इसका मतलब है कि आप जिस भी इनकम टैक्स स्लैब में आते हैं (जैसे 10%, 20% या 30%), आपको उसी स्लैब के हिसाब से इस ब्याज पर टैक्स चुकाना होगा।

8 साल की मैच्योरिटी पर 0% टैक्स

SGB का असली और सबसे बड़ा फायदा इसकी 8 साल की मैच्योरिटी पर मिलता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि 8 साल की होती है। अगर आप अपने SGB को पूरे 8 साल तक होल्ड करते हैं, यानी उसे मैच्योरिटी पर ही रिडीम कराते हैं, तो आपको इस पर होने वाले पूरे मुनाफे (कैपिटल गेन) पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। यह 100% टैक्स फ्री होता है। उदाहरण के लिए, अगर आपने 1 लाख रुपये का SGB खरीदा और 8 साल बाद मैच्योरिटी पर उसकी कीमत 2.5 लाख रुपये हो गई, तो आपको 1.5 लाख रुपये के पूरे मुनाफे पर एक भी रुपया टैक्स नहीं देना होगा। यह फायदा इसे फिजिकल गोल्ड या गोल्ड ETF से बहुत बेहतर बनाता है।

8 साल से पहले बेचने पर क्या होगा?

अब बात करते हैं उस गलती की जो ज्यादातर लोग करते हैं। SGB 8 साल के लिए पूरी तरह लॉक-इन नहीं होता है। आपको 5 साल के बाद आरबीआई से प्री-मैच्योर रिडेम्पशन (समय से पहले भुनाने) का विकल्प मिलता है। अच्छी बात यह है कि 5 साल के बाद आरबीआई से रिडीम करने पर भी कैपिटल गेन पूरी तरह टैक्स फ्री रहता है।

असली पेंच तब फंसता है जब लोग इसे 5 साल से भी पहले बेचते हैं। SGB को स्टॉक एक्सचेंज (जैसे NSE, BSE) पर भी ट्रेड किया जा सकता है। कई लोग पैसों की जरूरत पड़ने पर इसे 8 साल या 5 साल से पहले ही स्टॉक मार्केट में बेच देते हैं। जैसे ही आप SGB को स्टॉक एक्सचेंज पर बेचते हैं, आपका मुनाफा टैक्स फ्री नहीं रहता है। यहां पर कैपिटल गेन टैक्स के नियम लागू होते हैं।

12 महीने से पहले बेचने पर (STCG): अगर आपने SGB खरीदने के 12 महीने (1 साल) के अंदर ही उसे स्टॉक एक्सचेंज पर बेच दिया, तो मुनाफे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाएगा। यह मुनाफा आपकी कुल इनकम में जुड़ जाएगा और आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से ही इस पर टैक्स देना होगा।
12 महीने के बाद बेचने पर (LTCG): अगर आप 12 महीने (1 साल) के बाद SGB को स्टॉक एक्सचेंज पर बेचते हैं, तो इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) माना जाएगा। इस पर आपको इंडेक्सेशन बेनिफिट (महंगाई को एडजस्ट करने के बाद) के साथ 20% टैक्स देना होगा।

आसान भाषा में समझें तो टैक्स फ्री रिटर्न का फायदा सिर्फ 8 साल की मैच्योरITY पर या 5 साल के बाद RBI से रिडीम करने पर ही मिलता है। स्टॉक एक्सचेंज पर बेचने पर यह टैक्सेबल हो जाता है।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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