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  1. New Labour Codes: ओवरटाइम पर दोगुनी सैलरी से एक्सीडेंट कवर तक, नोट कर लीजिए आपके काम आने वाले 10 नियम

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New Labour Codes: ओवरटाइम पर दोगुनी सैलरी से एक्सीडेंट कवर तक, नोट कर लीजिए आपके काम आने वाले 10 नियम

Upstox

3 min read | अपडेटेड November 25, 2025, 14:01 IST

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सारांश

New Labour Codes: नए लेबर कोड लागू होने से कर्मचारियों की जिंदगी में 10 बड़े बदलाव आने वाले हैं। अब ओवरटाइम करने पर दोगुनी सैलरी मिलेगी और घर से ऑफिस के रास्ते में एक्सीडेंट होने पर भी मुआवजा मिलेगा। ग्रेच्युटी के लिए 5 साल का इंतजार खत्म होगा और नौकरी छोड़ने पर 2 दिन में हिसाब चुकता करना होगा।

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नए लेबर कोड लागू होने से कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर और काम के घंटों में होंगे बड़े बदलाव।

New Labour Codes: सरकार द्वारा लाए जा रहे नए लेबर कोड्स (Labour Codes) ने नौकरीपेशा लोगों के बीच काफी चर्चा छेड़ दी है। 29 पुराने कानूनों को खत्म करके बनाए गए ये 4 नए कोड कर्मचारियों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए हैं। हालांकि, कानूनी भाषा में लिखे इन नियमों को समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसलिए, आपकी सुविधा के लिए हमने इन भारी-भरकम नियमों को 10 आसान प्वाइंट्स में बदल दिया है, ताकि आप जान सकें कि इसका आपकी नौकरी और जेब पर क्या असर होगा।
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नए लेबर कोड के 10 सबसे बड़े नियम

ओवरटाइम पर डबल सैलरी: अगर आप अपने तय काम के घंटों (सामान्यतः 8 या 9 घंटे) से ज्यादा काम करते हैं, तो कंपनी को आपको सामान्य वेतन से दोगुना भुगतान करना होगा।
सैलरी स्ट्रक्चर और पीएफ: आपकी बेसिक सैलरी (Basic Salary) कुल वेतन का कम से कम 50% होनी चाहिए। इसका मतलब है कि आपकी टेक-होम सैलरी थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन पीएफ और ग्रेच्युटी में ज्यादा पैसा जमा होगा, जिससे बुढ़ापा सुरक्षित रहेगा।
ग्रेच्युटी अब 1 साल में: फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों (कॉन्ट्रैक्ट) को अब ग्रेच्युटी के लिए 5 साल का इंतजार नहीं करना होगा। उन्हें 1 साल की सेवा के बाद ही ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा।
छुट्टियों के नियम आसान: पहले अर्न्ड लीव (Earned Leave) पाने के लिए साल में 240 दिन काम करना जरूरी था, जिसे घटाकर अब 180 दिन कर दिया गया है। यानी नए कर्मचारियों को जल्दी छुट्टी का फायदा मिलेगा।
रास्ते का एक्सीडेंट कवर: सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि अगर घर से ऑफिस आते या जाते वक्त (Commute) एक्सीडेंट होता है, तो इसे 'ऑन ड्यूटी' माना जाएगा और कंपनी को मुआवजा देना पड़ सकता है।
2 दिन में पूरा हिसाब: अगर कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ता है या उसे निकाला जाता है, तो कंपनी को उसके जाने के 2 कामकाजी दिनों (Working Days) के अंदर उसका पूरा पेमेंट (Full & Final Settlement) करना होगा।
गिग वर्कर्स को सुरक्षा: डिलीवरी बॉय या ऐप आधारित काम करने वाले गिग वर्कर्स को पहली बार सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया गया है। एग्रीगेटर कंपनियों को उनके हेल्थ और इंश्योरेंस के लिए फंड देना होगा।
अपॉइंटमेंट लेटर जरूरी: अब किसी भी कंपनी के लिए कर्मचारी को काम पर रखते ही 'अपॉइंटमेंट लेटर' देना कानूनी रूप से अनिवार्य होगा, जिससे जॉब सिक्योरिटी और पारदर्शिता बढ़ेगी।
फ्री हेल्थ चेकअप: अगर आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है, तो साल में एक बार आपका फ्री हेल्थ चेकअप कराने की जिम्मेदारी आपके नियोक्ता (Employer) की होगी।
सबको मिनिमम वेज: चाहे आप संगठित क्षेत्र में हों या असंगठित में, हर कर्मचारी को केंद्र सरकार द्वारा तय 'न्यूनतम मजदूरी' (Minimum Wage) पाने का कानूनी अधिकार होगा।
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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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