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  1. GST में बदलाव को GoM ने दी मंजूरी, अब होंगे सिर्फ 5% और 18% के टैक्स स्लैब

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GST में बदलाव को GoM ने दी मंजूरी, अब होंगे सिर्फ 5% और 18% के टैक्स स्लैब

Upstox

3 min read | अपडेटेड August 21, 2025, 14:24 IST

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सारांश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनसेशन सेस, इंश्योरेंस और रेट सुधारों को लेकर मंत्रियों के समूह (GoMs) से बातचीत की। उन्होंने कहा कि टैक्स ढांचे में संरचनात्मक बदलाव की जरूरत है। सीतारमण ने बताया कि रेट का सही संतुलन बनाने से आम आदमी, किसान, मिडिल क्लास और MSME को राहत मिलेगी।

GST

GST rate rationalisation: अब जीएसटी की मौजूदा चार स्लैब सिस्टम को घटाकर सिर्फ दो स्लैब कर दिए जाएंगे।

गुरुवार को GST रेट सुधार पर हुई अहम बैठक में राज्यों ने केंद्र के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अब जीएसटी की मौजूदा चार स्लैब सिस्टम को घटाकर सिर्फ दो स्लैब कर दिए जाएंगे। पहला स्लैब 5% का होगा, जो जरूरी सामान और सेवाओं पर लगेगा। वहीं, 18% टैक्स सामान्य सामान और सेवाओं पर लगाया जाएगा। इसके अलावा, कुछ सिन गुड्स जैसे तंबाकू, शराब जैसी वस्तुओं पर 40% टैक्स जारी रहेगा। साथ ही, लग्जरी कारों को भी इसी 40% टैक्स स्लैब में रखा जाएगा।

GoM में कौन-कौन हैं?

यह प्रस्ताव छह सदस्यीय मंत्रियों के समूह (GoM) की बैठक में पास हुआ, जिसकी अध्यक्षता बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने की। इस पैनल में यूपी के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह, पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा और केरल के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल शामिल थे।

किसान, मिडिल क्लास को होगा फायदा: वित्त मंत्री

20 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनसेशन सेस, इंश्योरेंस और रेट सुधारों को लेकर मंत्रियों के समूह (GoMs) से बातचीत की। उन्होंने कहा कि टैक्स ढांचे में संरचनात्मक बदलाव की जरूरत है। सीतारमण ने बताया कि रेट का सही संतुलन बनाने से आम आदमी, किसान, मिडिल क्लास और MSME को राहत मिलेगी, साथ ही टैक्स सिस्टम को आसान, पारदर्शी और विकास उन्मुख बनाया जा सकेगा।

यह पहली बार है जब केंद्र ने औपचारिक तौर पर जीएसटी में बड़े बदलाव का प्रस्ताव पेश किया है। इससे पहले तक ऐसे सुधार मुख्य रूप से मंत्रियों के ग्रुप और जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों पर आधारित होते थे।

बीमा पॉलिसी पर जीएसटी छूट

बीमा पर मंत्री समूह की बुधवार शाम बैठक हुई और व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी छूट देने के केंद्र के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। व्यक्तिगत बीमा पॉलिसी पर जीएसटी छूट दिए जाने से सालाना करीब 9,700 करोड़ रुपये की रेवेन्यू लॉस होने का अनुमान है। हालांकि अधिकतर राज्य इस पर सहमत थे।

राज्यों ने इस बात पर भी जोर दिया कि जीएसटी काउंसिल को एक ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि जीएसटी कटौती का लाभ पॉलिसी धारकों तक पहुंचे।

मौजूदा समय में पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है। खाद्य और जरूरी वस्तुओं पर शून्य या 5 फीसदी कर लगता है। वहीं विलासिता एवं अहितकर वस्तुओं पर 28 फीसदी की दर से कर लगता है, जिसके ऊपर सेस भी लगता है।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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