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7 min read | अपडेटेड October 26, 2024, 01:11 IST
सारांश
डीमैट अकाउंट नंबर (DAN) की अहमियत क्या है और क्यों शेयर मार्केट में लेन-देन करने के लिए, म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के लिए इसका होना जरूरी है। डीमैट अकाउंट नंबर आपको कहीं ना कहीं जरूर मिला होगा, लेकिन इस पर ध्यान हम अक्सर देते नहीं हैं और डॉक्यूमेंट्स के जंजाल में यह कहीं नीचे दब जाता है। अब ऐसे में अगर आपको डीमैट अकाउंट नंबर की जरूरत अचानक से पड़ गई, तो आप अपने पैन कार्ड के जरिए डीमैट अकाउंट नंबर पता कर सकते हैं।
डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल सिक्योरिटीज़ को इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखने और ट्रेड करने के लिए किया जाता है
डीमैट अकाउंट नंबर का पता लगाने के लिए आपका पैन कार्ड अहम रोल निभा सकता है, लेकिन इसके लिए आपको कुछ आसान से स्टेप्स के बारे में पता होना चाहिए। यह जानने से पहले चलिए समझ लेते हैं कि कैसे आप ऑनलाइन डीमैट अकाउंट क्रिएट कर सकते हैं।
सबसे पहले, आपको कुछ डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा करने होंगे, आपका पैन कार्ड, आईडी प्रूफ (प्रूफ ऑफ आइडेंटिटी) और एड्रेस प्रूफ (प्रूफ ऑफ एड्रेस)। एक बार आपके पास ये डॉक्यूमेंट्स हो जाएं, तो आप अपना डीमैट अकाउंट बनाना शुरू कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट खोलने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स आपको करने पड़ेंगे-
1- सबसे पहले, आपको जो ब्रोकर चाहिए, उसकी वेबसाइट पर जाना होगा, इसके बाद एप्लिकेशन फॉर्म में मांगी गई जानकारियां भरनी होंगी। फिर इस एप्लिकेशन को आपको सबमिट करना होगा।
2- ब्रोकरेज फर्म फिर आपके एप्लिकेशन फॉर्म की जांच करेगी जिसके बाद आपको कुछ डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने होंगे, जैसे कि आपका पैन कार्ड,एड्रेस प्रूफ, आईडी प्रूफ और अन्य जरूरी केवाईसी डॉक्यूमेंट्स।
3- जैसे ही आपका वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरा हो जाएगा, आपको एक क्लाइंट आईडी और एक 16 डिजिट का एनएसडीएल होल्डिंग आइडेंटीफायर मिल जाएगा।
डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल सिक्योरिटीज़ को इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखने और ट्रेड करने के लिए किया जाता है। यह आपके पैन कार्ड से जुड़ा हुआ है, और सभी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन इसी अकाउंट के जरिए किए जाते हैं।
डीमैट खाते में पैन कार्ड रखने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपके अकाउंट के लिए एक यूनीक आइडेंटीफायर देता है। इस नंबर से, आप अपने स्टॉक और बॉन्ड की ओनरशिप को वेरिफाई कर सकते हैं। जब आप शेयर बेचना चाहते हैं या और सिक्योरिटीज़ में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो आपको प्रूफ के तौर पर अपना पैन नंबर देना होगा। मान लीजिए कि कोई भी इंसान आपकी पहचान से जुड़ी जानकारियों का आपसे बिना पूछे इस्तेमाल कर रहा हो, ऐसे में वह आपके अकाउंट से ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएंगे, क्योंकि उनके पास सही डिटेल्स ही नहीं होगी।
डीमैट अकाउंट के कई फायदे हैं, लेकिन सिक्योरिटी इसकी सबसे बड़ी खासियत में से एक है, क्योंकि केवल असली ओनर ही ट्रेडिंग के लिए अपनी डीटेल्स का इस्तेमाल कर सकता है। ऐसे में फिजिकल चोरी या धोखाधड़ी का खतरा एकदम खतम हो जाता है, क्योंकि डीमैट अकाउंट के साथ कोई पेपर शामिल नहीं होता है।
आप किसी भी समय अपने ऑनलाइन अकाउंट में लॉग इन कर सकते हैं और अगर जरूरी हो, तो अपने इन्वेस्टमेंट की सिक्योरिटी तय करने के लिए रिमोट एक्सेस भी ले सकते हैं। अगर आपको अपने अकाउंट में फंड के गलत इस्तेमाल का या फिर अनऑथोराइज्ड गतिविधियों का शक है, तो ऐसे में आप अथॉरिटी से संपर्क कर सकते हैं।
