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ITR Filing AY 2025-26: डेडलाइन आगे बढ़ने के इंतजार में बैठे टैक्सपेयर्स सावधान! महज 3 दिन और फिर देना होगा जुर्माना

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3 min read | अपडेटेड September 12, 2025, 14:08 IST

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सारांश

ITR की समय सीमा चूकने पर करदाताओं को धारा 234F के तहत जुर्माना देना पड़ता है। आपकी वार्षिक आय 5 लाख रुपये से अधिक है और आप समय पर आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं, तो 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

ITR filing

ITR filing: टैक्सपेयर्स के लिए यह जानना भी जरूरी है कि 15 सितंबर सभी के लिए अंतिम तारीख नहीं है।

ITR Filing AY 2025-26: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर काफी नजदीक आ गई है। इस काम को पूरा करने के लिए अब टैक्सपेयर्स के पास महज 3 दिन का समय बचा है। करोड़ों करदाताओं को उम्मीद है कि रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा में आगे बढ़ाई जाएगी। हालांकि, अब तक इसे लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। बता दें कि वित्त मंत्रालय ने मई में ITR फाइल करने की समय सीमा 46 दिन बढ़ाकर 31 जुलाई से 15 सितंबर कर दी थी।

क्या ITR फाइलिंग की डेडलाइन आगे बढ़ाई जाएगी?

ITR फाइलिंग की डेडलाइन आगे बढ़ाई जाएगी या नहीं, इसे समझने के लिए अब तक दाखिल रिटर्न के आंकड़ों पर एक नजर डाला जा सकता है। आयकर विभाग के अनुसार 11 सितंबर तक एसेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए कुल 5,47,93,630 इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल किए जा चुके हैं। यह 10 सितंबर 2025 तक दाखिल किए गए 5,30,07,987 रिटर्न से लगभग 15 लाख अधिक है। दाखिल किए गए 5.47 करोड़ रिटर्न में से टैक्सपेयर्स ने 5.14 करोड़ से अधिक रिटर्न वेरिफाई किए हैं, जबकि आयकर विभाग ने 3.66 करोड़ से अधिक वेरिफाइड रिटर्न प्रोसेस किए हैं।

उम्मीद है कि इस साल लगभग 8 करोड़ टैक्सपेयर्स 2025 में अपना रिटर्न दाखिल करेंगे। इसका मतलब है कि 15 सितंबर 2025 तक लगभग 2.5 करोड़ रिटर्न अभी भी फाइल नहीं हो पाए हैं। पिछले साल 31 जुलाई की समय सीमा तक 7.28 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए थे।

डेडलाइन के बाद कितना देना होगा जुर्माना

टैक्सपेयर्स 15 सितंबर के बाद भी आईटीआर फाइल कर सकते हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए जुर्माना देना होगा। आईटीआर की समय सीमा चूकने पर करदाताओं को धारा 234F के तहत जुर्माना देना पड़ता है। आपकी वार्षिक आय 5 लाख रुपये से अधिक है और आप समय पर आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं, तो 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। जिनकी आय 5 लाख रुपये से कम है, उन्हें 1000 रुपये का जुर्माना देना होगा। इसके अलावा, देर से दाखिल करने पर रिफंड में देरी होती है और लॉस कैरी फॉरवर्ड का लाभ भी नहीं मिलता है।

अलग-अलग टैक्सपेयर्स के लिए अलग-अलग है डेडलाइन

टैक्सपेयर्स के लिए यह जानना भी जरूरी है कि 15 सितंबर सभी के लिए अंतिम तारीख नहीं है। इंडिविजुअल सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए अंतिम तारीख 31 जुलाई थी। ऑडिट मामलों की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर है। ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट वाली कंपनियों और करदाताओं के लिए अंतिम तारीख 30 नवंबर है। 15 सितंबर की समय सीमा केवल चुनिंदा टैक्सपेयर्स पर लागू होती है।

टैक्स फाइलिंग के लिए इन डॉक्यूमेंट्स का होना जरूरी

अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले हैं तो पहले अपने पास इन डॉक्यूमेंट्स को रख लें। इनमें पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाते का डिटेल (IFSC कोड और अकाउंट नंबर), सैलरीड इंडिविजुअल के लिए फॉर्म 16 (आपके नियोक्ता द्वारा जारी किया गया होना चाहिए), फॉर्म 26AS (एनुअल टैक्स स्टेटमेंट), एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS), कैपिटल गेन स्टेटमेंट, टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट प्रूफ, डिडक्शन के लिए इनवेस्टमेंट प्रूफ और किराया रसीद (HRA के लिए) या इंटरेस्ट सर्टिफिकेट (होम लोन के लिए) जैसे सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स शामिल हैं।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।