पर्सनल फाइनेंस
2 min read | अपडेटेड March 07, 2025, 11:47 IST
सारांश
Women Borrowers: महिला दिवस के पहले सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक लोन लेने के मामले में महिलाओं की संख्या में पुरुषों की तुलना में ज्यादा इजाफा देखा गया है। वे समय पर लोन वापस भी कर रही हैं जिससे ऐसेट क्वॉलिटी के मामले में भी वे पुरुषों से आगे हैं। होम लोन से लेकर एजुकेशन लोन तक के फायदे मिल रहे हैं जिससे वित्तीय समावेशन के रास्ते खुल रहे हैं।
CRIF High Mark की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी लेंडर महिलाओं को ज्यादा लोन देने में सहज भी हो गए हैं।
भारत में वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) की कोशिशें रंग लाती दिख रही हैं। खासकर संस्थागत स्रोतों से क्रेडिट लेने और उसे समय पर वापस करने के मामले में महिलाओं की परफॉर्मेंस बेहतर होती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के पहले क्रेडिट लेने और वापसी पर डेटा सामने आया है जिसके मुताबिक महिलाओं ने कर्ज लेने के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है।
CRIF High Mark की रिपोर्ट में बताया गया है कि कैलेंडर इयर 2024 में ऐक्टिव कर्जदारों की संख्या के मामले में महिलाओं की वृद्धि पुरुषों की तुलना में ज्यादा हुई है। यही नहीं, संपत्ति की गुणवत्ता (asset quality) के मामले में भी महिलाएं आगे रही हैं। उन्होंने अपने कर्ज समय पर लौटाए हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक ऐक्टिव कर्ज लेने वाली महिला उधारकर्ताओं की संख्या दिसंबर, 2024 तक 10.8 % बढ़कर 8.3 करोड़ हो गई थी। यह पुरुषों के मामले में दर्ज 6.5% बढ़ोतरी से कहीं ज्यादा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाएं कर्ज चुकाने के मामले में पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। सोने के बदले लिए जाने वाले कर्ज और दोपहिया वाहनों पर कर्ज को छोड़कर ज्यादातर क्रेडिट प्रॉडक्ट्स में महिलाएं पुरुषों की तुलना में कहीं बेहतर उधार व्यवहार प्रदर्शित कर रही हैं।
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि जनवरी-दिसंबर, 2024 के दौरान होम लोन, बिजनेस लोन, कृषि और ट्रैक्टर लोन, संपत्ति के लिए लोन और एजुकेशन लोन में महिलाओं के व्यवहार में उल्लेखनीय सुधार देखा गया।
यही नहीं, महिलाओं ने पुरुषों के उलट टिकाऊ उपभोक्ता ऋण के मामले में भी सुधार दिखाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी ऋणदाताओं ने भी साल 2024 में महिलाओं को लोन देने में अधिक सहजता दिखाई। साल 2024 के आखिर में महिला कर्जदारों का बकाया पोर्टफोलियो 18% बढ़कर 36.5 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि कर्जदारों की संख्या में उनकी हिस्सेदारी लगभग 24% पर कायम रही।
रिपोर्ट कहती है कि 35 साल या उससे कम उम्र की महिला उधारकर्ता ऋण उत्पत्ति की मात्रा में सबसे अधिक हिस्सेदारी का प्रतिनिधित्व करती हैं। ऋण उत्पत्ति में महिलाओं की हिस्सेदारी 43.8% हो गई है।
राज्यों के स्तर पर महाराष्ट्र होम लोन, बिजनेस लोन, संपत्ति के लिए लोन, गाड़ी के लिए लोन, क्रेडिट कार्ड और एजुकेशन लोन के मामले में सबसे ऊपर है।
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