डीमैट अकाउंट न केवल आपको सिक्योरिटी देता है, बल्कि यह इन्वेस्टमेंट को आसान भी बनाता है। अलग-अलग ब्रोकरेज फर्म मार्केट में आने के लिए आतुर छोटे ट्रेडर्स और स्टार्टअप के लिए सर्विसेज़ देती हैं। इक्विटी में इन्वेस्ट करना जोखिम भरा है, लेकिन डीमैट अकाउंट की मदद से रिस्क फैक्टर को काफी कम किया जा सकता है। छोटे ट्रेडर्स के पास हमेशा कैश आसानी से उपलब्ध नहीं हो सकता है, इसलिए वे प्रतिस्पर्धी दरों पर ब्रोकर्स से पैसा उधार ले सकते हैं और फिर ट्रेडिंग एक्टिविटीज़ के दौरान उधार चुका सकते हैं।
कोई भी अपना नाम, पता और डीमैट अकाउंट नंबर प्रोवाइड कराए बिना आईटीआर फॉर्म फाइल नहीं कर सकता है। HUFs और कंपनियों को भी अपने अकाउंट्स का एनुअल स्टेटमेंट जमा करने के लिए इसकी जरूरत होती है। कोई भी इंसान अक्सर बैंक के आईएफएससी कोड को डीमैट अकाउंट नंबर समझ लेता है, लेकिन वे पूरी तरह से अलग-अलग चीजें हैं।
अपने डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करके, आप अमेरिकी डॉलर या यूरो जैसी फॉरेन करेंसी खरीद सकते हैं। हालांकि, इंटरनेशनल परचेज़ पर कुछ प्रतिबंध भी लागू होते हैं। करेंसी डीलर्स कस्टमर्स को $50000 तक की करेंसी खरीदने की ही अनुमति देते हैं। अगर आप इससे अधिक फॉरेन करेंसी किसी काम के लिए खरीदना चाहते हैं तो ऐसे में आपको कुछ और डॉक्यूमेंट्स सबमिट करने होंगे इसके अलावा फॉरमल केवाईसी भी करना होगा। फॉरेन करेंसी का रेट ग्लोबल मार्केट के आधार पर बदलता रहता है, इसलिए करेंसी से जुड़े किसी भी लेनदेन को शुरू करने से पहले लेटेस्ट कीमतों के बारे में जरूर पता कर लें।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बॉन्डआकर्षक 8 फीसदी ब्याज दर देता है और इसको अच्छे से ट्रेड किया जा सकता है। इस बॉन्ड के लिए रजिस्टर करने के लिए, आपको कुछ अन्य डीटेल्स के साथ अपना पैन कार्ड नंबर और डीमैट अकाउंट नंबर जमा करना होगा। सभी आरबीआई बॉन्ड पेमेंट्स इलेक्ट्रॉनिक रूप से की जाती है, और रजिस्ट्रेशन प्रोसेस काफी जल्दी हो जाता है और काफी आसानी से भी पूरा हो जाता है।
आप अपने डीमैट अकाउंट के जरिए से किसी भी इन्वेस्टमेंट के लिए टैक्स डिडक्शन के हकदार होंगे। यह इंसेंटिव केवल उन लोगों के लिए है, जिन्होंने इक्विटी और डेट (Debt) इंस्ट्रुमेंट्स में 50,000 रुपये से अधिक का इन्वेस्टमेंट किया है। जिस शख्स की एनुअल इनकम 5 लाख रुपये से कम है, उसको यह छूट नहीं मिलती है।
अगर आप अपना डीमैट अकाउंट नंबर ढूंढ रहे हैं और नहीं जानते कि कहां से शुरू करें, तो स्ट्रेस बिल्कुल मत लीजिए, यह गाइड आपको बताएगी कि अपने पैन कार्ड से कैसे डीमैट अकाउंट नंबर पता करें बस कुछ आसान स्टेप्स में- 1- अपनी च्वॉइस के डीपी के पोर्टल पर सभी जरूरी डीटेल्स के साथ एप्लिकेशन फॉर्म पूरा करें। 2- केवाईसी से जुड़ी सारी डीटेल्स भरें, जैसे आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ, इसे अपने एप्लिकेशन फॉर्म के साथ अपलोड करें। 3- ब्रोकर अपनी ओर से इसकी जांच करेगा। 4- प्रोसेस पूरा करने पर, इन्वेस्टर्स को ईमेल आईडी और फोन नंबर जैसे 2-फैक्टर अथंटीकेशन के जरिए अपनी डिजिटल डीटेल्स की पुष्टि करनी होगी। 5- डिजिटल तरीके पूरे होने के बाद इन्वेस्टर्स को अपने बैंक अकाउंट्स और ईसीएस पेमेंट्स मेथड को वेरिफाई करना होगा। इससे ट्रांजैक्शन तेज और आसान हो जाएगा। 6- एक बार सारे प्रोसेस पूरे हो जाने के बाद, रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर एक वेलकम मेल भेजा जाएगा। 7- इन प्रोसेस के पूरा होने के बाद, इन्वेस्टर्स को रजिस्टर्ड मेल आईडी पर अकाउंट हिस्ट्री, स्टॉक ट्रांजैक्शन डीटेल्स आदि के साथ एन्क्रिप्टेड मेल मिलेंगे। हर मेल के साथ पैन कार्ड नंबर जुड़ा होगा। NSDL, CDSL, या Your DP सर्च कर आप अपना पैन कार्ड नंबर पा सकते हैं।
इन्वेस्ट या ट्रेडिंग करने के लिए, आपको अपने ब्रोकर के पास एक एक्टिव डीमैट अकाउंट रखना होगा, लेकिन कई बार ऐसा भी हो सकता है कि आप ऑर्डर दिए बिना ही अपनी सिक्योरिटीज़ तक पहुंचना चाहें। आप अपने डीमैट अकाउंट की जानकारी सीधे नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) से हासिल कर सकते हैं।
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