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  1. NPCI की इस नई सुविधा से करोड़ों टैक्सपेयर्स को जल्द मिल सकेगा रिफंड, PAN-बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन अब होगा चुटकी में

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NPCI की इस नई सुविधा से करोड़ों टैक्सपेयर्स को जल्द मिल सकेगा रिफंड, PAN-बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन अब होगा चुटकी में

Upstox

2 min read | अपडेटेड June 23, 2025, 10:10 IST

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सारांश

वेरिफिकेशन प्रोसेस को आसान बनाने के लिए एनपीसीआई ने सभी सदस्य बैंकों को इस प्लैटफॉर्म के लिए रियल-टाइम में पैन और बैंक अकाउंट के वेरिफिकेशन को सक्षम करने का आदेश दिया है।

इनकम टैक्स रिफंड

इनकम टैक्स रिफंड अब मिलेगा पहले से तेज

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल पर पैन और बैंक अकाउंट के वेरिफिकेशन के लिए एक नई सुविधा शुरू कर दी है। वेरिफिकेशन प्रोसेस को आसान बनाने के लिए एनपीसीआई ने सभी सदस्य बैंकों को इस प्लैटफॉर्म के लिए रियल-टाइम में पैन और बैंक अकाउंट के वेरिफिकेशन को सक्षम करने का आदेश दिया है। ऑफिशियल सर्कुलर के मुताबिक, सरकारी विभागों के पास अब एक समर्पित एपीआई सर्विस तक पहुंच होगी, जो उन्हें अहम कस्टमर डीटेल्स को वेरिफाई करने की अनुमति देती है, जैसे कि पैन स्टेटस, बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन और अकाउंटहोल्डर्स का नाम सीधे बैंकों के कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) के जरिए। इस बीच, एनपीसीआई ने सभी सदस्य बैंकों से इस सर्विस के इम्प्लिमेंट को प्राथमिकता देने का भी आग्रह किया है, जिसे भारत सरकार को पेश किया जा रहा है।

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क्या है API?

API एक ऐसा टूल है, जो दो सिस्टम को आपस में जुड़ने और जानकारी शेयर करने में मदद करता है। इस मामले में, यह सरकार के टैक्स प्लैटफॉर्म और बैंक के इंटरनल सिस्टम के बीच एक सुरक्षित लिंक के रूप में काम करता है। जब कोई यूजर अपने पैन को वेरिफाई करने या इनकम टैक्स वेबसाइट पर बैंक अकाउंट को लिंक करने की कोशिश करता है, तो API बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) को चेक करने के लिए एक क्विक रिक्वेस्ट भेजता है, पैन डीटेल्स, अकाउंट होल्डर का नाम और अकाउंट स्टेटस (एक्टिव, इनैक्टिव या बंद)। यह ऑटोमेटेड प्रोसेस मैन्युअल चेक की जगह लेती है, जिससे वेरिफिकेशन तेज, अधिक सटीक और सुरक्षित हो जाता है।

ऐसे मिलेगा टैक्सपेयर्स को फायदा

पैन और बैंक अकाउंट के वेरिफिकेशन में एपीआई के इस्तेमाल से कई फायदे मिलते हैं। यह पैन को बैंक अकाउंट से तेजी से जोड़ने में सक्षम बनाता है, जिससे वेरिफिकेशन में लगने वाला समय कम हो जाता है। प्रोसेस को ऑटोमेट करके, यह डेटा एंट्री या ऑफलाइन चेक के दौरान होने वाली मैन्युअल गलतियों को कम करने में भी मदद करता है। इससे टैक्स रिफंड के प्रोसेस में तेजी आती है, जिसका सीधा फायदा टैक्सपेयर्स को मिलता है।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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