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  1. ITR Filing के तुरंत बाद अगर नहीं किया ये काम तो घर आ जाएगा नोटिस, 2015 से लोग कर रहे हैं ये गलती

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ITR Filing के तुरंत बाद अगर नहीं किया ये काम तो घर आ जाएगा नोटिस, 2015 से लोग कर रहे हैं ये गलती

विकास तिवारी

2 min read | अपडेटेड September 13, 2025, 10:47 IST

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सारांश

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के बाद एक आम गलती लोग अक्सर कर देते हैं। 2006 से लाखों लोग इसे दोहराते आए हैं। 2015 में e-Verification शुरू होने के बावजूद लापरवाही जारी है। अगर आप भी ऐसा करने की सोच रहे हैं तो यह आपके लिए नोटिस आने का वजह बन सकता है।

इनकम टैक्स रिटर्न

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में भूलकर भी ना करें ऐसी गलती

हर साल लाखों टैक्सपेयर्स अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते हैं। डिजिटल प्रोसेस आसान होने के बावजूद एक गलती ऐसी है, जो लगातार दोहराई जा रही है। यह गलती छोटी दिखती है लेकिन इसके नतीजे बेहद गंभीर हो सकते हैं। अगर आप भी यह गलती कर बैठे तो इनकम टैक्स विभाग का नोटिस आपके दरवाजे तक पहुंच सकता है। ITR फाइल करना जरूरी है, लेकिन उतना ही जरूरी है उसे वेरिफाई करना। टैक्सपेयर्स की सबसे आम गलती यही है कि रिटर्न फाइल करने के बाद उसे समय पर वेरिफाई करना भूल जाते हैं। अगर वेरिफिकेशन नहीं हुआ तो रिटर्न इनवैलिड मान लिया जाता है। यानी मेहनत बेकार और परेशानी अलग से।

क्या है नियम?

भारत में इनकम टैक्स एक्ट 1962 से लागू है। तब से टैक्सपेयर्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं। शुरुआत में पूरा प्रोसेस ऑफलाइन था। कागज का फॉर्म भरना, हाथ से डिटेल्स लिखना और सिग्नेचर करके वेरिफाई करना। अगर कोई साइन करना भूल गया तो रिटर्न अमान्य हो जाता था।

2006 में सरकार ने e-Filing पोर्टल लॉन्च किया। टैक्सपेयर्स ने राहत महसूस की कि अब दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। लेकिन यहीं से नई समस्या शुरू हुई। लोग ऑनलाइन रिटर्न तो फाइल कर देते थे, लेकिन उसके बाद जरूरी ITR-V स्लिप को सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) भेजना भूल जाते थे। नतीजा, लाखों रिटर्न बिना वेरिफिकेशन के इनवैलिड घोषित हो गए।

2015 में आसान हुआ प्रोसेस

2015 में इनकम टैक्स विभाग ने टेक्नोलॉजी अपग्रेड की, जिसके बाद टैक्सपेयर्स Aadhaar OTP, नेट बैंकिंग, बैंक अकाउंट या डिमैट अकाउंट से तुरंत e-Verification कर सकते थे। डाक से स्लिप भेजने की टेंशन खत्म हुई। फिर भी बहुत से लोग OTP डालना भूल जाते हैं या डेडलाइन मिस कर देते हैं। यही लापरवाही आज भी सबसे बड़ी परेशानी बनी हुई है। अगर ITR वेरिफाई नहीं हुआ तो सिस्टम उसे इनवैलिड मान लेता है। इससे आपका रिफंड फंस सकता है और टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस आ सकता है। कानूनी दृष्टि से देखा जाए तो यह मान लिया जाएगा कि आपने रिटर्न फाइल ही नहीं किया।

इस गलती से कैसे बचें

ITR फाइल करते ही तुरंत e-Verification कर लेना सबसे आसान उपाय है। इसके लिए आधार लिंक मोबाइल पर OTP का इंतजार करने की जरूरत नहीं। आप नेट बैंकिंग या बैंक अकाउंट का विकल्प भी चुन सकते हैं। अगर किसी वजह से e-Verification नहीं कर पा रहे हैं, तो कम से कम 120 दिन के भीतर ITR-V की कॉपी CPC को भेज दें।

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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.