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  1. KYC नहीं तो इन्वेस्टमेंट नहीं... SEBI ने नए म्यूचुअल फंड फोलियो के पहले ट्रांजैक्शन के लिए प्रपोज किए नए नियम

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KYC नहीं तो इन्वेस्टमेंट नहीं... SEBI ने नए म्यूचुअल फंड फोलियो के पहले ट्रांजैक्शन के लिए प्रपोज किए नए नियम

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 24, 2025, 16:03 IST

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सारांश

अधूरे या गलत केवाई डीटेल्स होने से इन्वेस्टर्स नए अकाउंट में ट्रांजैक्शन नहीं कर पाते हैं, और उन्हें अकाउंट को भुनाने या डिविडेंड पाने में भी दिक्कतें आती हैं। इसके अलावा एएमसी को भी स्कीम की जानकारी साझा करने और राशि जमा कराने में कठिनाई होती है।

म्यूचुअल फंड

म्यूचुअल फंड अकाउंट केवाईसी वेरिफिकेशन के बाद ही खोलने का सेबी ने प्रस्ताव रखा

मार्केट रेगुलेटर Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने म्यूचुअल फंड अकाउंट खोलने और शुरुआती इन्वेस्टमेंट को एग्जिक्यूट करने के प्रोसेस को मानकीकृत करने का प्रस्ताव पेश किया है, ताकि यह अकाउंट केवल केवाईसी वेरिफिकेशन के बाद ही खोले जाएं। फिलहाल म्यूचुअल फंड के नए खाते खोलने के लिए केवाईसी (Know Your Customer) प्रोसेस अनिवार्य है, लेकिन कुछ मामलों में अकाउंट केवाईसी पूरी होने से पहले ही खुल जाते हैं। ऐसा होने से इन्वेस्टरों और म्यूचुअल फंड स्कीम का संचालन करने वाली परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (Asset Management Companies, AMC) को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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अधूरे या गलत केवाई डीटेल्स होने से इन्वेस्टर्स नए अकाउंट में ट्रांजैक्शन नहीं कर पाते हैं, और उन्हें अकाउंट को भुनाने या डिविडेंड पाने में भी दिक्कतें आती हैं। इसके अलावा एएमसी को भी स्कीम की जानकारी साझा करने और राशि जमा कराने में कठिनाई होती है। सेबी ने प्रस्ताव रखा है कि एएमसी को फंड अकाउंट केवल वेरिफाइड केवाईसी डॉक्यूमेंट्स के मिलने के बाद ही खोलना होगा। फिर डॉक्यूमेंट्स को केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों (केआरए) को अंतिम वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाएगा। उस फंड खाते में केवल तभी इन्वेस्ट किया जा सकेगा जब केआरए उसे केवाईसी अनुपालन वाला चिह्नित कर दे। इन्वेस्टरों को केवाईसी प्रोसेस के हर चरण में पंजीकृत ईमेल और मोबाइल नंबर के जरिए सूचना दी जाएगी। एएमसी और केआरए को अपनी प्रणाली और कामकाज को नए प्रस्तावित नियमों के हिसाब से ढालने के निर्देश दिए गए हैं। सेबी ने इस प्रस्ताव पर 14 नवंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।

यह क्यों है इतना अहम?
ये प्रस्ताव इन्वेस्टरों और एएमसी के सामने मौजूदा समय में आ रही इन दिक्कतों का समाधान करने में मदद करेंगे-

किसी अन्य स्कीम के नए फोलियो के अंतर्गत नई इन्वेस्टमेंट के समय, इन्वेस्टर तब तक कोई भी ट्रांजैक्शन नहीं कर सकता, जब तक कि उसकी केवाईसी स्थिति केआरए सिस्टम में अनुपालन के रूप में चिह्नित न हो जाए।

इन्वेस्टर्स उन बैंक अकाउंट्स में रिडेम्प्शन और डिविडेंड हासिल करने में भी असमर्थ हैं, जिनके बैंक अकाउंट की डीटेल्स गलत है।

इसके अलावा, एएमसी उन यूनिट धारकों को स्कीम और म्यूचुअल फंड में महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की जानकारी देने के लिए फिजिकल/ईमेल कम्युनिकेशन करने में असमर्थ हैं, जिनके पते अधूरे/गलत हैं। वे उन बैंक खातों में रिडेम्प्शन और डिविडेंड जमा करने में भी असमर्थ हैं, जिनके बैंक अकाउंट की डीटेल्स गलत हैं, जिसके परिणामस्वरूप दावा न किए गए रिडेम्प्शन और क्लेम न किए गए डिविडेंड में वृद्धि होती है।

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Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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