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4 min read | अपडेटेड November 12, 2025, 14:13 IST
सारांश
Home Loan Interest Free: होम लोन का ब्याज भरना सबसे ज्यादा चुभता है। लेकिन 'रॉकस्टार' ने 53 लाख के लोन को स्मार्ट तरीके से 'इंटरेस्ट फ्री' बना लिया। यह कमाल उसने कैसे किया। आज की स्टोरी में यही समझने वाले हैं।

Home Loan Interest Free कैसे होगा?
अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन इस सपने के साथ होम लोन का जो भारी-भरकम ब्याज जुड़ता है, वह कई सालों तक जेब पर बोझ बना रहता है। ज्यादातर लोग लोन की मूल रकम से ज्यादा तो सिर्फ ब्याज ही भर देते हैं। लेकिन 'रॉकस्टार' नाम के एक स्मार्ट निवेशक ने एक ऐसा तरीका अपनाया, जिससे उसका 53 लाख रुपये का होम लोन उसे 'इंटरेस्ट फ्री' यानी ब्याज मुक्त पड़ गया। यह कोई जादू नहीं, बल्कि म्यूचुअल फंड SIP की ताकत और वित्तीय अनुशासन (Financial Discipline) का एक शानदार उदाहरण है।
यह कहानी है 'रॉकस्टार' की, जिसने 53 लाख रुपये का होम लोन लिया। जब उसने हिसाब लगाया, तो उसे पता चला कि वह ब्याज के तौर पर लाखों रुपये अतिरिक्त चुकाने वाला है। बस, यहीं उसने एक स्मार्ट प्लान बनाया।
सबसे पहले, आइए 'रॉकस्टार' के होम लोन के गणित को समझते हैं।
इस हिसाब से, 'रॉकस्टार' की मासिक EMI (किश्त) लगभग 45,995 रुपये बनी। 20 सालों में उसने बैंक को कुल 1.10 करोड़ रुपये (45,995 x 240) चुकाए। इसमें से 53 लाख रुपये मूलधन (Principal) था और बाकी 57.38 लाख रुपये सिर्फ ब्याज (Interest) था। यह 57.38 लाख रुपये की रकम ही 'रॉकस्टार' को चुभ रही थी, जिसे उसने वसूलने की ठानी।
'रॉकस्टार' ने फैसला किया कि वह अपनी EMI के बोझ के साथ एक छोटा निवेश भी शुरू करेगा। उसने अपनी EMI का सिर्फ 10% हिस्सा यानी लगभग 4,600 रुपये (45,928 का 10%) हर महीने एक इक्विटी म्यूचुअल फंड SIP में निवेश करना शुरू कर दिया। उसने यह SIP भी ठीक 20 साल के लिए, यानी जब तक उसका होम लोन चलना था, तब तक जारी रखी।
उसने यह मानकर चला कि लंबी अवधि में इक्विटी फंड औसतन 15% का सालाना रिटर्न दे सकते हैं, जो कि ऐतिहासिक रूप से संभव रहा है।
अब देखते हैं कि 20 साल बाद 'रॉकस्टार' के हाथ में क्या आया।
कंपाउंडिंग की ताकत (Power of Compounding) ने यहां अपना असली जादू दिखाया। 15% के अनुमानित सालाना रिटर्न पर, उसके 11.04 लाख रुपये 20 साल में बढ़कर 69.80 लाख रुपये का बड़ा फंड बन गए।
जब 'रॉकस्टार' ने 20 साल बाद अपना हिसाब मिलाया, तो वह खुशी से उछल पड़ा।
'रॉकस्टार' ने SIP से जो 58.76 लाख रुपये कमाए, वह उसके द्वारा चुकाए गए कुल ब्याज 57.23 लाख रुपये से भी ज्यादा थे। इस तरह, उसने न केवल अपना पूरा ब्याज वसूल लिया, बल्कि थोड़े पैसे ज्यादा ही कमा लिए। इस स्मार्ट रणनीति ने उसके 53 लाख के होम लोन को प्रभावी रूप से 'ब्याज मुक्त' बना दिया। यह कहानी सिखाती है कि अगर EMI के साथ थोड़ी सी SIP का अनुशासन जोड़ दिया जाए, तो बड़े वित्तीय लक्ष्यों को भी साधा जा सकता है।
अब यहां सवाल ये आता है कि अगर ये सेम स्ट्रेटजी आप भी फॉलो करते हैं तो क्या आपको भी 15 फीसदी का सालाना रिटर्न मिलेगा। इस सवाल के जवाब के लिए हमने मार्केट एक्सपर्ट बलवंत जैन से बात की। उन्होंने कहा कि देखिए, कई फंड लॉन्ग टर्म में 15 फीसदी या उससे ज्यादा का रिटर्न देते हैं। लेकिन अगर आप मार्केट के एवरेज रिटर्न को देखें तो यह 12 फीसदी ही आता है। इस हिसाब से आपको अपनी EMI का 15 फीसदी या उससे ज्यादा इंवेस्ट करना होगा।
अगर हम इसी लोन अमाउंट के कैलकुलेशन को मंथली EMI के 15 फीसदी का एसआईपी कर देते हैं, तो फिर 20 साल में 12 फीसदी के रिटर्न के साथ 68.94 लाख का फंड बन जाएगा, जो आपके होम लोन पर चुकाए ब्याज को बीट कर सकता है। लेकिन ध्यान रखें अगर रिटर्न कम बना तो फिर आपको मुनाफा भी कम होगा।
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