return to news
  1. Mutual Fund: SEBI का एक्सपेंस रेशियो पर बड़ा प्रस्ताव, इससे कैसे और कितना होगा निवेशकों को फायदा

पर्सनल फाइनेंस

Mutual Fund: SEBI का एक्सपेंस रेशियो पर बड़ा प्रस्ताव, इससे कैसे और कितना होगा निवेशकों को फायदा

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 30, 2025, 17:46 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

Mutual Fund: जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आप एक फीस देते हैं जिसे TER कहा जाता है। यह फंड के संचालन और प्रबंधन का खर्च कवर करता है। इसके अलावा, फंड कंपनियां जब शेयर या डेरिवेटिव खरीद-बिक्री करती हैं, तो उन्हें ब्रोकरेज चार्ज भी देना पड़ता है।

Mutual Fund

Mutual Fund स्कीम्स पर लगने वाले कुल खर्च अनुपात (टोटल एक्सपेंश रेशियो-TER) की अधिकतम सीमा घटाई जाएगी।

Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में निवेश लंबे समय से लोगों के लिए अपनी पूंजी बढ़ाने का एक लोकप्रिय तरीका रहा है। हालांकि, इसमें फंड मैनेजमेंट फीस और ट्रांजेक्शन चार्ज जैसे खर्चे भी जुड़े होते हैं, जिसका निवेशकों के मुनाफे पर असर पड़ता है। अब मार्केट रेगुलेटर SEBI ने एक अहम प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत म्यूचुअल फंड स्कीम्स पर लगने वाले कुल खर्च अनुपात (टोटल एक्सपेंश रेशियो-TER) की अधिकतम सीमा घटाई जाएगी। इसका मतलब है कि निवेशकों से वसूली जाने वाली मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन फीस कम हो सकती है, जिससे उनके रिटर्न पर पॉजिटिव असर पड़ेगा।
Open FREE Demat Account within minutes!
Join now

क्या है सेबी का प्रस्ताव?

जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आप एक फीस देते हैं जिसे TER कहा जाता है। यह फंड के संचालन और प्रबंधन का खर्च कवर करता है। इसके अलावा, फंड कंपनियां जब शेयर या डेरिवेटिव खरीद-बिक्री करती हैं, तो उन्हें ब्रोकरेज चार्ज भी देना पड़ता है। अब सेबी ने प्रस्ताव दिया है कि यह ब्रोकरेज चार्ज कम किए जाएं, इसे कैश मार्केट के लिए 12 बेसिस पॉइंट (bps) से घटाकर 2 bps और डेरिवेटिव मार्केट के लिए 5 bps से घटाकर 1 bps कर दिया जाए। इस कदम से निवेश की कुल लागत घटेगी और निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलेगा।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

एक्सपर्ट्स ने इसे निवेशकों के लिए एक सकारात्मक कदम बताया है। ValueCurve Financial Services के पार्टनर रोनक मोरजारिया ने कहा कि यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो म्यूचुअल फंड निवेशकों को सीधा फायदा होगा। TER में कटौती से निवेश पर मिलने वाला रिटर्न (ROI) धीरे-धीरे बढ़ेगा, चाहे फंड नया हो या पुराना, बड़ा हो या छोटा। उन्होंने यह भी कहा कि नए फंड (NFOs) लॉन्च करने का खर्च फंड कंपनी या उसके स्पॉन्सर को उठाना चाहिए, निवेशकों से नहीं।

Capitalmind Mutual Fund के दीपक शेनॉय ने कहा कि आज के समय में निवेशक ब्रोकरेज में बहुत कम भुगतान करते हैं, इसलिए म्यूचुअल फंड मैनेजरों को भी अपने ट्रांजेक्शन खर्च घटाने चाहिए। वहीं TRUST Mutual Fund के सीईओ संदीप बागला ने कहा कि कुल मिलाकर TER घटने से निवेशकों को सीधा फायदा होगा, क्योंकि उनके रिटर्न में बढ़ोतरी होगी।

क्या है ROI

ROI (रिटर्न ऑन इनवेस्टमेंट) यह बताता है कि आपने अपने निवेश पर कितना मुनाफा कमाया। इसे प्रतिशत में मापा जाता है।

  • इसका फॉर्मूला है- ROI = (अंतिम मूल्य – शुरुआती निवेश) ÷ शुरुआती निवेश × 100

उदाहरण के तौर पर अगर आपने ₹50,000 लगाए और तीन साल में वह ₹65000 हो गया, तो आपका ROI = (65,000 – 50,000) ÷ 50,000 × 100 = 30% होगा। ये प्रस्ताव अभी कंसल्टेशन ड्राफ्ट स्टेज में हैं, यानी अभी अंतिम नहीं हुए हैं। सेबी ने 17 नवंबर तक जनता से सुझाव मांगे हैं। इसके बाद ही अंतिम नियम बनाए जाएंगे।

निवेशकों को कितना हो सकता है फायदा?

अगर सालाना फीस में 0.15% से 0.25% तक की भी कमी होती है, तो लंबे समय में निवेशकों को बड़ा फायदा होगा। उदाहरण के लिए, ₹10 लाख के निवेश पर 0.15% की कटौती का मतलब है ₹1500 की सालाना बचत। कई वर्षों में यह बचत ब्याज पर ब्याज (कंपाउंडिंग) के जरिए निवेशक के रिटर्न को और बढ़ा सकती है।

सेबी ने यह भी कहा है कि म्यूचुअल फंड कंपनियों को "परफॉर्मेंस आधारित खर्च अनुपात" (performance-linked TER) लागू करने का विकल्प दिया जाएगा, ताकि अच्छा प्रदर्शन करने वाले फंड्स को ही थोड़ी अधिक फीस लेने की अनुमति हो। इस पर विस्तृत ढांचा बाद में हितधारकों से चर्चा के बाद तय किया जाएगा।

ELSS
2025 के लिए पाएं बेस्ट टैक्स बचाने वाले फंड्स एक्सप्लोर करें ELSS
promotion image

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

अगला लेख