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  1. Income Tax Regime: कितनी बार नए से पुराने और पुराने से नए टैक्स रिजीम में मारी जा सकती है पलटी, यहां समझें

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Income Tax Regime: कितनी बार नए से पुराने और पुराने से नए टैक्स रिजीम में मारी जा सकती है पलटी, यहां समझें

Upstox

3 min read | अपडेटेड March 03, 2025, 08:48 IST

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सारांश

Income tax return फाइल करते हुए आप नए या पुराने टैक्स रिजीम के तहत रिटर्न फाइल कर सकते हैं, लेकिन कितनी बार आप ओल्ड से न्यू और न्यू से ओल्ड टैक्स रिजीम में पलटी मार सकते हैं, इसके नियम क्या कहते हैं, चलिए समझते हैं।

इनकम टैक्स

कितनी बार बदली जा सकती है टैक्स रिजीम

Income tax return filing आप पुराने टैक्स रिजीम में कर रहे हैं या नए टैक्स रिजीम में इसका फैसला आप अपनी सालाना सैलरी और बचत के हिसाब से करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कितनी बार आप नए से ओल्ड या ओल्ड से नए टैक्स रिजीम में पलटी मार सकते हैं? न्यू टैक्स रिजीम को आए हुए पांच साल करीब हो चुके हैं, लेकिन अभी भी इसको लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है, इसी कन्फ्यूजन को चलिए दूर करने की कोशिश करते हैं। 2023-24 फाइनेंशियल ईयर से न्यू टैक्स रिजीम आपकी डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बन चुकी है। इसका मतलब है कि अगर टैक्स भरने वाला शख्स यह सिलेक्ट नहीं करता है कि उसे ओल्ड टैक्स रिजीम से टैक्स का भुगतान करना है या फिर नए से तो ऐसी स्थिति में अपने आप न्यू टैक्स रिजीम से ही उसका टैक्स डिडक्ट होगा। यहां एक बात और समझना जरूरी है, इनकम टैक्स रिजीम को लेकर जो नियम हैं, वह सैलरी वालों के लिए अलग हैं और बिजनेस करने वालों के लिए अलग।

सैलरी वाले लोगों के लिए क्या हैं टैक्स रिजीम के नियम

टैक्स भरने वाला शख्स अगर सैलरीड है, यानी कि उसकी इनकम सैलरी से आती है, ना कि बिजनेस से, तो वह हर साल अपनी टैक्स रिजीम का चुनाव खुद कर सकता है। टैक्स रिजीम चुनने की छूट आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की ड्यू डेट से पहले तक ही होती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, ‘सैलरीड शख्स हर साल नई और पुरानी टैक्स रिजीम के बीच स्विच कर सकता है। उसी साल के अंदर, फिर से इस बात पर जोर दिया गया कि पुरानी टैक्स रिजीम का ऑप्शन केवल आईटी अधिनियम की धारा 139(1) के तहत रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख से पहले ही लिया जा सकता है।’

सैलरीड शख्स को अपने एम्प्लॉयर को फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत में बताना होता है कि वह किस टैक्स रिजीम में रहना चाहता है। अगर वह ओल्ड टैक्स रिजीम नहीं चुनते हैं, तो डिफॉल्ट ऑप्शन के तौर पर वह न्यू टैक्स रिजीम में आते हैं। लेकिन आईटीआर की ड्यू डेट से पहले वह अपना टैक्स रिजीम बदल सकते हैं। जैसे कि अगर आपका टैक्स न्यू टैक्स रिजीम के तहत कट रहा है और आपको आईटीआर फाइलिंग के समय ऐसा लगता है कि ओल्ड टैक्स रिजीम के हिसाब से आपकी बचत है और आपको उसमें फायदा मिल सकता है तो आईटीआर फाइलिंग की ड्यू डेट से पहले आप ओल्ड टैक्स रिजीम चुन सकते हैं। ऐसे ही अगर आपने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है और आपकी बचत उस हिसाब से नहीं हुई है और आपको लगता है कि आपको न्यू टैक्स रिजीम में फायदा मिल सकता है, तो आईटीआर फाइलिंग की नियत तारीख से पहले आप ओल्ड से न्यू टैक्स रिजीम में आ सकते हैं।

टैक्स रिजीम सिलेक्शन के नियम क्या हैं बिजनेस वालों के लिए

अगर टैक्सपेयर बिजनेस से या फिर अन्य तरीके से इनकम पा रहा है, तो उसे हर साल टैक्स रिजीम चुनने का मौका नहीं मिलता है। एक बार जो टैक्स रिजीम चुन ली गई, उसे बदलने का मौका उन्हें हर साल नहीं मिलेगा।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।