return to news
  1. RBI ने ऑनबोर्डिंग कस्टमर्स के लिए KYC नियमों में किए कई संशोधन, अब अकाउंट खोलना होगा पहले से आसान

पर्सनल फाइनेंस

RBI ने ऑनबोर्डिंग कस्टमर्स के लिए KYC नियमों में किए कई संशोधन, अब अकाउंट खोलना होगा पहले से आसान

Upstox

2 min read | अपडेटेड June 12, 2025, 15:51 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

Reserve Bank of India (RBI) यानी कि भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को अपने Know your customer (KYC) मानदंडों में कई संशोधन किए हैं, जिसका उद्देश्य डिजिटल और फिजिकल दोनों चैनलों पर ग्राहकों की ऑनबोर्डिंग को तेज, ज्यादा फ्लेग्जिबल और सिंपल बनाना है।

आरबीआई

आरबीआई ने केवाईसी नियमों में किए संशोधन

Reserve Bank of India (RBI) यानी कि भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को अपने Know your customer (KYC) मानदंडों में कई संशोधन किए हैं, जिसका उद्देश्य डिजिटल और फिजिकल दोनों चैनलों पर ग्राहकों की ऑनबोर्डिंग को तेज, ज्यादा फ्लेग्जिबल और सिंपल बनाना है। RBI (KYC) (संशोधन) निर्देश, 2025 के तहत, केंद्रीय बैंक ने आधार-बेस्ड e-KYC, वीडियो KYC और डिजिलॉकर डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके ग्राहकों को जोड़ने के लिए आसान प्रोसिजर निर्धारित किए हैं। इस कदम का उद्देश्य समावेशी बैंकिंग का समर्थन करना और पहली बार उपयोगकर्ताओं, विशेष रूप से DBT, EBT और PMJDY जैसी सरकारी योजनाओं के जरिए जुड़ने वालों के लिए प्रोसेस को आसान बनाना है।

Open FREE Demat Account within minutes!
Join now
कस्टमर्स को ऑनबोर्ड करने के तीन तरीके
1- फेस-टू-फेस ऑनबोर्डिंगः कस्टमर्स आधार बायोमेट्रिक बेस्ड e-KYC कर अपना अकाउंट खोल सकते हैं, अगर मौजूदा पता आधार पते से अलग है, तो एक सिंपल सेल्फ-डिक्लरेशन पर्याप्त है। इन-परसन सेटअप में डिजिटल KYC की भी अनुमति है।
2- नॉन फेस-टू-फेस ऑनबोर्डिंग (NFTF): कस्टमर्स को आधार OTP-बेस्ड e-KYC का इस्तेमाल करके रिमोटली ऑनबोर्ड किया जा सकता है, जो खास शर्तों के अधीन है। बैंक वेरिफिकेशन के लिए डिजिलॉकर डॉक्यूमेंट्स, ई-डॉक्यूमेंट्स और प्रमाणित डॉक्यूमेंट्स की कॉपी भी स्वीकार कर सकते हैं। NFTF के जरिए खोले गए खातों को एक साल के अंदर फुल Customer Due Diligence (CDD) पूरा करना होगा।
  1. वीडियो-बेस्ड कस्टमर पहचान प्रक्रिया (V-CIP): V-CIP पहचान सत्यापन के लिए बैंक अधिकारी के साथ लाइव, सिक्योर, सहमति-आधारित वीडियो इंटरैक्शन को सक्षम बनाता है। इसे आमने-सामने ऑनबोर्डिंग के बराबर माना जाता है और यह खाता खोलने और KYC अपडेट दोनों के लिए मान्य है।
ऑनबोर्डिंग को कारगर बनाने के लिए अतिरिक्त उपाय
केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआर) एकीकरण: बैंकों को ग्राहक की सहमति से मौजूदा केवाईसी रिकॉर्ड प्राप्त करने के लिए सीकेवाईसीआर का उपयोग करना चाहिए, जिससे बार-बार डॉक्यूमेंट्स जमा करने की आवश्यकता से बचा जा सके।
बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स (बीसी): बीसी अब ऑनबोर्डिंग और केवाईसी अपडेट में सहायता करने के लिए अधिकृत हैं, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में पहुंच बढ़ रही है।
सहानुभूतिपूर्ण रिऐक्टिवेशन: बैंकों को कल्याणकारी योजनाओं के तहत खोले गए खातों को रिऐक्टिवेट करते समय उदार दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी गई है।

आरबीआई ने बैंकों से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में विशेष ऑनबोर्डिंग और केवाईसी अपडेट शिविर आयोजित करने और लक्षित जागरूकता अभियान चलाने के लिए भी कहा है ताकि अधिक से अधिक उपयोगकर्ताओं को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में लाया जा सके।

ELSS
2025 के लिए पाएं बेस्ट टैक्स बचाने वाले फंड्स एक्सप्लोर करें ELSS
promotion image

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

अगला लेख