return to news
  1. PM-Kisan योजना में पहली से लेकर 20वीं किश्त तक कैसे होता रहा सुधार, आधार सीडिंग क्यों हुई अनिवार्य?

पर्सनल फाइनेंस

PM-Kisan योजना में पहली से लेकर 20वीं किश्त तक कैसे होता रहा सुधार, आधार सीडिंग क्यों हुई अनिवार्य?

Upstox

3 min read | अपडेटेड August 06, 2025, 13:26 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

PM-Kisan योजना के तहत हर साल डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए तीन समान किश्तों में 6,000 रुपये किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं।

PM-किसान योजना

पीएम किसान योजना साल दर साल कैसे होती गई और बेहतर

PM-Kisan योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाती है, इसे प्रधानमंत्री द्वारा फरवरी 2019 में कृषि योग्य जमीन वाले किसानों को वित्तीय सहायता देने के लिए शुरू किया गया था। इस योजना के तहत हर साल डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए तीन समान किश्तों में 6,000 रुपये किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं। दरअसल छोटे और सीमांत किसानों की मदद के लिए यह योजना शुरू की गई थी। किसान-केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचे ने यह सुनिश्चित किया है कि इस योजना का फायदा बिना किसी बिचौलिए की भागीदारी के देश भर के सभी किसानों तक पहुंचे। लाभार्थियों के पंजीकरण और वेरिफिकेशन में पूरी तरह से पारदर्शिता बनाए रखते हुए इस योजना की शुरुआत से अब तक भारत सरकार ने 20 किश्तों में 3.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की है।

Open FREE Demat Account within minutes!
Join now
किस तरह से समय के साथ कम हुईं मुश्किलें

पीएम-किसान योजना के लाभ पीएम-किसान पोर्टल पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त सत्यापित आंकड़ों के आधार पर डीबीटी के जरिए लाभार्थियों को ट्रांसफर किए जाते हैं। किसानों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने और योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए पीएफएमएस, यूआईडीएआई और आयकर विभाग के साथ एकीकरण सहित कई तकनीकी उपक्रम शुरू किए गए हैं। इसके अतिरिक्त आधार-आधारित भुगतान और ई-केवाईसी को अनिवार्य बना दिया गया। इससे यह सुनिश्चित करना होता है कि योजना का लाभ किसानों तक निर्बाध रूप से पहुंचे। आंकड़ों में किसी भी विसंगति के मामले में रिकॉर्ड को सुधार के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को वापस भेज दिया जाता है और सही आंकड़े प्राप्त होने पर आगामी रिलीज के साथ इसे तुरंत जारी कर दिए जाते हैं।

19वीं किश्त में सफलता दर 99.92% रहा

यह सुनिश्चित करने के लिए कि योजना का लाभ लाभार्थियों तक सफलतापूर्वक पहुंचे, 13वीं किश्त (दिसंबर 2022 - मार्च 2023) से पीएम-किसान के तहत लाभ जारी करने के लिए आधार-आधारित भुगतान अनिवार्य कर दिया गया है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि योजना का लाभ लाभार्थी के आधार से जुड़े खाते में ट्रांसफर हो जाए। 19वीं किश्त में लेनदेन की सफलता दर 99.92% रहा। अगर अभी भी कोई असफल लेनदेन होता है तो इसे समय-समय पर फिर से संसाधित किया जाता है। लेन-देन की विफलता के प्रमुख कारणों में बैंक द्वारा एनपीसीआई मैपर से आधार संख्या को अलग करना, खाता संख्या में आधार की मैपिंग न करना और खाता बंद करना शामिल हैं। ऐसे मामलों में किसानों और संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को त्रुटि सुधार और उनकी ओर से लंबित मामलों को लेकर सूचित किया जाता है। जैसे ही गलकी ठीक हो जाती है, आगामी रिलीज के साथ योजना का लाभ मिल जाता है।

ELSS
2025 के लिए पाएं बेस्ट टैक्स बचाने वाले फंड्स एक्सप्लोर करें ELSS
promotion image

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

अगला लेख