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Income Tax Return 2025: ITR फॉर्म और टैक्स फाइलिंग प्रोसेस में कई बड़े बदलाव, यहां समझिए हर जरूरी बात

Upstox

3 min read | अपडेटेड May 20, 2025, 14:10 IST

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सारांश

ITR Filing 2025: इस बार छोटे टैक्सपेयर्स के लिए नियमों को आसान बनाया गया है। अब जिन लोगों की ₹1.25 लाख तक की लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) है (जैसे शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड से), वे भी ITR-1 या ITR-4 फॉर्म भर सकते हैं। पहले ऐसे इनकम वालों को अन्य फॉर्म भरने पड़ते थे।

ITR Filing 2025

ITR Filing 2025: आयकर विभाग द्वारा ITR ई-फाइलिंग यूटिलिटीज जारी करने में देरी के कारण रिटर्न फाइलिंग अभी शुरू नहीं हुई है।

Income Tax Return 2025: टैक्सपेयर्स के लिए AY2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने का तरीका काफी बदल गया है। ITR फॉर्म में बदलाव हुए हैं और ITR-1 से ITR-7 तक के फॉर्म में बजट 2024 के हिसाब से अपडेट किया गया है। आयकर विभाग द्वारा ITR ई-फाइलिंग यूटिलिटीज जारी करने में देरी के कारण रिटर्न फाइलिंग अभी शुरू नहीं हुई है। ऐसे में इस बार रिटर्न फाइल करने के लिए समय कम मिल सकता है। इसकी डेडलाइन 31 जुलाई 2025 है।

छोटे टैक्सपेयर्स के लिए राहत

इस बार छोटे टैक्सपेयर्स के लिए नियमों को आसान बनाया गया है। अब जिन लोगों की ₹1.25 लाख तक की लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) है (जैसे शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड से), वे भी ITR-1 या ITR-4 फॉर्म भर सकते हैं। पहले ऐसे इनकम वालों को अन्य फॉर्म भरने पड़ते थे।

वित्त वर्ष 2024-25 में इक्विटी फंड और शेयर से होने वाली ₹1.25 लाख तक की लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसलिए ऐसे टैक्सपेयर्स को अब अलग फॉर्म की जरूरत नहीं है, ITR-1 या 4 में ही यह इनकम दिखाई जा सकती है।

वैलिड आधार नंबर ही होगा मान्य

अब ITR-1, 2, 3 और 5 भरने के लिए सिर्फ वैलिड आधार नंबर ही मान्य होगा। आधार एनरोलमेंट ID को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

कैपिटल गेन टैक्स रेट्स में बदलाव

बजट 2024 के बाद से कैपिटल गेन टैक्स की दरों में बदलाव किया गया है। 23 जुलाई 2024 या इसके बाद के ट्रांजैक्शन पर नए रेट लागू होंगे। अब शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 20% टैक्स लगेगा, जो पहले 15% था। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.5% टैक्स लगेगा, जिसमें इंडेक्सेशन की सुविधा नहीं मिलेगी।

बायबैक पर डिविडेंड की तरह लगेगा टैक्स

1 अक्टूबर 2024 से शेयर बायबैक से मिलने वाली राशि को अब डिविडेंड माना जाएगा और उस पर टैक्स शेयरधारकों को देना होगा। पहले इस पर टैक्स कंपनियां देती थीं।

ITR फॉर्म्स में भी बड़े बदलाव

ITR फॉर्म्स में भी कई बड़े बदलाव हुए हैं। Schedule AL (संपत्ति व देनदारी) अब ₹1 करोड़ से ऊपर संपत्ति वालों को भरना होगा, पहले यह सीमा ₹50 लाख थी। बिना लिस्टेड बांड्स को अब शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन में दिखाना होगा। शेयर बायबैक से हुए लाभ को डिविडेंड के रूप में दिखाना होगा और नुकसान को तभी एडजस्ट किया जा सकेगा जब वह इनकम ‘अन्य स्रोत’ के रूप में दर्ज हो।

क्रूज़ शिप ऑपरेटर्स के लिए एक नया सेक्शन 44BBC जोड़ा गया है जिसमें उनकी आमदनी की जानकारी ली जाएगी। साथ ही, अब Sections 80DD और 80U के तहत दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जानकारी देना जरूरी हो गया है। एक नया TDS सेक्शन भी जोड़ा गया है जिसमें बताया जाएगा कि किस नियम के तहत TDS काटा गया है। कैपिटल गेन शेड्यूल अब दो हिस्सों में बांटा जाएगा – 23 जुलाई 2024 से पहले और उसके बाद का लाभ अलग-अलग दिखाना होगा।

नए रिजीम के लिए कन्फर्मेशन

ITR-3, 4 और 5 भरते समय टैक्सपेयर्स को यह कन्फर्म करना होगा कि वे नए टैक्स सिस्टम को अपना रहे हैं या उससे बाहर निकलना चाहते हैं। इसके लिए यह भी बताना जरूरी है कि उन्होंने पिछले साल Form 10-IEA फॉर्म भरा था या नहीं। यह फॉर्म उन टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी है जिनकी आमदनी व्यवसाय या पेशे से है और वे नए टैक्स सिस्टम से पुराने सिस्टम में स्विच करना चाहते हैं। इसमें व्यक्ति, HUF, AOP, BOI और अन्य शामिल हैं।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।