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PPF Vs ELSS: कौन देगा बड़ा रिटायरमेंट कॉर्पस? समझें रिस्क, रिटर्न और लिक्विडिटी का पूरा हिसाब

Upstox

3 min read | अपडेटेड December 12, 2025, 19:01 IST

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सारांश

ELSS एक मार्केट-लिंक्ड म्यूचुअल फंड स्कीम है, जिसमें रिटर्न ज्यादा मिलने की संभावना होती है। वहीं PPF सरकार द्वारा सुरक्षित किया गया बचत विकल्प है, जिसमें पैसा सुरक्षित रहता है और रिटर्न तय होता है। कम जोखिम लेने वाले निवेशक ज्यादातर PPF चुनते हैं, जबकि अधिक रिटर्न चाहने वाले और मार्केट रिस्क समझने वाले निवेशक ELSS को प्राथमिकता देते हैं।

PPF Vs ELSS

PPF Vs ELSS: रिटर्न की बात करें तो PPF पर सरकार हर तिमाही ब्याज दर तय करती है।

PPF Vs ELSS: रिटायरमेंट प्लानिंग में लंबे समय तक अनुशासित तरीके से निवेश करना होता है। इसके साथ ही सही निवेश विकल्पों का चुनाव भी अहम है। भारत में जब रिटायरमेंट की बात आती है, तो लोग अक्सर दो विकल्पों को देखते हैं- PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) और ELSS (ईक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम)। ये दोनों ही विकल्प लंबे समय में पैसा बनाने में मदद करते हैं और टैक्स बेनिफिट भी देते हैं। यहां हम समझेंगे कि दोनों स्कीम के क्या फायदे हैं और आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर साबित हो सकता है।
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ELSS और PPF क्या है?

ELSS एक मार्केट-लिंक्ड म्यूचुअल फंड स्कीम है, जिसमें रिटर्न ज्यादा मिलने की संभावना होती है। वहीं PPF सरकार द्वारा सुरक्षित किया गया बचत विकल्प है, जिसमें पैसा सुरक्षित रहता है और रिटर्न तय होता है। कम जोखिम लेने वाले निवेशक ज्यादातर PPF चुनते हैं, जबकि अधिक रिटर्न चाहने वाले और मार्केट रिस्क समझने वाले निवेशक ELSS को प्राथमिकता देते हैं।

PPF और ELSS में क्या हैं अंतर

PPF में लॉक-इन अवधि 15 साल की होती है। दूसरी ओर ELSS में लॉक-इन सिर्फ तीन साल का है। ELSS में तीन साल बाद आप चाहें तो निवेश जारी रख सकते हैं, लेकिन PPF 15 साल में मैच्योर होता है, जिसे बाद में 5-5 साल के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है। जोखिम के मामले में PPF पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि यह सरकार की गारंटी वाला है। ELSS में शेयर बाजार का जोखिम रहता है, इसलिए इसमें उतार-चढ़ाव संभव है।

किसमें मिलता है ज्यादा रिटर्न

रिटर्न की बात करें तो PPF पर सरकार हर तिमाही ब्याज दर तय करती है और अभी PPF का ब्याज 7.1% सालाना है। दूसरी तरफ, ELSS ने लंबे समय में 12%–18% सालाना औसत रिटर्न दिया है, कई योजनाओं ने लगभग 15% तक भी रिटर्न दिया है।

लिक्विडिटी यानी पैसे निकालने के मामले में ELSS अधिक लचीला है, क्योंकि इसमें लॉक-इन सिर्फ 3 साल का होता है। PPF में पैसा निकालने की अनुमति कुछ शर्तों और समय के बाद ही मिलती है, इसलिए इसकी लिक्विडिटी कम मानी जाती है।

किसमें बनेगा ज्यादा पैसा

अगर दोनों के रिटायरमेंट कॉर्पस की तुलना करें, तो PPF में सालाना ₹1.5 लाख निवेश करने पर 15 साल में कुल ₹40.68 लाख का कॉर्पस बनता है। वहीं ELSS में हर महीने ₹12,500 यानी सालाना ₹1.5 लाख निवेश करने पर 15 साल में लगभग ₹84.6 लाख तक का कॉर्पस बन सकता है, अगर औसत 15% सालाना रिटर्न मिले।

इस तुलना से साफ दिखता है कि PPF सुरक्षित है लेकिन रिटर्न कम देता है, जबकि ELSS बाजार से जुड़ा है इसलिए जोखिम है, पर लंबे समय में रिटर्न कहीं अधिक देता है। सही चुनाव आपकी जोखिम लेने की क्षमता, निवेश अवधि और निवेश लक्ष्य पर निर्भर करता है। सुरक्षित और निश्चित रिटर्न चाहने वालों के लिए PPF बेहतर है, वहीं तेज वृद्धि चाहने वाले निवेशक ELSS चुन सकते हैं।

अंत में अगर आप संतुलित रणनीति अपनाना चाहते हैं, तो PPF और ELSS दोनों का मिश्रण एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे एक तरफ सुरक्षा मिलती है और दूसरी तरफ तेज रिटर्न की संभावना भी बनी रहती है।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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