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3 min read | अपडेटेड February 26, 2025, 12:06 IST
सारांश
KCC Account: केंद्रीय बजट 2025-26 में KCC की अहमियत को समझते हुए इसकी लिमिट को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया गया था। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि ऐसा करने से किसानों को अडवांस्ड टेक्नॉलजी और मॉडर्न उपकरण इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत कम ब्याज पर मिलता है कर्ज, सरकार देती है मदद।
किसानों को वित्तीय सहायता देने वाले किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card, KCC) अकाउंट्स के तहत राशि 10 साल में दोगुनी हो गई है। इससे देश में किसानों को मिलने वाले किफायती वर्किंग कैपिटल में इजाफा साफ नजर आता है। यह गैर-संस्थागत कर्जों के कम होते असर की ओर अच्छा संकेत देता है।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए आंकड़ों के मुताबिक KCC अकाउंट्स में राशि मार्च 2014 में ₹4.26 लाख करोड़ से बढ़कर दिसंबर, 2024 में ₹10.05 लाख करोड़ हो गई है। इससे कम से कम 7.72 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचा है।
किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को समय पर किफायती क्रेडिट मिलता है। इससे वे खेती के लिए जरूरी चीजें, जैसे बीच, ऊर्वरक, कीटनाशक खरीद सकते हैं। यह खेती के अलावा इससे जुड़ी दूसरी गतिविधियों में भी कैपिटल का इस्तेमाल कर सकते हैं। साल 2019 में इस बैंकिंग प्रॉडक्ट को पशुपालन, डेरी और मत्स्यपालन पर भी लागू कर दिया गया था।
मॉडिफाइड इंटरेस्ट सबवेन्शन स्कीम Modified Interest Subvention Scheme , MISS) के तहत केंद्र सरकार बैंकों को 1.5% तक इंटरेस्ट सबवेन्शन देती है। बैंकों को KCC के जरिए किसानों को शॉर्ट-टर्म के कर्ज कम ब्याज पर देने होते हैं।
अगर किसान समय पर कर्ज वापस करते हैं तो अतिरिक्त फायदा भी मिलता है जिससे किसानों के ऊपर ब्याज का बोझ कम होता है। छोटे और मार्जिनल किसानों को ₹2 लाख तक के कर्ज बिना किसी कोलैटरल के दिए जाते हैं।
इस योजना के तहत किसानों को ना सिर्फ जरूरी खर्च पूरी करने में मदद मिलती है बल्कि स्थानीय साहूकारों से मिलने वाले गैर-संस्थागत कर्जों को भी कम करती है। गैर-संस्थागत कर्जों में ब्याज दर बेहद ज्यादा होती है। कर्ज ना चुकाने पर किसान फिर से कर्ज लेते हैं और इसी जाल में फंसे रहते हैं।
KCC योजना के तहत खेती, फसलों की कटाई, मार्केटिंग, घरेलू उपभोग की जरूरतें, खेती से जुड़े उपकरण, बुनियादी ढांचा और दूसरी ऐसी जरूरतें पूरी करने के लिए क्रेडिट मिलता है।
साल 2023 में किसान ऋण पोर्टल लॉन्च किया गया था। यह MISS-KYC योजना के तहत किसानों के सामने आने वाली दिक्कतों का समाधान करने के लिए बनाया गया है। पहले बैंकों को इंटरेस्ट सबवेन्शन और रीपेमेंट के लिए भारतीय रिजर्व बैंक और NABARD को क्लेम जमा करना होता था। इससे पूरी प्रकिया में देरी होती थी।
किसान ऋण पोर्टल इस प्रक्रिया को डिजिटाइज करता है जिससे किसान औ संस्थान, दोनों सभी सेवाओं का फायदा तेजी, सटीकता और पारदर्शिता के साथ ले पाते हैं।
केंद्रीय बजट 2025-26 में KCC की अहमियत को समझते हुए इसकी लिमिट को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया गया था। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि ऐसा करने से किसानों को अडवांस्ड टेक्नॉलजी और मॉडर्न उपकरण इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी।
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