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  1. बीमा, पेंशन…भारतीयों में बढ़ी है वित्तीय समझ, NABARD के सर्वे से मिले अच्छे संकेत

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बीमा, पेंशन…भारतीयों में बढ़ी है वित्तीय समझ, NABARD के सर्वे से मिले अच्छे संकेत

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 30, 2024, 14:02 IST

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सारांश

NABARD के एक सर्वे में पाया गया है कि साल 2016- 17 की तुलना में 2021-22 में ग्रामीण इलाकों में लोगों की वित्तीय मामलों में समझ बढ़ी है। अब ज्यादा लोगों के पास बीमा कवर है और पेंशन का फायदा भी उठा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि कृषक परिवारों में यह बढ़त गैर- कृषक परिवारों की तुलना में ज्यादा देखी गई है।

भारतीयों में बढ़ रही है वित्तीय समझ

भारतीयों में बढ़ रही है वित्तीय समझ

भारतीय ग्रामीण इलाकों में वित्तीय जानकारी का प्रचार और प्रसार सकारात्मक असर करने लगा है। यह जानकारी NABARD के दूसरे अखिल भारतीय ग्रामीण वित्तीय समावेशन सर्वेक्षण (All India Rural Financial Inclusion Survey, NAFIS) में सामने आई है।

साल 2021-22 के दौरान किए गए सर्वे में, 1 लाख ग्रामीण परिवारों पर किए गए सर्वे का डेटा हाल ही में पब्लिश किया गया है। इसके पहले यह सर्वे 2016-17 में हुआ था। सर्वे में देश के 28 राज्यों और जम्मू-कश्मीर को शामिल किया गया है।

बढ़ी है बीमा कराने की आदत

सर्वे में पाया गया है कि ऐसे परिवारों की संख्या साल 2016-17 में 25.5% से बढ़कर 2021-22 में 80.3% पर पहुंच गई जहां परिवार के कम से कम एक सदस्य का किसी तरह का बीमा जरूर था। यानी हर 5 में से 4 परिवारों में कम से कम एक सदस्य का बीमा था।

सर्वे में पाया गया कि कृषक परिवारों में गैर- कृषक परिवारों की तुलना में 13% ज्यादा बीमा कराया गया था। यह बात भी सामने आई है कि सबसे ज्यादा (55%) गाड़ियों का बीमा कराया गया। जीवन बीमा सिर्फ 24% परिवारों में देखा गया और इसमें भी कृषक परिवार आगे रहे।

पेंशन का भी फायदा

सोशल सिक्यॉरिटी के मामले में पेंशन एक अहम पहलू होती है जो एक उम्र के बाद इंसान को किसी के ऊपर निर्भर रहने से बचा लेती है। सर्वे में पाया गया कि ऐसे परवारों की संख्या में भी बढ़त हुई है जहां कम से कम एक सदस्य को पेंशन मिलती हो।

साल 2016- 17 में जहां यह 18.9% था, वहीं साल 2021- 22 में यह 23.5% हो गई थी। वहीं, ऐसे करीब 54% परिवार पाए गए जहां 60 साल से ज्यादा की उम्र के कम से कम एक शख्स को पेंशन मिल रही थी।

बढ़ी है वित्तीय समझ

यह सर्वे वित्तीय समावेशन (Financial inclusion) के प्रसार और उससे होने वाले असर के आकलन के लिए किया गया था। इसके नतीजे उम्मीद जगाने वाले निकले हैं क्योंकि वित्तीय शिक्षा (Financial literacy) रखने वाले लोगों की संख्या में 17% की बढ़ोतरी देखी गई. साल 2016- 17 में यह प्रतिशत 33.9% था जो 2021-22 में 51.3% हो गया।

सोच- समझकर करते हैं फैसला

अच्छी बात यह भी रही कि ऐसे लोग जो सोच- समझकर विवेकपूर्ण वित्तीय फैसले करते हैं, अपने पैसों को सही से मैनेज करते हैं, खर्चों को ट्रैक करते हैं और समय पर बिल जमा करते हैं उनकी संख्या भी 56.4% से बढ़कर 72.8% पर पहुंच गई। वित्तीय जानकारी के आकलन पर पाया गया कि ग्रामीण इलाकों से कम से कम 58% और अर्ध-शहरी इलाकों में 66% लोगों ने सभी सवालों के सही जवाब दिए।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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