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Income Tax calculator: पुराना या नया टैक्स रिजीम? कैलकुलेटर से मिनटों में करें सही चुनाव

Upstox

3 min read | अपडेटेड September 14, 2025, 09:44 IST

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सारांश

ITR Filing: अब भी कई टैक्सपेयर्स पुराने और नए टैक्स रिजीम को लेकर कनफ्यूज हैं। अगर आप भी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि आपके लिए कौन-सा रिजीम सही रहेगा, तो आप इनकम टैक्स कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां हमने बताया है कि टैक्स कैलकुलेटर का आप किस तरह से उपयोग कर सकते हैं।

Income Tax

Income Tax: आयकर विभाग की ओर से डेडलाइन बढ़ाने को लेकर अब तक किसी तरह के पॉजिटिव संकेत नहीं मिले हैं।

ITR Filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते समय सही टैक्स रिजीम चुनना बेहद जरूरी है। इसका सीधा असर इस बात पर पड़ता है कि आपको कितना टैक्स देना होगा और आप कितनी बचत कर पाएंगे। ITR फाइलिंग अब अपने अंतिम पड़ाव पर है और इसकी डेडलाइन खत्म होने में महज एक दिन का समय बचा है। आयकर विभाग की ओर से डेडलाइन बढ़ाने को लेकर अब तक किसी तरह के पॉजिटिव संकेत नहीं मिले हैं। ऐसे में अब टैक्सपेयर्स पर दबाव है कि वे बिना समय गंवाए जितनी जल्दी हो सके, यह काम निपटा लें।

अब भी कई टैक्सपेयर्स पुराने और नए टैक्स रिजीम को लेकर कनफ्यूज हैं। अगर आप भी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि आपके लिए कौन सा रिजीम सही रहेगा, तो आप इनकम टैक्स कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां हमने बताया है कि टैक्स कैलकुलेटर का आप किस तरह से उपयोग कर सकते हैं। लेकिन पहले समझते हैं दोनों टैक्स रिजीम में क्या अंतर हैं।

पुराने टैक्स रिजीम में हैं ये फायदे

पुराने रिजीम (Old Regime) में टैक्स स्लैब थोड़े ऊंचे हैं, लेकिन इसमें कई तरह की छूट और कटौतियां (Deductions/Exemptions) मिलती हैं। जैसे कि HRA (मकान किराया भत्ता), LTA (यात्रा भत्ता), धारा 80C के अंतर्गत PF, ELSS, इंश्योरेंस, धारा 80D के तहत मेडिकल इंश्योरेंस, और होम लोन पर ब्याज आदि। इन सबकी वजह से टैक्स बचत अधिक हो सकती है।

नए रिजीम में क्या है खास?

नए टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब कम रखे गए हैं, लेकिन इसमें ज्यादातर छूट और कटौतियां खत्म कर दी गई हैं। नया रिजीम डिफॉल्ट (Default) है, यानी जब आप ITR भरेंगे तो यह अपने-आप चुना रहेगा। अगर आपको पुराना रेजीम अपनाना है, तो पोर्टल पर मैन्युअली इसे बदलना होगा।

कैसे करें टैक्स कैलकुलेटर का इस्तेमाल?

टैक्स कैलकुलेटर की मदद से आप यह गणना कर सकते हैं कि दोनों रिजीम के तहत आपकी टैक्स लायबिलिटी कितनी होगी। इस तरह आप खुद ही यह निर्णय ले सकते हैं कि आपके किस टैक्स रिजीम के साथ जाना चाहिए। Income Tax Calculator का इस्तेमाल इस तरह किया जा सकता है।

  • स्टेप 1: सबसे पहले Income Tax Calculator पेज पर जाएं, जिसका लिंक यहां दिया गया है।
  • स्टेप 2: अपनी जानकारी डालें, जैसे- Financial year, Age group और रेजिडेंशियल सिटी।
  • स्टेप 3: अपनी आय (Income) भरें – वेतन, मकान से आय, पेंशन आदि। अगर आपको HRA या कोई और भत्ता मिलता है तो उसका विवरण भी डालें। इसके साथ ही, PF, NPS, ELSS, इंश्योरेंस जैसी कटौतियां (80C, 80D आदि) भी भरें।
  • स्टेप 4: कैलकुलेटर दोनों रिजीम में टैक्स निकालकर दिखाएगा।
  • इसकी तुलना करके आप तय कर सकते हैं कि आपके लिए कौन-सा टैक्स रिजीम बेहतर है।

सैलरीड लोग हर वित्त वर्ष में बदल सकते हैं रिजीम

ध्यान रखें कि सैलरी पाने वाले लोग हर वित्त वर्ष में रिजीम बदल सकते हैं। लेकिन बिजनेस करने वाले और प्रोफेशनल इनकम वालों को सिर्फ एक बार ही रिजीम बदलने की अनुमति होती है। खास बात यह है कि अगर उन्होंने नया रिजीम चुन लिया तो वे दोबारा पुराने पर नहीं जा पाएंगे।

गैर-ऑडिट केस के लिए ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर है। इसलिए सलाह दी जाती है कि देर न करें, वरना आपको जुर्माना और अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है।

क्या डेडलाइन आगे बढ़ेगी?

ऐसा लगता है कि आयकर विभाग AY 2025-26 के लिए आईटीआर की आखिरी तारीख को फिर से नहीं बढ़ाएगा। CBDT ने मई में ही डेडलाइन बढ़ा दी थी। इस बार, उसने अभी तक टैक्स प्रोफेशनल्स द्वारा आईटीआर और टैक्स ऑडिट की लास्ट डेट को बढ़ाने की मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।