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4 min read | अपडेटेड March 01, 2025, 09:47 IST
सारांश
Retirement Plan: यूं तो रिटायरमेंट के लिए मार्केट में कई निवेश विकल्प मौजूद हैं, लेकिन उनमें NPS सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक हैं। यह रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है जिसे भारत सरकार ने शुरू किया है। यहां NPS की 5 ऐसी खूबियां बताई गई है, जिनके बारे में आपको जानना चाहिए
NPS की खूबियां इसे समय से पहले रिटायरमेंट लेने वालों के लिए भी एक बेहतर विकल्प बनाती है।
आमतौर पर इसे एक लॉन्ग-टर्म इनवेस्टमेंट ऑप्शन के रूप में देखा जाता है, लेकिन NPS की खूबियां इसे समय से पहले रिटायरमेंट लेने वालों के लिए भी एक बेहतर विकल्प बनाती है।
NPS एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है जिसे भारत सरकार ने शुरू किया है। यह एक मार्केट-लिंक्ड, कम लागत वाली, और पेंशन फोकस्ड इन्वेस्टमेंट स्कीम है। एनपीएस अकाउंट होल्डर अपनी पूरी नौकरी अवधि के दौरान अपने पेंशन अकाउंट में नियमित कंट्रीब्यूशन कर सकते हैं।
रिटायरमेंट तक निवेश करने के बाद वे फंड का एक हिस्सा (लगभग 60%) निकाल सकते हैं। बाकी 40% राशि से एक एन्युइटी (पेंशन प्लान) खरीदी जानी चाहिए, ताकि रिटायरमेंट के बाद नियमित आय मिलती रहे। अगर खाता धारक की 60 साल की उम्र से पहले मृत्यु हो जाती है, तो पूरी राशि नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को दी जाएगी।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) जैसे ट्रेडिशनल फिक्स्ड-इनकम निवेशों की तुलना में, NPS लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देता है। NPS में कंपाउंडिंग की ताकत बहुत अहम होती है, खासकर जल्दी रिटायरमेंट प्लान के लिए।
उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति 30 साल की उम्र में हर महीने लगभग ₹12000 निवेश करता है और औसत सालाना रिटर्न 10% मिलता है, तो 50 साल की उम्र तक लगभग ₹2.35 करोड़ जमा हो सकते हैं, जिससे जल्दी रिटायरमेंट संभव हो सकता है।
एनपीएस में निवेश करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें टैक्स बेनिफिट मिलता है। आप इसमें धारा 80सी के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, धारा 80CCD(1B) के तहत 50,000 रुपये तक का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट प्राप्त किया जा सकता है।
इस स्कीम में निवेश करना उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो कम रिस्क वाले निवेश को तरजीह देते हैं। NPS के तहत निवेश की देखरेख क्वालिफाइड पेंशन फंड मैनेजर करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आपके निवेश का अधिकांश हिस्सा भारी फीस का भुगतान करने के बजाय वेल्थ क्रिएशन में निवेश किया जाए।
NPS फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करता है। इसके ग्राहक वर्ष के दौरान किसी भी समय निवेश कर सकते हैं और सब्सक्रिप्शन की संख्या के साथ-साथ अपने स्वयं के निवेश ऑप्शन को भी बदल सकते हैं।
PFRDA, यानी पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा शासित, NPS पर NPS ट्रस्ट द्वारा बारीकी से निगरानी की जाती है, जिससे विश्वसनीयता और कंप्लायंस सुनिश्चित होता है।
NPS को केंद्र सरकार ने 2004 में शुरू किया था। शुरुआत में यह सरकारी कर्मचारियों के लिए था, लेकिन 2009 में इसे आम आदमी के लिए उपलब्ध करा दिया गया। यह 18 से 70 वर्ष की आयु के सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुला है।
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत, एक और कंट्रीब्यूटरी पेंशन सिस्टम NPS वात्सल्य है जो 18 वर्ष से कम आयु के भारतीय नागरिकों के लिए है। इस योजना के तहत, माता-पिता मिनिमम ₹1,000 प्रति माह निवेश कर सकते हैं जबकि इसमें कोई अपर लिमिट नहीं है।
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