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  1. Insurance Sector में AI के इस्तेमाल पर जोर, सर्विस में सुधार समेत हो रहे हैं ये बड़े बदलाव

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Insurance Sector में AI के इस्तेमाल पर जोर, सर्विस में सुधार समेत हो रहे हैं ये बड़े बदलाव

Upstox

3 min read | अपडेटेड June 05, 2025, 13:18 IST

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सारांश

Insurance Sector: इंश्योरेंस कंपनियां कामकाज को आसान और कस्टमर-फ्रेंडली बनाने के लिए डिजिटल टूल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस कर रही हैं। इस पहल के चलते दावे जल्दी निपटाए जा रहे हैं, कागजी काम कम हुआ है और बीमा लेना और समझना आसान हो गया है।

Insurance Sector

Insurance Sector: अब बीमा के क्षेत्र में निजी कंपनियों की हिस्सेदारी ज्यादा हो गई है।

New trends in the Indian insurance sector: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और लगातार बेहतर हो रही टेक्नोलॉजी का असर आज के समय में हर सेक्टर पर दिख रहा है। इससे भारत का इंश्योरेंस सेक्टर भी अछूता नहीं है। भारत का इंश्योरेंस सेक्टर इस समय बदलावों के दौर से गुजर रहा है।

रेगुलेटरी रिफॉर्म्स और कस्टमर्स की बदलती जरूरतों के साथ इंश्योरेंस कंपनियां भी अपने कामकाज के तरीके में बदलाव कर रही हैं। यहां इन बदलावों के बारे में बताया गया है।

डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और AI

इंश्योरेंस कंपनियां कामकाज को आसान और कस्टमर-फ्रेंडली बनाने के लिए डिजिटल टूल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस कर रही हैं। इस पहल के चलते दावे जल्दी निपटाए जा रहे हैं, कागजी काम कम हुआ है और बीमा लेना और समझना आसान हो गया है।

AI आधारित चैटबॉट, ऑटोमेटेड क्लेम सेटलमेंट और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल जोरों पर है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, AI ने अंडरराइटिंग की स्पीड 36% तक बढ़ा दी है, और 70% तक क्लेम्स रियल-टाइम में निपटाए जा रहे हैं। बीमा कंपनियां मोबाइल ऐप और वेबसाइट्स के जंरिए बीमा बेच रही हैं, जिससे अब एजेंट्स पर निर्भरता कम हो गई है।

InsurTech स्टार्टअप्स का उभरना

भारत में अब 100 से ज्यादा InsurTech स्टार्टअप्स हैं जो नए-नए तरीकों से बीमा बेच रहे हैं। ये कंपनियां कम प्रीमियम, तेज क्लेम प्रोसेसिंग और पे-पर-यूज मॉडल जैसी सुविधाएं दे रही हैं। इससे बीमा सेक्टर खासकर छोटे शहरों तक तेजी से पहुंच रहा है।

Health Insurance का विस्तार

अब ज्यादा लोग हेल्थ इंश्योरेंस ले रहे हैं। सरकार की योजना "आयुष्मान भारत" अब 70 साल से ऊपर के लोगों को भी कवर कर रही है। 2025 के अंत तक देश की आधी आबादी के पास हेल्थ बीमा होगा। कोविड के बाद लोगों में हेल्थ को लेकर जागरूकता बढ़ी है, और अब हर दूसरा व्यक्ति हेल्थ बीमा लेना चाहता है।

प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के असर

दिल्ली जैसे शहरों में वायु प्रदूषण की वजह से बीमा कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम 10-15% तक बढ़ा सकती हैं। बीमा कंपनियां अब पर्यावरणीय जोखिमों (जैसे वायु प्रदूषण, बाढ़, गर्मी की लहरें) को भी ध्यान में रख रही हैं। जनरल इंश्योरेंस कंपनियां अब क्लाइमेट-रेडी बीमा प्लान्स बनाने पर जोर दे रही हैं।

सरकारी सुधार और नए नियम

बीमा नियामक संस्था IRDAI ने बीमा कंपनियों के खर्चों पर एक नया कैप लगाया है, जिससे कंपनियां अब अपने काम करने के तरीके को और ज्यादा कुशल बना रही हैं। IRDAI चाहता है कि बीमा लेना आसान हो, कम कागजी काम, और तेज सर्विस हो। IRDAI का लक्ष्य है कि 2047 तक हर भारतीय के पास बीमा हो।

निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ी

अब बीमा के क्षेत्र में निजी कंपनियों की हिस्सेदारी ज्यादा हो गई है। इससे ग्राहक को ज्यादा विकल्प मिलते हैं और सेवाओं की गुणवत्ता भी बेहतर हो रही है।

ग्राहक अनुभव और सर्विस क्वालिटी में सुधार

बीमा कंपनियां अब ग्राहकों के संतोष को प्राथमिकता दे रही हैं। अब 24x7 हेल्पलाइन, मोबाइल एप्स, आसान पॉलिसी रिन्युअल, और पेपरलेस क्लेम्स जैसी सुविधाएं आम हो चुकी हैं। ग्राहक अब सिर्फ एजेंट पर निर्भर नहीं हैं, वे स्वतंत्र रूप से जानकारी ले सकते हैं, तुलना कर सकते हैं और ऑनलाइन पॉलिसी खरीद सकते हैं।

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लेखकों के बारे में

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