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  1. Sovereign Gold Bond: इस सीरीज में प्रीमैच्योर रिडेम्पशन पर 155% का शानदार रिटर्न, प्रॉफिट बुक करें या करें इंतजार?

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Sovereign Gold Bond: इस सीरीज में प्रीमैच्योर रिडेम्पशन पर 155% का शानदार रिटर्न, प्रॉफिट बुक करें या करें इंतजार?

Upstox

3 min read | अपडेटेड September 11, 2025, 15:06 IST

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सारांश

SGB की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें सोने की कीमत बढ़ने का फायदा तो मिलता ही है, साथ ही तय ब्याज भी मिलता है। यह सुरक्षित है, इसमें स्टोरेज या प्योरिटी की चिंता नहीं होती और स्टॉक एक्सचेंज पर आसानी से खरीदा-बेचा भी जा सकता है।

Sovereign Gold Bond

Sovereign Gold Bond: सामान्य तौर पर इन बॉन्ड की अवधि 8 साल होती है।

Sovereign Gold Bond: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) 2019-20 सीरीज-X के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्पशन प्राइस (समय से पहले पैसा निकालने) घोषित कर दिया है। लेटेस्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक इसके निवेशकों के पास आज 11 सितंबर 2025 को समय से पहले एग्जिट करने का मौका है। सामान्य तौर पर इन बॉन्ड की अवधि 8 साल होती है, लेकिन 5 साल पूरे होने के बाद ब्याज भुगतान की तारीखों पर निवेशक समय से पहले भी पैसा निकाल सकते हैं।

प्रीमैच्योर रिडेम्पशन पर 156% का मिलेगा रिटर्न

यह सीरीज मूल रूप से 2 मार्च से 6 मार्च 2020 के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध थी। यह बॉन्ड 11 मार्च 2020 को ₹4260 प्रति ग्राम की दर से जारी की गई थी। इस बार का रिडेम्पशन प्राइस ₹10905 प्रति ग्राम रखा गया है। यह कीमत 8, 9 और 10 सितंबर 2025 को इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले सोने की क्लोजिंग प्राइस के औसत के आधार पर तय की गई है।

जब यह बॉन्ड 2019-20 में जारी हुआ था, तब इसकी कीमत ₹4260 प्रति ग्राम थी। यानी निवेशकों को अब तक करीब 156% का फायदा मिल रहा है। इसमें हर साल मिलने वाला 2.5% का ब्याज शामिल नहीं है। कुल मिलाकर, हर ग्राम पर लगभग ₹6645 का शुद्ध मुनाफा हो चुका है।

SGB में कई खूबियां

SGB की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें सोने की कीमत बढ़ने का फायदा तो मिलता ही है, साथ ही तय ब्याज भी मिलता है। यह सुरक्षित है, इसमें स्टोरेज या प्योरिटी की चिंता नहीं होती और स्टॉक एक्सचेंज पर आसानी से खरीदा-बेचा भी जा सकता है। साथ ही, अगर बॉन्ड को मैच्योरिटी तक रखा जाए या RBI की आधिकारिक विंडो से रिडेम्पशन किया जाए तो कैपिटल गेन टैक्स भी नहीं लगता।

लेकिन अगर इन्हें स्टॉक एक्सचेंज पर बेचते हैं, तो कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। ब्याज आय पर टैक्स लगता है और यह आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से माना जाता है। इसकी तुलना गोल्ड ETF या फिजिकल गोल्ड से करें, तो SGB ज्यादा फायदेमंद साबित होता है क्योंकि ETF में मैनेजमेंट फीस लगती है और फिजिकल गोल्ड में स्टोरेज और प्योरिटी की दिक्कत आती है।

क्या करें निवेशक?

अब सवाल यह है कि निवेशक क्या करें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर किसी को पैसों की तुरंत जरूरत है या पोर्टफोलियो में सोने का हिस्सा ज्यादा बढ़ गया है, तो आंशिक रिडेम्पशन करना सही हो सकता है। लेकिन जिन निवेशकों को जल्दी पैसे की जरूरत नहीं है, उनके लिए मैच्योरिटी तक बने रहना बेहतर विकल्प है। इससे आगे भी ब्याज मिलता रहेगा और अंत में टैक्स-फ्री रिटर्न का फायदा होगा।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।