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Multi Cap Vs Flexi Cap: पिछले 5 सालों के रिपोर्ट कार्ड में कौन बना रिटर्न का बाजीगर? AMFI के आंकड़े बता रहे पूरी कहानी

विकास तिवारी

4 min read | अपडेटेड November 18, 2025, 15:13 IST

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सारांश

मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप फंड्स ने पिछले 5 सालों में निवेशकों को जबरदस्त मुनाफा दिया है। एम्फी के डेटा के अनुसार, कुछ फंड्स ने 25% से 29% तक का सालाना रिटर्न दिया है। इस रिपोर्ट में हम जानेंगे कि रिटर्न के मामले में कौन आगे रहा और दोनों में मुख्य अंतर क्या है।

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किस म्यूचुअल फंड में मिला सबसे ज्यादा रिटर्न?

Multi Cap vs Flexi Cap: म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले अकसर एक सवाल पर अटक जाते हैं: पैसा मल्टी कैप फंड में लगाएं या फ्लेक्सी कैप फंड में? दोनों ही फंड्स का मकसद इक्विटी में निवेश कर पैसा बनाना है, लेकिन पिछले 5 सालों के रिपोर्ट कार्ड को देखें तो कहानी थोड़ी अलग नजर आती है। एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़े और बाजार का विश्लेषण बताता है कि कौन सा फंड रिटर्न का बाजीगर साबित हुआ है। आइए, इस पूरे मामले को आसान भाषा में समझते हैं।

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क्या है मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप का खेल?

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि दोनों में फर्क क्या है। सेबी (SEBI) के नियमों के मुताबिक, एक मल्टी कैप फंड को अपने कुल पैसे का कम से कम 75% हिस्सा इक्विटी में लगाना होता है। इसमें भी एक शर्त है: कम से कम 25% लार्ज कैप (बड़ी कंपनियों), 25% मिड कैप (मझोली कंपनियों) और 25% स्माल कैप (छोटी कंपनियों) में निवेश करना अनिवार्य है। यह फंड मैनेजर के हाथ थोड़े बांध देता है, लेकिन यह पक्का करता है कि आपका पैसा तीनों मार्केट कैप में बराबर बंटा रहे।

दूसरी तरफ, फ्लेक्सी कैप फंड के नाम में ही इसकी खूबी छिपी है। यह फंड मैनेजर को पूरी 'फ्लेक्सिबिलिटी' यानी आजादी देता है। फंड मैनेजर बाजार के मिजाज को देखकर कभी भी लार्ज कैप, मिड कैप या स्माल कैप में अपना निवेश घटा या बढ़ा सकता है। उस पर कोई न्यूनतम सीमा (जैसे 25%) लागू नहीं होती। वह चाहे तो 80% लार्ज कैप में या 50% मिड कैप में भी जा सकता है।

5 साल के रिपोर्ट कार्ड?

जब हम 5 साल के प्रदर्शन को देखते हैं, तो चीजें दिलचस्प हो जाती हैं। सच्चाई यह है कि 'फ्लेक्सी कैप' कैटेगरी को सेबी ने 2020 में पेश किया था। इससे पहले, जो फंड आज फ्लेक्सी कैप कहलाते हैं, वे भी 'मल्टी कैप' ही कहलाते थे। इसलिए 5 साल का असली मुकाबला इन्हीं दो रणनीतियों के बीच है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो, कई टॉप के फ्लेक्सी कैप और मल्टी कैप फंड्स ने पिछले 5 सालों में सालाना 20% से 29% के बीच शानदार (CAGR) रिटर्न दिया है। एम्फी के पास मौजूद डेटा (अक्टूबर 2025 तक) दिखाता है कि कुछ बड़े फ्लेक्सी कैप फंड्स जैसे एचडीएफसी फ्लेक्सी कैप ने 5 सालों में करीब 27% का सालाना रिटर्न दिया है। पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड, जो अपनी ग्लोबल इक्विटी के लिए भी जाना जाता है, ने भी करीब 22% का दमदार रिटर्न दिया है।

वहीं, मल्टी कैप फंड्स ने भी निराश नहीं किया है। निप्पोन इंडिया मल्टी कैप फंड ने 5 सालों में करीब 28% से 29% का जबरदस्त सालाना रिटर्न दिया है। इसी तरह, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टीकैप ने भी 23% से ज्यादा का रिटर्न कमा कर दिया है। इससे साफ है कि दोनों कैटेगरी में चैंपियन मौजूद हैं।

रिटर्न का बाजीगर कौन और क्यों?

अगर हम सिर्फ 5 साल के आंकड़ों को देखें, तो यह कहना मुश्किल है कि कोई एक कैटेगरी साफ तौर पर विजेता है। दोनों ही कैटेगरी में कुछ फंड्स ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। फ्लेक्सी कैप फंड्स ने बाजार की तेजी (जैसे मिड-कैप रैली) का फायदा उठाने में पूरी आजादी दिखाई।

दूसरी ओर मल्टी कैप फंड्स ने यह पक्का किया कि निवेशक का पैसा छोटी, बड़ी और मझोली, तीनों तरह की कंपनियों में बंटा रहे। जब स्माल कैप और मिड कैप ने बड़ी दौड़ लगाई, तो इन फंड्स को अपने अनिवार्य 25-25% निवेश का बड़ा फायदा मिला। इसीलिए निप्पॉन इंडिया जैसे मल्टी कैप फंड का रिटर्न चार्ट पर इतना दमदार दिख रहा है।

एम्फी के हालिया (अक्टूबर 2025) आंकड़ों को देखें तो निवेशकों का झुकाव साफ दिखता है। अक्टूबर में निवेशकों ने फ्लेक्सी कैप फंड्स में 8,900 करोड़ रुपए से ज्यादा का नया निवेश किया। यह किसी भी इक्विटी कैटेगरी में सबसे ज्यादा था।

इसकी तुलना में मल्टी कैप फंड्स में भी अच्छा निवेश आया, जो करीब 2,500 करोड़ रुपए रहा। इससे पता चलता है कि ज्यादातर नए निवेशक फंड मैनेजर की आजादी (फ्लेक्सिबिलिटी) पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। हालांकि, मल्टी कैप कैटेगरी का कुल एयूएम (AUM) भी 2.2 लाख करोड़ रुपए के पार है, जो इसकी मजबूती दिखाता है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

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