return to news
  1. Income Tax Return: ऑनलाइन रिटर्न फाइल करने के लिए अब ITR-3 फॉर्म उपलब्ध, यहां चेक करें पात्रता समेत पूरी डिटेल

पर्सनल फाइनेंस

Income Tax Return: ऑनलाइन रिटर्न फाइल करने के लिए अब ITR-3 फॉर्म उपलब्ध, यहां चेक करें पात्रता समेत पूरी डिटेल

Shubham Singh Thakur

2 min read | अपडेटेड July 30, 2025, 13:43 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

Income Tax: टैक्सपेयर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे ITR-1, ITR-2 या ITR-4 भरने के योग्य नहीं हैं। अगर आपकी आय इन तीनों में से किसी एक फॉर्म के अनुसार आती है, तो आपको ITR-3 भरने की जरूरत नहीं है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR-3 में कुछ बदलाव भी किए गए हैं।

Income Tax Return

Income Tax Return: इस ITR फॉर्म का इस्तेमाल बिजनेस या प्रोफेशन से आय प्राप्त करने वाले इंडिविजुअल और HUF कर सकते हैं।

Income Tax Return: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने ई-फाइलिंग पोर्टल पर ITR-3 की ऑनलाइन यूटिलिटी शुरू कर दी है। इस इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म का इस्तेमाल बिजनेस या प्रोफेशन से आय प्राप्त करने वाले इंडिविजुअल और HUF (हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली) कर सकते हैं।

टैक्सपेयर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे ITR-1, ITR-2 या ITR-4 भरने के योग्य नहीं हैं। अगर आपकी आय इन तीनों में से किसी एक फॉर्म के अनुसार आती है, तो आपको ITR-3 भरने की जरूरत नहीं है।

ITR-3 का उपयोग किसे करना चाहिए?

ITR-3 उन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) पर लागू होता है जो निम्न आय अर्जित करते हैं:

  • बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम
  • शेयर ट्रेडिंग जैसे फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) से इनकम
  • किसी फर्म में पार्टनर के रूप में आमदनी
  • अन-लिस्टेड इक्विटी शेयरों (जैसे, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के शेयर) से आय)
  • कैपिटल गेन या फॉरेन एसेट्स/इनकम
  • ₹50 लाख से अधिक की आय
  • जो टैक्सपेयर्स ITR-1 (Sahaj), ITR-2, या ITR-4 (Sugam) के लिए पात्र नहीं हैं, उन्हें ITR-3 दाखिल करना होगा।

ITR-3 में किए गए हैं ये बदलाव

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR-3 में कुछ बदलाव भी हैं जिनके बारे में टैक्सपेयर्स को जानकारी होनी चाहिए। यहां हमने ITR-3 फाइलिंग की एलिबिलिटी और बदले हुए नियमों के बारे में बताया है।

1. Schedule AL में लिमिट बढ़ाई गई

पहले, अगर आपकी कुल संपत्ति ₹50 लाख से ज्यादा होती थी, तो आपको Schedule AL (Assets & Liabilities) में उसका विवरण देना पड़ता था। अब यह सीमा ₹1 करोड़ कर दी गई है। इसका फायदा यह है कि मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर्स को अब कम जानकारी देनी पड़ेगी, जिससे उनका बोझ कम होगा।

2. कैपिटल गेन की रिपोर्टिंग अब दो हिस्सों में

अब कैपिटल गेन को रिपोर्ट करते समय आपको यह बताना होगा कि वह 23 जुलाई 2024 से पहले हुआ या उसके बाद। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि बजट 2024 में किए गए टैक्स और इंडेक्सेशन के नियमों में बदलाव को सही तरीके से लागू किया जा सके।

3. डिडक्शन के लिए नए ड्रॉपडाउन ऑप्शन

जिन व्यक्तियों या HUFs की आय बिजनेस या प्रोफेशन से है, उनके लिए अब सेक्शन 80C, 80E, 80EEA, 80EE, 80EEB, 10(13A) आदि में डिडक्शन की जानकारी देने के लिए ड्रॉपडाउन विकल्प दिए गए हैं। टैक्सपेयर्स को अब सेक्शन-वाइज TDS (कटे हुए टैक्स) की जानकारी भी देनी होगी।

ELSS
2025 के लिए पाएं बेस्ट टैक्स बचाने वाले फंड्स एक्सप्लोर करें ELSS
promotion image

लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

अगला लेख