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  1. Gold Jewellery: क्या पैरेंट्स से मिली गोल्ड ज्लेवरी पर भी देना पड़ेगा टैक्स, समझिए क्या हैं नियम

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Gold Jewellery: क्या पैरेंट्स से मिली गोल्ड ज्लेवरी पर भी देना पड़ेगा टैक्स, समझिए क्या हैं नियम

Upstox

3 min read | अपडेटेड September 10, 2025, 15:05 IST

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सारांश

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने के लिए अब आपके पास कुछ दिन ही बचे हैं। इसकी लास्ट डेट 15 सितंबर है, जिसके बाद रिटर्न फाइल करने के लिए आपको जुर्माना देना होगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अब तक आखिरी तारीख को आगे बढ़ाने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।

Tax on Gold Jewellery

Tax on Gold Jewellery: भारत में विरासत में मिला गोल्ड टैक्सेबल नहीं माना जाता।

Gold Jewellery: अक्सर लोगों के पास माता-पिता से विरासत में मिली गोल्ड ज्वेलरी होती है। ऐसे में आपके मन में सवाल आ सकता है कि क्या इस पर इनकम टैक्स लगता है? अच्छी खबर यह है कि भारत में विरासत में मिला गोल्ड टैक्सेबल नहीं माना जाता। यानी केवल गोल्ड ज्वेलरी का मालिक होने पर आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।

हालांकि, टैक्स तब जरूर देना होगा, जब आप उस गोल्ड ज्वेलरी को बेचते हैं। बेचने पर जो प्रॉफिट होगा, वही कैपिटल गेन कहलाता है और उस पर टैक्स लगाया जाता है।

क्या हैं गोल्ड ज्वेलरी पर इनकम टैक्स से जुड़े नियम

टैक्स के लिए गोल्ड की लागत वही मानी जाएगी जो आपके माता-पिता या जिससे आपने सोना विरासत में लिया था, उसने चुकाई थी। अगर यह सोना 1 अप्रैल 2001 से पहले खरीदा गया था, तो उस समय का फेयर मार्केट वैल्यू (FMV) भी मान सकते हैं। इसके बाद इस कीमत को महंगाई के हिसाब से Cost Inflation Index (CII) से एडजस्ट करके टैक्सेबल गेन निकाला जाता है।

23 जुलाई 2024 से नए नियम लागू हो गए हैं। अब अगर आप गोल्ड 24 महीने से ज्यादा रखने के बाद बेचते हैं, तो यह लॉन्ग-टर्म एसेट माना जाएगा और टैक्स 12.5% की फ्लैट दर से लगेगा, लेकिन इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा। वहीं, अगर 24 महीने से पहले बेचते हैं, तो यह शॉर्ट-टर्म गेन होगा और टैक्स आपकी इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से लगेगा।

इसका मतलब है कि विरासत में सोना लेना टैक्स-फ्री है। टैक्स सिर्फ बेचने पर देना पड़ता है और नए नियमों के तहत लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर अब कम टैक्स (12.5%) लगेगा, लेकिन महंगाई एडजस्टमेंट (इंडेक्सेशन) का फायदा नहीं मिलेगा।

पहले क्या था नियम

पुराने नियमों के तहत अगर विरासत में मिला गोल्ड 36 महीने से पहले बेच दिया जाता था तो यह शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन माना जाता था और टैक्स आपकी इनकम स्लैब के हिसाब से लगता था। अगर 36 महीने के बाद बेचा जाता, तो यह लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन माना जाता और टैक्स 20% की दर से इंडेक्सेशन लाभ के साथ लगता था।

15 सितंबर है ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख

बता दें कि इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए अब आपके पास कुछ दिन ही बचे हैं। इसकी लास्ट डेट 15 सितंबर है, जिसके बाद रिटर्न फाइल करने के लिए आपको जुर्माना देना होगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अब तक आखिरी तारीख को आगे बढ़ाने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।