return to news
  1. Senior Citizen Savings Scheme: 2021 में 7.4% की दर पर किया निवेश, अब क्यों नहीं मिल रहा 8.2% ब्याज?

पर्सनल फाइनेंस

Senior Citizen Savings Scheme: 2021 में 7.4% की दर पर किया निवेश, अब क्यों नहीं मिल रहा 8.2% ब्याज?

rajeev-kumar

4 min read | अपडेटेड July 25, 2025, 15:34 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

Senior Citizen Savings Scheme: सतीनाथ मुखर्जी का कहना है कि उन्होंने मार्च 2021 में SCSS अकाउंट खोला था, जब इस योजना के तहत ब्याज दर 7.4% थी। हालांकि, वर्तमान में इसकी ब्याज दर 8.2% है, लेकिन मुखर्जी को अभी भी केवल 7.4% ब्याज मिल रहा है। आइए समझते हैं ऐसा क्यों?

Senior Citizen Savings Scheme

Senior Citizen Savings Scheme: सरकार हर तिमाही पर छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में फेरबदल करती है।

Senior Citizen Savings Scheme: सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) वरिष्ठ नागरिकों के लिए पसंदीदा निवेश विकल्पों में से एक है। ऐसे समय में जब ज्यादातर बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में कटौती कर दी है, तब भी इस स्कीम में निवेशकों को 8.2 फीसदी का ब्याज ऑफर किया जा रहा है। बता दें कि सरकार हर तिमाही पर छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में फेरबदल करती है।

सीनियर सिटीजन को पुराने निवेश पर नहीं मिल रहा 8.2% ब्याज?

सतीनाथ मुखर्जी का कहना है कि उन्होंने मार्च 2021 में SCSS अकाउंट खोला था, जब इस योजना के तहत ब्याज दर 7.4% थी। हालांकि, वर्तमान में इसकी ब्याज दर 8.2% है, लेकिन मुखर्जी को अभी भी केवल 7.4% ब्याज मिल रहा है। अब वरिष्ठ नागरिकों के मन में यह सवाल आ रहा है कि उन्हें SCSS पर अधिक ब्याज दर का लाभ क्यों नहीं मिल रहा है।

मुखर्जी ने हाल ही में हमें एक ईमेल में बताया, "मैंने 02-03-2021 को एक अकाउंट (डाकघर में SCSS) खोला था, और ब्याज दर 7.4% थी। इसके बाद, ब्याज दर बढ़ गई लेकिन मुझे बढ़ी हुई ब्याज दर का फायदा नहीं मिल रहा है। कृपया इस संबंध में स्पष्टीकरण दें।" यहां हमने मुखर्जी के इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की है, जो उन सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी उपयोगी है जो SCSS के तहत निवेश करने की योजना बना रहे हैं।

क्या है वजह?

SCSS अकाउंट में जमा राशि पर ब्याज दर पांच साल तक के लिए फिक्स हो जाती है, भले ही सरकार इस अवधि के दौरान इसमें बदलाव करे। आसान शब्दों में इसका मतलब यह है कि जिस ब्याज दर पर आप SCSS खाता खोलते हैं, वह पांच साल तक आपके लिए नहीं बदलेगा।

मुखर्जी की बात करें तो उनके लिए 7.4% की ब्याज दर पांच वर्षों तक, यानी 2026 में मैच्योरिटी तक लागू रहेगी। उसके बाद वे या तो उस समय लागू ब्याज दर पर अकाउंट को तीन वर्षों के लिए बढ़ा सकते हैं या एक नया SCSS अकाउंट शुरू कर सकते हैं, या पूरी जमा राशि निकाल सकते हैं।

फिर कैसे मिलेगा 8.2% ब्याज दर का फायदा?

अब सवाल यह है कि अगर SCSS की ब्याज दर किसी ग्राहक के लिए पांच साल के लिए फिक्स होती है, तो इस दौरान सरकार द्वारा ब्याज दर बढ़ाने पर किसे फायदा होगा? बढ़े हुए SCSS ब्याज का लाभ नए डिपॉजिट पर उठाया जा सकता है। इसलिए, अगर ब्याज दर बढ़ गई है और आप इसका लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको इस योजना के तहत एक नया अकाउंट खोलना होगा।

अगर आपको मिल रही ब्याज दर पोस्ट ऑफिस द्वारा दी जा रही नई ब्याज दर से बहुत कम है, तो आप पुराने अकाउंट को समय से पहले बंद करके नया अकाउंट शुरू करने पर भी विचार कर सकते हैं। हालांकि, समय से पहले अकाउंट बंद करने पर आपको एक मामूली जुर्माना देना होगा। ऐसे में आपको मौजूदा SCSS अकाउंट बंद करने का निर्णय लेने से पहले विचार करना चाहिए।

क्या SCSS अकाउंट खोलने का यह सही समय है?

हां। वरिष्ठ नागरिकों के लिए नया SCSS अकाउंट खोलने का यह शायद सबसे अच्छा समय है। यह स्कीम ऐसे समय में 8.2% ब्याज दे रही है जब SBI और HDFC बैंक जैसे प्रमुख बैंक अपनी FD दरों में कटौती कर रहे हैं।

इसके अलावा, 2025 में RBI द्वारा रेपो रेट में कई बार कटौती के बाद, SCSS जैसी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कमी आने की उम्मीद है। इसलिए, 8.2% ब्याज दर पर SCSS खाता शुरू करने का यह सही समय है। यह योजना वरिष्ठ नागरिकों को ₹30 लाख तक निवेश करने की अनुमति देती है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)

ELSS
2025 के लिए पाएं बेस्ट टैक्स बचाने वाले फंड्स एक्सप्लोर करें ELSS
promotion image

लेखकों के बारे में

rajeev-kumar
Rajeev Kumar Upstox में डेप्युटी एडिटर हैं और पर्सनल फाइनेंस की स्टोरीज कवर करते हैं। पत्रकार के तौर पर 11 साल के करियर में उन्होंने इनकम टैक्स, म्यूचुअल फंड्स, क्रेडिट कार्ड्स, बीमा, बचत और पेंशन जैसे विषयों पर 2,000 से ज्यादा आर्टिकल लिखे हैं। वह 1% क्लब, द फाइनेंशल एक्सप्रेस, जी बिजेनस और हिंदुस्तान टाइम्स में काम कर चुके हैं। अपने काम के अलावा उन्हें लोगों से उनके पर्सनल फाइनेंस के सफर के बारे में बात करना और उनके सवालों के जवाब देना पसंद है।