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  1. ITR फाइल करने से नहीं मिलती फ्री हैंड! कर दी ये गलती तो घर आ जाएगी इनकम टैक्स की नोटिस

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ITR फाइल करने से नहीं मिलती फ्री हैंड! कर दी ये गलती तो घर आ जाएगी इनकम टैक्स की नोटिस

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 22, 2025, 17:08 IST

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सारांश

सिर्फ ITR फाइल करना काफी नहीं है। इनकम टैक्स विभाग आपके 10 बड़े ट्रांजैक्शन पर कड़ी नजर रखता है। अगर आपने सेविंग अकाउंट में 10 लाख से ज्यादा कैश जमा किया या महंगा घर खरीदा और ITR में नहीं बताया, तो नोटिस आ सकता है।

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इनकम टैक्स विभाग भेज सकता है नोटिस

कई लोग यह मानते हैं कि एक बार इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर दिया, तो आयकर विभाग की तरफ से टेंशन खत्म हो गई, लेकिन ऐसा सोचना आपकी सबसे बड़ी गलती हो सकती है। ITR फाइल करना एक जिम्मेदारी है, लेकिन यह आपको बाकी वित्तीय लेन-देन (Financial Transactions) छिपाने की आजादी नहीं देता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 'चुपके से' आपके 10 तरह के बड़े ट्रांजैक्शन पर कड़ी नजर रखता है। अगर इन ट्रांजैक्शन और आपके ITR में कोई मेल नहीं मिला, तो आपके घर नोटिस आना लगभग तय है।

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कैसे काम करता है टैक्स विभाग का 'जासूस' तंत्र?

आपको शायद पता न हो, लेकिन आपका बैंक, म्यूचुअल फंड हाउस, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार और क्रेडिट कार्ड कंपनी, ये सभी आपके बड़े ट्रांजैक्शन की जानकारी सीधे इनकम टैक्स विभाग को देते हैं। इसे एनुअल इन्फॉर्मेशन रिटर्न (AIR) या SFT (Statement of Financial Transactions) कहा जाता है। विभाग इस जानकारी को आपके फॉर्म 26AS और एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) में अपडेट करता है और फिर इसका मिलान आपके द्वारा फाइल किए गए ITR से करता है। अगर आपने कोई बड़ा खर्चा या निवेश छिपाया, तो आप तुरंत पकड़ में आ जाते हैं।

इन 10 ट्रांजैक्शन पर रहती है सीधी नजर

सेविंग अकाउंट में कैश डिपॉजिट: अगर आप एक कारोबारी नहीं हैं और अपने बचत खाते में एक वित्त वर्ष (Financial Year) के दौरान 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा 'कैश' (नकद) जमा करते हैं, तो बैंक इसकी सूचना विभाग को देता है।
करेंट अकाउंट में कैश: अगर आपका चालू खाता (Current Account) है, तो यह लिमिट 50 लाख रुपये है। इससे ज्यादा कैश जमा करने पर आप रडार पर आ जाते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD): अगर आपने एक साल में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की FD करवाई है, (चाहे कैश, चेक या ऑनलाइन) तो यह भी जांच के दायरे में आता है।
क्रेडिट कार्ड का बिल: यह बहुत अहम है। अगर आपने एक वित्त वर्ष में अपने क्रेडिट कार्ड का बिल 1 लाख रुपये से ज्यादा 'कैश' में चुकाया है, तो नोटिस आ सकता है।
क्रेडिट कार्ड का बड़ा पेमेंट: अगर आपने अपने क्रेडिट कार्ड का बिल 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा (चेक, RTGS, NEFT) चुकाया है, तब भी इसकी रिपोर्टिंग होती है।
प्रॉपर्टी का सौदा: अगर आपने 30 लाख रुपये या उससे ज्यादा कीमत की कोई अचल संपत्ति (Immovable Property) जैसे- घर, दुकान या जमीन खरीदी या बेची है, तो रजिस्ट्रार इसकी जानकारी टैक्स विभाग को भेजता है।
शेयर और म्यूचुअल फंड: अगर आपने एक साल में किसी कंपनी के शेयर, डिबेंचर या म्यूचुअल फंड में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा का निवेश किया है।
विदेशी मुद्रा: अगर आपने 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की विदेशी मुद्रा (जैसे डॉलर, पाउंड) खरीदी या बेची है।
कीमती चीजों की खरीद: 10 लाख रुपये से ज्यादा की कोई भी महंगी वस्तु या सेवा की खरीद पर भी नजर रखी जाती है।
बॉन्ड्स में निवेश: अगर आपने RBI बॉन्ड्स या अन्य किसी बॉन्ड में 10 लाख से ज्यादा का निवेश किया है।

नोटिस से कैसे बचें?

इनकम टैक्स विभाग का मकसद आपको डराना नहीं, बल्कि पारदर्शिता (Transparency) लाना है। अगर आपने ये बड़े ट्रांजैक्शन किए हैं, तो घबराएं नहीं। बस यह पक्का करें कि आपने अपनी आय (Income) का सोर्स ITR में सही-सही दिखाया है। हमेशा ITR फाइल करने से पहले अपना AIS और फॉर्म 26AS जरूर चेक करें। अगर कोई बड़ा ट्रांजैक्शन वहां दिख रहा है, तो उसे अपने ITR में सही जगह पर जरूर रिपोर्ट करें। अगर आपकी आय और आपके खर्चे मेल खाते हैं, तो आपको किसी नोटिस से डरने की जरूरत नहीं है।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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