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  1. Home Loan: रेपो रेट 5.50% पर बरकरार, फिर भी होम लोन बॉरोअर्स बचा सकते हैं लाखों रुपये, समझिए कैसे

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Home Loan: रेपो रेट 5.50% पर बरकरार, फिर भी होम लोन बॉरोअर्स बचा सकते हैं लाखों रुपये, समझिए कैसे

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड August 06, 2025, 11:55 IST

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सारांश

Home Loan: इस साल फरवरी और जून के बीच RBI MPC ने रेपो रेट में 100 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की थी, जिससे होम लोन की दरें लगभग 7.30 फीसदी तक आ गई। कई लेंडर्स पात्र बॉरोअर्स को होम लोन पर लगभग 7.50 फीसदी से शुरू होने वाली ब्याज दरें ऑफर कर रहे हैं।

RBI

RBI के फैसले के बाद अब आपके होम लोन की EMI पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

Home Loan: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। आज 6 अगस्त को गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ऐलान किया कि रेपो रेट 5.50 फीसदी पर बरकरार रहेगा। कई एक्सपर्ट्स ने उम्मीद जताई थी कि रेपो रेट में एक बार फिर कटौती हो सकती है, जिससे होम लोन की ब्याज दरें कम होंगी।
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RBI के फैसले के बाद अब आपके होम लोन की EMI पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सिर्फ होम लोन ही नहीं, ऑटो लोन, पर्सनल लोन और MSME लोन की ब्याज दरें भी फिलहाल नहीं बदलेंगी।

अभी कितनी है होम लोन की ब्याज दरें?

इस साल फरवरी और जून के बीच RBI MPC ने रेपो रेट में 100 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की थी, जिससे होम लोन की दरें लगभग 7.30 फीसदी तक आ गई। कई लेंडर्स पात्र बॉरोअर्स को होम लोन पर लगभग 7.50 फीसदी से शुरू होने वाली ब्याज दरें ऑफर कर रहे हैं।

अलग-अलग बैंकों की बात करें भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, HDFC Bank और ICICI Bank वर्तमान में 7.3-8 फीसदी से शुरू होने वाली दरों पर होम लोन प्रोवाइड कर रहे हैं।

1 अक्टूबर 2019 से बैंकों ने फ्लोटिंग-रेट रिटेल लोन को एक एक्सटर्नल बेंचमार्क से जोड़ दिया है, जो ज्यादातर मामलों में रेपो रेट ही होती है। इसलिए, रेपो रेट में कोई भी बदलाव इन लोन की ब्याज दरों को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।

बॉरोअर्स अभी भी बचा सकते हैं लाखों रुपये

MPC की पिछली तीन बैठकों में रेपो रेट में कुल 1 फीसदी की कटौती हो चुकी है। अगर आप अब भी अधिक ब्याज दर पर लोन चुका रहे हैं, तो बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इस तरीके से आप अपने लोन पर लाखों रुपये की बचत कर सकते हैं। ऐसे ऑफर फिलहाल अच्छे क्रेडिट स्कोर वालों को मिल रहे हैं, खासकर बैलेंस ट्रांसफर करने वालों को। रेपो रेट से जुड़ा लोन प्रोडक्ट चुनना आपके लिए लंबे समय में फायदेमंद हो सकता है।

RBI के फैसले का मौजूदा बॉरोअर्स पर क्या होगा असर

एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रुल्स के अनुसार बैंकों को पॉलिसी रेट्स में बदलाव का पूरा भार मौजूदा बॉरोअर्स पर डालना होता है। हालांकि, इस बार RBI ने रेपो रेट कोई बदलाव नहीं किया है। इसका मतलब है कि आपकी ब्याज दरें और EMI में भी कोई बदलाव नहीं होगा।

आमतौर पर, जब तक स्पष्ट रूप से न कहा जाए, बैंक रेपो रेट में बदलाव के बाद EMI को बरकरार रखते हैं। दरों में कटौती होने पर लोन की अवधि कम कर दी जाती है और दरें बढ़ने पर बढ़ा दी जाती हैं।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

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