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8th Pay Commission में क्या केंद्रीय कर्मचारियों की कम्यूटेड पेंशन 15 की जगह 12 साल में होगी बहाल?

Upstox

3 min read | अपडेटेड June 09, 2025, 12:13 IST

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सारांश

पुराने पेंशनभोगियों और कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा लगातार घटाई जा रही ब्याज दरों को देखते हुए अब 15 साल के रिकवरी पीरियड गलत लगते हैं।

8वां वेतन आयोग

8th Pay Commission में क्या केंद्रीय कर्मचारियों की कम्यूटेड पेंशन 15 की जगह 12 साल में बहाल होगी?

8th Pay Commission: 8वां वेतन आयोग कब आएगा? इसको लेकर अभी फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता है। 8वें वेतन आयोग को लेकर लगातार खबरें आ रही हैं और इस बीच केंद्र सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की एक पुरानी और काफी अहम मांग एक बार फिर चर्चा में आ गई है। कर्मचारी संगठन सालों से मांग कर रहे हैं कि कम्यूटेड पेंशन की बहाली का पीरियड 15 साल से घटाकर 12 साल का कर दिया जाए। हाल ही में हुई SCOVA (स्वयंसेवी एजेंसियों की स्थायी समिति) की 34वीं बैठक में यह मांग फिर उठाई गई।

क्या है पूरा मामला?

जब कोई सरकारी कर्मचारी रिटायर होता है, तो उसे पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। लेकिन अगर वह चाहे तो पेंशन का एक हिस्सा एकसाथ ले सकता है - इसे कम्यूटेड पेंशन कहते हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि बदले में उस कर्मचारी की मंथली पेंशन कुछ सालों के लिए कम कर दी जाती है। मौजूदा सिस्टम के मुताबिक यह कटौती 15 सालों तक जारी रहती है, जिसके बाद ही उनकी पूरी पेंशन बहाल होती है।

पुराने पेंशनभोगियों और कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा लगातार घटाई जा रही ब्याज दरों को देखते हुए अब 15 साल के रिकवरी पीरियड गलत लगते हैं। उनका तर्क है कि पहले सरकार को जो पैसा कुछ समय में वापस मिल जाता था, वह अब ब्याज दरों में गिरावट के कारण कम प्रभावशाली हो गया है। पांचवां वेतन आयोग और कई राज्य सरकारें पहले ही इस पीरियड को 12 साल तक सीमित करने की सिफारिश कर चुकी हैं। ऐसे में केंद्र सरकार से भी यही अपेक्षा की जाती है।

SCOVA की बैठक में क्या कुछ हुआ?

11 मार्च 2025 को हुई SCOVA की बैठक में इस विषय को गंभीरता से उठाया गया। बैठक में वित्त विभाग ने बताया कि इस मुद्दे को अब 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) में शामिल किया जा सकता है। यानी इसका औपचारिक फैसला अब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के जरिए ही लिया जाएगा। इस स्पष्टीकरण के साथ ही इस मुद्दे को SCOVA की बैठक के एजेंडे से हटा दिया गया।

यह पहली बार नहीं है जब यह मांग उठाई गई है। हाल ही में राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के कर्मचारी पक्ष के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने अपने पत्र में 14 लंबित मांगों को लिस्ट किया था, जिसमें यह मुद्दा सबसे अहम था। उनका कहना है कि इस फैसले से न केवल वित्तीय बोझ कम होगा, बल्कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सम्मानजनक और चिंता मुक्त जीवन जीने में भी मदद मिलेगी।

केंद्र सरकार कर्मचारियों को कैसे मिलेगा इसका फायदा?

अब सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों की निगाहें केंद्र सरकार और आगामी 8वें वेतन आयोग पर टिकी हैं। अगर यह मांग मान ली जाती है, तो लाखों पेंशनभोगियों के लिए यह राहत की बात होगी, वह भी ऐसे समय में जब महंगाई और स्वास्थ्य खर्च दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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