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  1. रिटेल इन्वेस्टर्स को RBI का तोहफा! ट्रेजरी बिल में SIP करना होगा आसान, क्या हैं इस फैसले के मायने?

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रिटेल इन्वेस्टर्स को RBI का तोहफा! ट्रेजरी बिल में SIP करना होगा आसान, क्या हैं इस फैसले के मायने?

Upstox

2 min read | अपडेटेड August 06, 2025, 11:41 IST

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सारांश

इस कदम से इन्वेस्टरों को अपनी इन्वेस्टमेंट प्लानिंग बनाने और कुशलतापूर्वक मैनेज करने में मदद करने के लिए नए उपकरण उपलब्ध होंगे, और म्यूचुअल फंड SIP की तरह T-Bills में ऑटोमेटेड, आवधिक निवेश (पीरियॉडिक इन्वेस्टमेंट) की अनुमति मिलेगी।

आरबीआई

रिटेल इन्वेस्टर्स को RBI का तोहफा

Reserve Bank of India (RBI) यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने आज घोषणा की है कि वह अपने रिटेल डायरेक्ट प्लैटफॉर्म की कार्यदक्षता (फंक्शनैलिटी) का विस्तार करेगा, जिससे खुदरा रिटेल इन्वेस्टर्स सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए ट्रेजरी बिल (T-Bill) में इन्वेस्ट कर सकें। इस अपग्रेड का उद्देश्य व्यक्तिगत इन्वेस्टर्स के लिए सरकारी प्रतिभूतियों (G-Sec) में इन्वेस्टमेंट को सरल बनाना है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने द्विमासिक मौद्रिक नीति बैठक (MPC) के दौरान यह घोषणा की। इस कदम से इन्वेस्टरों को अपनी इन्वेस्टमेंट प्लानिंग बनाने और कुशलतापूर्वक मैनेज करने में मदद करने के लिए नए उपकरण उपलब्ध होंगे, और म्यूचुअल फंड SIP की तरह T-Bills में ऑटोमेटेड, आवधिक निवेश (पीरियॉडिक इन्वेस्टमेंट) की अनुमति मिलेगी।

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क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

सीएनबीसी टीवी 18 की खबर के मुताबिक विशेषज्ञों ने इस पहल का एक प्रगतिशील कदम के रूप में स्वागत किया। रिसर्जेंट इंडिया की प्रबंध निदेशक ज्योति प्रकाश गाडिया ने कहा कि रिटेल इन्वेस्टरों के लिए T-Bills में SIP की घोषणा ‘मार्केट को और अधिक समर्थन देने के लिए एक पॉजिटिव कदम है और RBI के प्रोएक्टिव अप्रोच का संकेत देती है।’

इंडियाफर्स्ट लाइफ की मुख्य निवेश अधिकारी पूनम टंडन ने इसे एक स्वागत योग्य कदम और केंद्रीय बैंक द्वारा एक व्यापक, संतुलित नीतिगत दृष्टिकोण का हिस्सा बताया। 2021 में लॉन्च किया गया रिटेल डायरेक्ट प्लैटफॉर्म, रिटेल इन्वेस्टरों को सीधे RBI के साथ सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने की सुविधा देता है। उम्मीद है कि इस नए SIP फीचर से सरकारी प्रतिभूतियों के मार्केट में रिटेल भागीदारी बढ़ेगी और अनुशासित, लॉन्गटर्म इन्वेस्टमेंट आदतों को बढ़ावा मिलेगा।

रेपो रेट में बदलाव नहीं

इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक ने मौजूदा परिस्थितियों पर गौर करते हुए प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 5.5% पर कायम रखने का फैसला लिया है। इसके साथ ही आरबीआई ने मौद्रिक नीति रुख को भी तटस्थ बनाए रखा है। इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक आर्थिक स्थिति के हिसाब से नीतिगत दर में समायोजन को लेकर लचीला बना रहेगा। रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर कमर्शियल बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। रेपो दर के जस का तस रहने से होम, गाड़ी समेत अन्य खुदरा कर्ज पर ब्याज में बदलाव होने की संभावना नहीं है।

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Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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