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  1. NPS-APY सब्सक्राइबर्स की बल्ले-बल्ले! अब NAV पर नहीं दिखेगा बाजार का उतार-चढ़ाव, ये है प्रस्ताव

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NPS-APY सब्सक्राइबर्स की बल्ले-बल्ले! अब NAV पर नहीं दिखेगा बाजार का उतार-चढ़ाव, ये है प्रस्ताव

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 22, 2025, 17:23 IST

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सारांश

PFRDA ने NPS और APY के नियमों में बदलाव के लिए एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है। इसका मकसद NAV की गणना के लिए 'डुअल वैल्यूएशन' फ्रेमवर्क लाना है। इससे सब्सक्राइबर्स के पेंशन फंड पर बाजार की अस्थिरता का असर कम पड़ेगा।

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PFRDA के नए प्रस्ताव से NPS और APY की NAV में स्थिरता आने की उम्मीद है।

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) के सब्सक्राइबर्स को बड़ी राहत देने की तैयारी कर ली है। PFRDA ने 21 अक्टूबर को एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है, जिसका मकसद इन पेंशन फंड्स की नेट एसेट वैल्यू (NAV) की गणना के तरीके को बदलना है।

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इस नए प्रस्ताव का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सब्सक्राइबर्स के पेंशन फंड पर बाजार में होने वाले शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव (Volatility) का असर कम हो जाएगा। इससे उन्हें अपनी पेंशन वेल्थ ज्यादा स्थिर (Stable) दिखेगी।

क्या है PFRDA का 'डुअल वैल्यूएशन' प्रस्ताव?

PFRDA ने 17 अक्टूबर, 2025 के अपने कंसल्टेशन पेपर में 'डुअल वैल्यूएशन फ्रेमवर्क' (दोहरी मूल्यांकन व्यवस्था) अपनाने का प्रस्ताव रखा है। यह नियम खास तौर पर लंबी अवधि की सरकारी सिक्योरिटीज (Government Securities) में किए गए निवेश पर लागू होगा। इस नए फ्रेमवर्क में दो तरीकों 'एक्रुअल' (Accrual) और 'फेयर मार्केट' (Fair Market) का इस्तेमाल किया जाएगा।

आसान भाषा में समझें तो, 'फेयर मार्केट' वैल्यू का मतलब है कि सिक्योरिटी की आज बाजार में क्या कीमत है, जो ब्याज दरें बदलने से रोज ऊपर-नीचे होती है। वहीं, 'एक्रुअल' का मतलब है कि उस सिक्योरिटी पर आपको तय रिटर्न (ब्याज) कितना मिल रहा है। PFRDA का मानना है कि जो लोग 30-40 साल के लिए निवेश कर रहे हैं, उनके लिए रोज के बाजार भाव से ज्यादा यह मायने रखता है कि उन्हें तय रिटर्न कितना मिल रहा है।

सब्सक्राइबर्स को कैसे मिलेगा फायदा?

NPS और APY दोनों ही बहुत लंबी अवधि के निवेश हैं। PFRDA का कहना है कि मौजूदा सिस्टम में, जब भी ब्याज दरों में कोई शॉर्ट-टर्म बदलाव होता है, तो पेंशन फंड की NAV में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव दिखने लगता है। इससे सब्सक्राइबर घबरा जाते हैं, जबकि लंबी अवधि में यह उतार-चढ़ाव उनके असल रिटर्न पर कोई खास असर नहीं डालता है।

स्थिर वेल्थ ग्रोथ: सब्सक्राइबर्स को अपनी पेंशन वेल्थ ज्यादा स्थिर और सरल तरीके से बढ़ती हुई दिखेगी।
कम वोलैटिलिटी का असर: ब्याज दरों में होने वाले छोटे-मोटे बदलावों का NAV पर असर कम हो जाएगा, जिससे घबराहट में गलत फैसले लेने से लोग बचेंगे।
लॉन्ग-टर्म निवेश को बढ़ावा: यह फ्रेमवर्क पेंशन फंड्स को देश के इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे लंबे प्रोजेक्ट्स में ज्यादा निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

PFRDA ने 30 नवंबर तक मांगे सुझाव

यह अभी सिर्फ एक प्रस्ताव है और PFRDA ने इस पर सभी हितधारकों (Stakeholders) से सुझाव मांगे हैं। NPS और APY से जुड़े लोग, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और आम जनता, सभी इस कंसल्टेशन पेपर पर अपनी राय दे सकते हैं। यह पेपर PFRDA की आधिकारिक वेबसाइट (pfrda.org.in) पर 'Research and Publication' टैब के अंदर उपलब्ध है। सुझाव भेजने की आखिरी तारीख 30 नवंबर, 2025 रखी गई है। इन सुझावों के आधार पर ही PFRDA अंतिम नियम तय करेगा।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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