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4 min read | अपडेटेड July 23, 2025, 11:48 IST
सारांश
पीएम-किसान योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फरवरी 2019 में कृषि योग्य भूमिधारक किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए शुरू किया गया था। इस योजना के तहत, किसानों के आधार से जुड़े बैंक अकाउंट्सा में तीन समान किश्तों में हर साल 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ डीबीटी के जरिए सीधे ट्रांसफर किया जाता है।
पीएम किसान योजना में कितने किसानों को मिला है फायदा?
पीएम किसान सम्मान निधि योजना को लेकर कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में कुछ अहम जानकारियां दी हैं। पीएम किसान योजना की 20वीं किश्त के इंतजार में देश के करोड़ों किसान हैं, 19वीं किश्त 24 फरवरी 2025 को किसानों के खाते में आई थी। पीएम-किसान योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फरवरी 2019 में कृषि योग्य भूमिधारक किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए शुरू किया गया था। इस योजना के तहत, किसानों के आधार से जुड़े बैंक अकाउंट्सा में तीन समान किश्तों में हर साल 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए सीधे ट्रांसफर किया जाता है।
पीएम-किसान योजना के अंतर्गत, योजना का फायदा हासिल करने के लिए कृषि योग्य भूमिधारक होना प्राथमिक पात्रता मानदंड है, जो उच्च आय वर्ग से संबंधित कुछ अपवादों के अधीन है। भारत सरकार ने योजना की शुरुआत से अब तक 19 किश्तों में किसानों को 3.69 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि बांटी है। पीएम-किसान योजना की 19वीं किश्त 24 फरवरी, 2025 को जारी की गई और 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 23,000 करोड़ रुपये से अधिक का फायदा हुआ था।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी पात्र किसान इस योजना से वंचित न रहे, भारत सरकार अकसर राज्य सरकारों के साथ समन्वय में सेचुरेशन अभियान चलाती है। 15 नवंबर 2023 से विकसित भारत संकल्प यात्रा (वीबीएसवाई) के तहत एक व्यापक राष्ट्रव्यापी सेचुरेशन अभियान आयोजित किया गया, जिसके दौरान 1 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम-किसान योजना के अंतर्गत शामिल किया गया।
इसके अलावा, नई सरकार की 100 दिनों की पहल के तहत, लगभग 25 लाख नए पात्र किसानों को पीएम-किसान योजना के अंतर्गत शामिल किया गया। इसके अलावा, लंबित स्व-पंजीकरण मामलों के निपटान के लिए सितंबर 2024 से एक विशेष अभियान आयोजित किया गया। अभियान की शुरुआत से अब तक राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा 30 लाख से अधिक लंबित स्व-पंजीकरण मामलों को स्वीकृति दी जा चुकी है।
इन अभियानों के परिणामस्वरूप, 10 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम-किसान योजना की 19वीं किश्त का फायदा मिला। पीएम-किसान पोर्टल पर एक समर्पित 'किसान कॉर्नर' उपलब्ध कराया गया है जहां किसानों को अपनी लाभार्थी स्थिति और किश्त भुगतान विवरण देखने सहित कई सुविधाएं प्रदान की गई हैं। पोर्टल पर किसानों के लिए अपनी पात्रता और भुगतान स्थिति जानने के लिए एक अतिरिक्त सुविधा, 'नो योर स्टेटस’ (अपनी स्थिति जानें) भी उपलब्ध है। किसान अपने स्थानीय कॉमन सर्विस सेंटर पर भी जा सकते हैं, जहां वे अपनी लाभार्थी स्थिति और किश्त भुगतान डीटेल्स चेक कर सकते हैं।
पीएम-किसान योजना में धनराशि नहीं मिलने से संबंधित समस्याओं सहित किसी भी समस्या के समाधान के लिए एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र है। किसानों की शिकायतों के लिए पीएम-किसान पोर्टल पर एक समर्पित शिकायत मॉड्यूल उपलब्ध है। इन शिकायतों का राज्य/जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा समयबद्ध तरीके से समाधान किया जाता है। पीएम-किसान शिकायत मॉड्यूल के अतिरिक्त, किसान केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पोर्टल के जरिए भी अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
इसके अलावा, योजना के लाभार्थियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए, लाभार्थियों द्वारा उठाए गए सामान्य प्रश्नों और शिकायतों का तुरंत समाधान करने के लिए, एक वॉइस-आधारित पीएम-किसान एआई चैटबॉट (किसान ई-मित्र) विकसित किया गया है। यह चैटबॉट किसानों के प्रश्नों का 24 घंटे के अंदर उनकी मातृभाषा में रियल टाइम, सटीक और साफ जवाब देता है, जिससे यह प्रणाली अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता-अनुकूल बन जाती है। यह वेब, मोबाइल आदि सभी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। किसान ई-मित्र चैटबॉट वर्तमान में 11 भाषाओं—अंग्रेजी, हिंदी, ओड़िया, तमिल, बंगाली, मलयालम, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तेलुगु और मराठी में उपलब्ध है।
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