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50 हजार की सैलरी पर कितने लाख का मिलेगा होम लोन? यहां समझें पूरी गणित

Upstox

5 min read | अपडेटेड November 10, 2025, 13:27 IST

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सारांश

50,000 रुपये की नेट सैलरी पर बैंक यह मानता है कि आप 25,000 रुपये तक की किस्त आसानी से चुका सकते हैं। ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि कितने रुपये का लोन मिलेगा? और उससे भी जरूरी कि क्या आपको पूरी क्षमता के बराबर लोन लेना चाहिए?

Home Loan Eligibility 50000 Salary

50,000 की सैलरी पर भी आप सही प्लानिंग के साथ अपने घर का सपना पूरा कर सकते हैं।

अपना खुद का घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि उनकी सैलरी के हिसाब से उन्हें कितना होम लोन मिल सकता है। अगर आपकी भी मंथली इनकम 50,000 रुपये है और आप घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए ही है। आइए, हम आपको आसान भाषा में समझाते हैं कि 50,000 रुपये की सैलरी पर बैंक आपको कितने लाख रुपये तक का कर्ज दे सकता है और इसके पीछे का पूरा गणित क्या है।

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बैंक कैसे तय करता है आपकी लोन की रकम

जब आप होम लोन के लिए बैंक के पास जाते हैं, तो बैंक सबसे पहले आपकी 'रीपेमेंट कैपेसिटी' यानी कर्ज चुकाने की क्षमता का आकलन करता है। इसके लिए बैंक एक खास नियम का इस्तेमाल करते हैं, जिसे 'फिक्स्ड आब्लिगेशन टू इनकम रेशियो' (FOIR) कहा जाता है। ज्यादातर बैंक यह मानते हैं कि आपको अपनी कुल टेक-होम सैलरी (कटौती के बाद हाथ में आने वाली सैलरी) का 50 प्रतिशत तक ही ईएमआई (EMI) के तौर पर देना चाहिए।

अगर आपकी नेट मंथली इनकम 50,000 रुपये है, तो बैंक यह मानेगा कि आप अधिकतम 25,000 रुपये (50,000 का 50%) तक की ईएमआई हर महीने आसानी से चुका सकते हैं।

50 हजार की सैलरी पर कितना लोन मिलेगा?

आपकी 25,000 रुपये की ईएमआई चुकाने की क्षमता के आधार पर ही लोन की कुल रकम तय होती है। यह रकम दो और मुख्य बातों पर निर्भर करती है - पहला, ब्याज दर और दूसरा, लोन की अवधि (टेन्योर)।

मान लीजिए, मौजूदा समय में होम लोन की औसत ब्याज दर 9 प्रतिशत सालाना है। अगर आप 20 साल के लिए लोन लेते हैं: 9% ब्याज दर पर 20 साल के लिए 25,000 रुपये की ईएमआई पर आपको लगभग 27.79 लाख रुपये तक का होम लोन मिल सकता है। (आमतौर पर बैंक इसे 28 लाख रुपये तक मान सकता है)।

अगर आप 25 साल के लिए लोन लेते हैं: अगर आप लोन चुकाने की अवधि बढ़ाकर 25 साल कर देते हैं, तो आपकी लोन लेने की क्षमता बढ़ जाती है। 9% ब्याज पर 25 साल के लिए 25,000 रुपये की ईएमआई पर आपको करीब 29.79 लाख रुपये यानी लगभग 30 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है।

लोन की रकम इन बातों पर भी करती है निर्भर

सिर्फ आपकी सैलरी ही काफी नहीं है। बैंक लोन देने से पहले कई दूसरी चीजों की भी जांच-पड़ताल करता है, जो आपकी लोन की रकम को कम या ज्यादा कर सकती हैं।

1. पहले से चल रहे लोन: बैंक आपकी 25,000 रुपये की ईएमआई क्षमता में से आपके पहले से चल रहे लोन (जैसे कार लोन, पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड का बिल) की ईएमआई को घटा देता है। मान लीजिए, आप पहले से ही 5,000 रुपये की ईएमआई दे रहे हैं, तो बैंक आपकी होम लोन के लिए ईएमआई क्षमता 20,000 रुपये (25,000 - 5,000) ही मानेगा। इससे आपके लोन की रकम घट जाएगी।
2. आपका क्रेडिट स्कोर: आपका क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आपका स्कोर 750 से ऊपर है, तो बैंक आपको आसानी से और शायद कम ब्याज दर पर लोन दे देगा। लेकिन अगर स्कोर खराब है, तो हो सकता है बैंक आपको लोन देने से मना कर दे या ज्यादा ब्याज दर चार्ज करे।
3. आपकी उम्र और नौकरी: बैंक यह देखता है कि आपकी नौकरी कितनी पक्की है और आपकी रिटायरमेंट की उम्र में कितने साल बचे हैं। आमतौर पर लोन चुकाने की अवधि आपकी रिटायरमेंट की उम्र से ज्यादा नहीं हो सकती। आपकी उम्र जितनी कम होगी, आपको उतना ही लंबा लोन टेन्योर मिल सकता है।
4. डाउन पेमेंट (LTV रेशियो): बैंक कभी भी प्रापर्टी की पूरी कीमत का 100 प्रतिशत लोन नहीं देता है। आपको प्रापर्टी की कीमत का 10 से 20 प्रतिशत हिस्सा अपनी जेब से 'डाउन पेमेंट' के तौर पर देना होता है। यानी, अगर बैंक ने आपको 30 लाख का लोन पास कर भी दिया, तो वह प्रापर्टी की कुल कीमत का 80 या 90 प्रतिशत ही होगा।

कुल मिलाकर, 50,000 रुपये की सैलरी पर 28 से 30 लाख रुपये का लोन मिलना संभव है, बशर्ते आपका कोई और लोन न चल रहा हो और आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो। अब यहां सवाल एक सवाल और खड़ा हो जाता है कि क्या आपको जितने रुपए का लोन मिल सकता है, उतना लेना चाहिए। इस बारे में एक्सपर्ट की क्या राय है? चलिए समझते हैं।

मार्केट और टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं कि होम लोन लॉन्ग पीरियड ऑफ टाइम के लिए लिया जाता है। और व्यक्ति आज जितने रुपए का लोन लेता है। अगले 5 साल में लोन का बेस अमाउंट नहीं बढ़ता है, लेकिन उसकी सैलरी बढ़ती रहती है। और चूंकि होम लोन का पैसा एक ऐसेट क्लास में इंवेस्ट करते हैं तो वह लॉन्ग पीरियड ऑफ टाइम में रिटर्न भी देता है। ऐसे में बैंक जितना लोन दे सकता है, उतना लिया जाना कोई बैड डिसिजन नहीं होगा।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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